UPSC Political science (PSIR) Optional Question Paper 2015: प्रश्न पत्र I

खण्ड- A

1. निम्नलिखित में से प्रत्येक पर लगभग 150 शब्दों में टिप्पणी लिखिए:

(a) नैसर्गिक अधिकारों का विचार
(b) अरस्तू की समता की संकल्पना
(c) रॉल्स की न्याय की थियोरी में ‘विशिष्टता सिद्धांत’
(d) सहभागी और विचार-विमर्शी लोकतंत्र में अंतर
(e) राज्य के संबंध में गांधी के विचार

2. (a) समकालीन विश्व में राज्य की प्रभुता की चुनौतियों का परीक्षण कीजिए।
(b) मार्क्सवाद-पूर्व समजवानी थियोरी के प्रमुख अभिलक्षणो पर चर्चा कीजिए।
(c) राज-कला पर कौटिल्य और मैकियावेली के विचारों में समानताओं और विषमताओं का उल्लेख कीजिए।

3. (a) “प्लेटों अप्रतिबंधित समाज का एक शत्रु था।” (पॉपर) समीक्षा कीजिए।
(b) मार्क्सवादी थियोरी में आधार और अधिरचना के मध्य संबंध का विवेचन कीजिए।
(c) शक्ति और प्राधिकार के बीच विभेदन कीजिए।

4. (a) पूंजीवादी समाजों में ‘विधिसम्मतता का संकट’ की विवेचना कीजिए। (हाबरमास)
(b) ग्राम्सी के जैविक बुद्धिजीवियों (ऑर्गेनिक इंटेलेक्चुअल्स)’ के अभिप्राय की विवेचना कीजिए।
(c) डेविड ईस्टन के तंत्र-विश्लेषण के मॉडल पर चर्चा कीजिए।

खण्ड ‘B’

5. निम्नलिखित पर टिप्पणियाँ लिखिए, जो प्रत्येक लगभग 150 शब्दों में हो:

(a) भारतीय संविधान में धर्म-निरपेक्षता
(b) भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन में एक रणनीति के रूप में सत्याग्रह
(c) भारतीय संविधान का 99 वाँ संशोधन
(d) ‘नीति’ आयोग की संरचना व उसका प्रकार्य
(e) भारत में सहकारी परिसंघवाद

6. (a) भारत में न्यायिक पुनर्विलोकन की प्रभावोत्पादकता की विवेचना कीजिए।
(b) भारतीय संविधान द्वारा राज्यपाल को प्रदान की गई वैवेकिक शक्तियों का समालोचनात्मक विश्लेषण कीजिए।
(c) “भारत में पहचान राजनीति ने विकास राजनीति को मात दे दी है।” टिप्पणी कीजिए।

7. (a) 1991 से अपनाई गई नव-आर्थिक नीतियों के आलोक में भारतीय संविधान की उद्देशिका में ‘समाजवादी’ शब्द की प्रासंगिकता का परीक्षण कीजिए।
(b) भारत में केंद्र-राज्य संबंधों में विवादित क्षेत्रों को चिन्हित कीजिए।
(c) ‘शिक्षा का अधिकार’ और उसके द्वारा उठाए गए सरोकारों पर चर्चा कीजिए।

8. (a) भारत में लोकतंत्र की जड़ें गहरी करने में पंचायती राज संस्थाओं और नगरीय स्थानीय निकायों की भूमिका का परीक्षण कीजिए।
(b) विकास के नेहरूवादी और गांधी वादी मॉडलों की तुलना कीजिए।
(c) प्रादेशिक राजनीतिक दलों के उदय का कारण बताइए तथा समकालीन भारत में उनकी भूमिका का आकलन कीजिए।


UPSC Political science (PSIR) Optional Question Paper 2015: प्रश्न पत्र II

खण्ड- A

1. निम्नलिखित प्रत्येक प्रश्न का त्तर लगभग 150 शब्दों में दीजिए:

