UPSC Political science (PSIR) Optional Question Paper 2018: प्रश्न पत्र I

खण्ड- A

1. निम्नलिखित में से प्रत्येक पर लगभग 150 शब्दों में टिप्पणी लिखिए:

(a) जान स्टुअर्ट मिल एक ‘अनिच्छुक लोकतंत्रवादी’ है। -सी. एल. वेपर
(b) राजनीतिक थियोरी का ह्रास
(c) वितरणात्मक न्याय
(d) तात्विक लोकतंत्र
(e) “राज्य के विरुद्ध कुछ नही, इसके ऊपर कुछ नहीं, इसके आगे कुछ नहीं।” – मुसोलिनी

2. (a) राज्य की नव-उदारवादी थियोरी का समालोचनात्मक परीक्षण कीजिए।
(b) न्याय का अभिप्राय को प्राप्त करने के लिए, भेदभाव का जान राल्स द्वारा औचित्य स्थापन का विश्लेषण कीजिए।
(c) समता का अभिप्राय न्यायोचित बर्ताव है ण् कि समान बर्ताव। टिप्पणी कीजिए।

3.(a) मानव अधिकारों की तीन पीढ़ियों से आप क्या समझते हैं?
(b) लोकतंत्र पर मैकफ़रसन के विचारों का समालोचनात्मक परीक्षण कीजिए।
(c) शक्ति, प्राधिकार और औचित्यपूर्णता के बीच सम्बन्धों को स्पष्ट कीजिए।

4.(a) जॉन लाक उदारवाद का जनक है। स्पष्ट कीजिए।
(b) ‘जाति का विलोपन’ पर अंबेडकर के विचारों पर चर्चा कीजिए।
(c) धर्म और राजनीति पर, मैकियावेली के विचारों का समालोचनात्मक परीक्षण कीजिए।

खण्ड ‘B’

5. निम्नलिखित में से प्रत्येक पर लगभग 150 शब्दों में टिप्पणी कीजिए:

(a) 1857 का विद्रोह एक ‘सिपाही बगावत’ है या कि ‘स्वतंत्रता का प्रथम संग्राम’ है।
(b) भारतीय संविधान ‘वकीलों का स्वर्ग’ है। – आयवर जेनिंग्स
(c) नवीन पंचायत राज नारी सशक्तिकरण के लिए एक प्रभावशाली साधन है।
(d) वस्तु और सेवा कर (जी. एस. टी.) और ‘नीट’ का क्रियान्वयन भारत के संघवाद को एक प्रमुख चुनौती है।
(e) भारत में, राजनीतिक दलों की अपेक्षा राजनीतिक व्यक्ति अधिक महत्वपूर्ण है।

6.(a) क्या न्यायिक सक्रियता ने भारत में संसदीय लोकतंत्र को कमजोर बना दिया है या कि मजबूत बना दिया है? विवेचना कीजिए।
(b) क्या उपराज्यपालों को राज्यों के राज्यपालों से अधिक शक्तियां प्राप्त हैं? स्पष्ट कीजिए।
(c) उत्तर-पूर्व भारत में, नृजातीय संघर्षों का समालोचनात्मक परीक्षण कीजिए।

7. (a) पंचायत विस्तार सेवा अधिनियम (पी. ई. एस. ए.), 1996 के उपबंधों का परीक्षण कीजिए।
(b) भारत में उच्च सिविल सेवाओं में ‘पार्श्विक प्रवेश’ के पक्ष एवं विपक्ष में तर्कों का विश्लेषण कीजिए।
(c) भारत में, असममित संघवाद की विवेचना कीजिए।

8.(a) भारत में कृषि संबंधी संकट के विभिन्न कारणों का परीक्षण कीजिए।
(b) राष्ट्रीय राजनीति में प्रादेशिक राजनीतिक दलों की बढ़ती हुई भूमिका को स्पष्ट कीजिए।
(c) तूतीकोरिन, तमिलनाडु में, पर्यावरणवादी आन्दोलन का समालोचनात्मक विश्लेषण कीजिए।


UPSC Political science (PSIR) Optional Question Paper 2018: प्रश्न पत्र II

खण्ड- A

1. निम्नलिखित प्रत्येक प्रश्न का उत्तर लगभग 150 शब्दों में दीजिए:

(a) तुलनात्मक राजनीति के बदलते हुए स्वरूप का वर्णन कीजिए। तुलनात्मक राजनीति के अध्ययन के राजकीय अर्थशास्त्र उपागम को संक्षेप में समझाइए।
(b) 21 वीं शताब्दी में समावेशी संवृद्धि के संदर्भ में, विकासशील समाजों में राज्य के बदलते हुए स्वरूप का वर्णन कीजिए।
(c) विकासशील देशों में राजनीतिक सहभागिता निर्धारित करने में पहचान कितनी बाड़ी भूमिका निभाती है? अपने उत्तर पर उपयुक्त उदाहरणों के साथ चर्चा कीजिए।
(d) हाँस मोर्गेन्थाऊ के क्लासिकी यथार्थवाद और केनेथ वाल्ट्ज के नव्यथार्थवाद के बीच प्रमुख भिन्नताओं पर प्रकाश डालिए।
(e) जोसेक नाई के अनुसार, किसी देश की नरम शक्ति (सॉफ्ट पावर) के प्रमुख स्रोत क्या -क्या हैं? समकालीन विश्व राजनीति में, इसकी प्रासंगिकता पर चर्चा कीजिए।