(a) तुलनात्मक राजनीति के मुख्य उपागम कौन-से हैं? तुलनात्मक जाँच के अध्ययन के राजनीतिक अर्थशास्त्रीय उपागम की संक्षेप में व्याख्या कीजिए।
(b) क्या आप इस विचार को मानते हैं कि राज्य और राजनीति की आधुनिक परिकल्पनाएं परमुखतः यूरो-केंद्रित हैं और न तो यह देशज हैं और न ही गैर-पश्चिमी समाजों के विश्लेषण के लिए उपयुक्त हैं?
(c) हंस जे. मॉर्गनथाउ के क्लासिकी यथार्थवाद एवं कैनेथ वॉल्ट्ज के नवयथार्थवाद के मध्य मुख्य अंतरों की पहचान कीजिए। शीत युद्ध के बाद अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के विश्लेषण हेतु कौन-सा उपागम सर्वाधिक अनुकूल है?
(d) क्या वैश्वीकरण आवश्यक रूप से पूंजीवादी आधुनिकता के ‘सार्विकीकरण’ (यूनिवर्सलाइजेशन)की प्रक्रिया है?
(e) हित समूहों एवं दबाव समूहों के मध्य क्या अंतर है? क्या भारत में दबाव समूह अपने सदस्यों के हितों को पूर्णतया सुरक्षित एवं संवर्धित करने की स्थिति में है?

2. (a) ‘लोकतंत्र के लिए संघर्ष पर कटु कलह और मुसीबतों के चिन्ह लगे हुए हैं।’
पाकिस्तान, नेपाल और म्यांमार के मामलों के उदाहरण प्रस्तुत करते हुए, इस कथन का परीक्षण कीजिए।
(b) नाभिकीय भयारोध (न्यूक्लियर डिटरेंस) की थियोरी पर चर्चा कीजिए। क्या नाभिकीय भयारोध (निवारण) ने महाशक्तियों के मध्य युद्ध को रोके रखा?
(c) ‘सहस्राब्दि विकास लक्ष्य’ (एम. डी.जी.)के वास्तविक उद्देश्य क्या हैं? क्या आपके विचार में सहस्राब्दिविकास लक्ष्य निर्धनता न्यूनीकरण और धारणीय विकास (सस्टेनेबल डेवलेपमेंट) के वांछित लक्ष्यों को प्राप्त करने में सफल हुए हैं?

3. (a) क्या आप समर्थन करते हैं कि मानव अधिकारों पर पारंपरिक (रूढ़िगत) प्रवचन महिला अधिकारों को शामिल करने में विफल रहा है? नारी अधिकारवादी थियोरियों के संदर्भ में स्पष्ट कीजिए।
(b) अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष व विश्व बैंक द्वारा प्रभावित विश्व शासन रचनातंत्र कहाँ तक विधिसम्मत और प्रासंगिक हैं? वैश्विक शासन में उनकी प्रभाविता को बढ़ाने के लिए आप क्या उपाय सुझाएंगे?
(c) सोवियत संघ के विघटन (बिखराव) और अंतर्राष्ट्रीय राजनीति पर उसके प्रभाव की चर्चा कीजिए।

4. (a) क्या संयुक्त राष्ट्र साइ की आर्थिक एवं सामाजिक व्यवस्थाओं का सुधार प्रभावोत्पादक (प्रभावी) रहा है?
(b) ‘यूरोपीय संघ विश्व राजनीतिक दृष्टि से सर्वाधिक प्रभावशाली, आर्थिक रूप से शक्तिशाली एवं जनसांख्यिकीय दृष्टि से विविधापूर्ण प्रादेशिक सत्ता बन गया है।’ चर्चा कीजिए।
(c ) यह क्यों है कि आर्थिक और नव-उदारवादी वैश्वीकरण पर अन्दर से, यहाँ तक कि विकसित देशों के भीतर से भी, प्रश्न उठाए जा रहे हैं? इस प्रकार के वैश्वीकरण के आर्थिक परिणाम क्या हैं?

खण्ड ‘B’

5. निम्नलोकहित प्रत्येक प्रश्न का उत्तर लगभग 150 शब्दों में दीजिए:

(a) देश की सामाजिक संरचना उसके विदेश नीति-निर्माण को प्रभावित करती है। भारत की सामाजिक संरचना इसकी विदेश नीति के क्रम एवं दिशा को किस प्रकार प्रभावित करती है?
(b) स्वतंत्रता प्राप्ति से ‘गुटनिरपेक्षता’ भारत की विदेश नीति का आधारिक सिद्धांत रहा है। समकालीन संदर्भ में इसकी प्रासंगिकता की विवेचना कीजिए।
(c) दक्षिण एशिया में प्रादेशिक सहयोग के समक्ष बाध्यताओं/चुनौतियों की पहचान कीजिए।
(d) उत्तर-पूर्व भारत में नृजातीय संघर्षों एवं विद्रोहों को पड़ोसी देशों के साथ संबंधों को सुधारने के द्वारा ज्यादा अच्छा व्यवस्थित किया जा सकता है। इस कथन को उचित उदाहरण देकर प्रमाणित कीजिए।
(e) भारत के विदेश नीति-निर्माण को संसद किस प्रकार निर्धारित और प्रभावित करती है?

6. (a) वर्ष 2000 से पूर्व, भारत-अमेरिकी सम्बन्ध मैत्री से ज्यादा मनमुटाव को संकेतित करते हैं। इसका क्या कारण है?
(b) ‘आर्थिक हित भारत की विदेश नीति में मुख्य घटक के रूप में उभरकर आया है।’ इस कथन की विवेचना भारत द्वारा चीन, जापान और मध्य एशियाई गणराज्यों के साथ सम्बन्धों के साथ सम्बन्धों को सुधारने की पहलकदमी के संदर्भ में कीजिए।
(c) वर्ष 1998 में, भारत ने स्वयं को एक नाभिकीय शस्त्र सम्पन्न राष्ट्र घोषित किया था। भारत परमाणु अप्रसार संधि (NPT) और व्यापक परमाणु परीक्षण प्रतिबंध संधि (CTBT) पर हस्ताक्षर करने से इनकार करता है। यदि भारत इन दोनों संधियों पर हस्ताक्षर कर देता है, तो इसके भारत की नाभिकीय नीति के लिए क्या निहितार्थ होंगे?

7. (a) नव विश्व-व्यवस्था की परिकल्पना भारत की विदेश नीति के प्रमुख उद्देश्य के रूप में उभर कर ऊपर आई है। इस सम्बन्ध में भारत द्वारा की गई नीतिगत पहलदमी और उसके सामने आने वाली चुनौतियों की चर्चा कीजिए।
(b) लैटिन अमेरिका में भारत की उपस्थिति में कमी आने के कारकों की विवेचना कीजिए।
(c) भारत और इसके पड़ोसियों के मध्य नदी जल विवाद उत्तेजना के प्रमुख स्रोत के रूप में उभर रहे हैं। विवादों के स्रोतों की पहचान कीजिए और उपचारी उपाय सुझाइए।

8. (a) संयुक्त राष्ट्र संघ 2015 में अपनी स्थापना के 70 वर्ष पूर्ण कर रहा है। शासन की वैश्विक संस्थाओं को मजबूत करने के लिए, भारत किन सुधारों के लिए कह रहा है। और क्यों?
(b) इजराइल और अरब जगत के बीच अपने सम्बन्धों को संतुलित करने के लिए, भारत द्वारा की गई यथार्थवादी विदेश नीति की पहलों पर चर्चा कीजिए।
(c) यमन और इराक की तरह संकट-ग्रस्त खाड़ी देशों में भारत द्वारा अदा की गई लोकोपकारी भूमिका की विवेचना कीजिए।


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