2. (a) विश्व राजनीति की गई-पश्चिमी विश्व के एक अनन्य योगदान के रूप में, गुट निरपेक्ष आन्दोलन के महत्व पर चर्चा कीजिए।
(b) ट्रम्प के “अमरीका सर्वप्रथम” (अमरीका फर्स्ट) और शी के “चीनी स्वप्न” (चाइनीज ड्रीम) के विश्व राजनीति पर पड़ने वाले परिणामों पर चर्चा कीजिए।
(c) “कुछ लोग यह महसूस करते हैं कि बहुराष्ट्रीय निगम (एम. एन. सी.) आर्थिक संवृद्धि के अत्यावश्यक नवीन मार्ग हैं, जबकि अन्य महसूस करते हैं कि वे अल्प-विकास को स्थायी बनाए रखते हैं। ” चर्चा कीजिए।

3.(a) युद्ध क्षेत्रों में महिलाओं की सुरक्षा पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 1325 की प्रासंगिकता पर चर्चा कीजिए।
(b) क्या आप सहमत होंगे कि अंतर्राष्ट्रीय पर्यावरणीय राजनीति पर चल रहे वाद-विवादों का ऐतिहासिक जिम्मेदारी और विकसीय माडल पर एक नए उत्तर-दक्षिण वैचारिक विभाजन के द्वारा बाधित होना जारी है? अपने उत्तर को उपयुक्त उदाहरणों के साथ सुस्पष्ट कीजिए।

(c) “अपने प्रारंभ से ही दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (सार्क) अपने वादों को पूरा करने में असफल रहा है।” संगठन को पुनः शक्ति प्रदान करने के लिए क्या-क्या पहलें की जानी चाहियें?

4.(a) मानव अधिकारों पर चल रहे वाद-विवादों के संदर्भ में “एशियाई मूल्यों” की धारणा का समालोचनात्मक परीक्षण कीजिए।
(b) कोरियाई प्रायद्वीप के वि-नभिकीयकरण की संभावनाओं पर ट्रम्प-किम सिंगापूर शिखर सम्मेलन के निहितार्थों पर चर्चा कीजिए।
(c) अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के अध्ययन के प्रकार्यात्मक उपागम का समालोचनात्मक परीक्षण कीजिए।

खण्ड ‘B’

5. निम्नलिखित प्रत्येक प्रश्न का उत्तर लगभग 150 शब्दों में दीजिए:

(a) क्या आप इस विचार से सहमत हैं कि भारत की विदेश नीति उत्तरोत्तर नव-उदारवादी दृष्टिकोण के द्वारा निर्धारित की जा रही है? सविस्तार स्पष्ट कीजिए।
(b) “अक्सर कहा जाता है कि भारत के पास एक समृद्ध सामरिक संस्कृति (स्ट्रेटेजिक कल्चर) है।” चर्चा कीजिए।
(c) हाल के रोहिंग्या शरणार्थी मुद्दे पर भारत के अभिनत का मूल्यांकन कीजिए।
(d) “पूर्ववर्ती शासनों की विदेश नीति की तुलना में भारत की वर्तमान विदेश नीति महत्वपूर्ण गुणात्मक परिवर्तनों को चिन्हित करती है।” चर्चा कीजिए।
(e) उत्तर-पूर्व भारत के मूलवासियों के सरोकारों के प्रकाश में, भारत की ‘पूर्व की ओर देखो नीति’ के महत्व का विश्लेषण कीजिए।

6.(a) विश्व व्यापार संगठन (WTO) में भारत की बहुदलीय कूटनीति (कोएलिशनल डिप्लोमेसी) ने व्यापक सराहना अर्जित की है। भारत की बहुदलीय कूटनीति की सफलता के क्या कारण हैं?
(b) “भारतीय तकनीकी एवं आर्थिक सहयोग (आइ टेक) के अधीन भारत के क्षमता निर्माण कार्यक्रमों के द्वारा भारत ने अफ्रीका में अपने लिए बहुत सद्भावना अर्जित कर ली है।” चर्चा कीजिए।
(c) “विकासशील देशों के लिए भारत की अनुसंधान एवं सूचना प्रणाली” (आर. आई. एस.) दक्षिण-दक्षिण सहयोग के क्षेत्र में एक प्रमुख पहल है। चर्चा कीजिए।

7.(a) विदेशों में भारत की नरम शक्ति (सॉफ्ट पावर) की प्रोन्नति करने में भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (आई. सी. सी. आर.) की भूमिका पर चर्चा कीजिए।
(b) भारत-अमरीका संबंधों की प्रोन्नति करने में भारतीय प्रवासियों की भूमिका पर चर्चा कीजिए।
(c) भारत द्वारा सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता प्राप्त करने के रास्ते में, विभिन्न बाधाओं पर चर्चा कीजिए।

8. (a) क्या आपके विचार में अफगानिस्तान में भारत की क्षमता निर्माण भूमिका ने वहाँ पाकिस्तान के सामरिक क्षेत्र को संकुचित कर दिया है। चर्चा कीजिए।
(b) व्यापार एवं पर्यावरण के क्षेत्रों में भारत एवं चीन मे मध्य विकसित होती हुई अभिसारिता (कन्वर्जेन्स) का समालोचनात्मक आकलन कीजिए।
(c) क्या आप सहमत हैं कि चीन की बढ़ती हुई आग्रहिता बहुस्तरीय भारत-जापान संबंधों की तरफ ले जा रही है? टिप्पणी कीजिए।


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