UPSC Political Science (PSIR) Optional Question Paper 2022: प्रश्न पत्र I
खण्ड- A
1. निम्नलिखित में से प्रत्येक पर लगभग 150 शब्दों में लिखिए :
(a) व्यवस्था उपागम
(b) सांस्कृतिक सापेक्षवाद
(c) “स्थायी रूप से क्रांति”
(d) शक्ति के आधार
(e) लॉक का सामाजिक अनुबंध
2. (a) वर्तमान में नव-उदारवाद के आधिपत्य को समुदाय, संस्कृति तथा राष्ट्र जैसे कारक कमजोर करते हैं। विवेचना कीजिए।
(b) “संपत्ति की समानता का कारण है तथा शक्ति की समानता स्वतंत्रता है।” टिप्पणी कीजिए।
(c) लोकतंत्र का अभिजन सिद्धांत ‘लोगों के शासन’ के रूप में लोकतंत्र की संभावना को नकारता है। स्पष्ट कीजिए।
3. (a) समकालीन राजनीति में राज्य के उदारवादी सिद्धांत का परीक्षण कीजिए।
(b) मानवाधिकार जटिल और विवादित सामाजिक प्रथा है जो व्यक्तियों, समाज और राज्य के बीच संबंधों को सुव्यवस्थित करता है। टिप्पणी कीजिए।
(c) हॉब्स की सर्वाधिकारवादी विचारधारा में व्यक्तिवाद अंतर्निहित है। टिप्पणी कीजिए।
4. (a) डॉ ० अम्बेडकर के सामाजिक न्याय की अवधारणा ‘समतावादी न्याय’ की ओर ले जाती है, इसकी तुलना में रॉल्स के ‘निष्पक्षता के रूप में न्याय (जस्टिस ऐज फेयरनेस)’ का उद्देश्य ‘शुद्ध प्रक्रियात्मक न्याय’ है। टिप्पणी कीजिए।
(b) “ग्राम सभा के साथ पंचायतें इस प्रकार संगठित हों कि कृषि तथा औद्योगिक क्षेत्रों में विकास के लिए स्थानीय स्तर पर उपलब्ध संसाधनों की पहचान कर सके।” ग्राम स्वराज के संदर्भ में इस कथन का परीक्षण कीजिए।
(c) न्याय के पात्रता सिद्धांत का परीक्षण कीजिए।
खण्ड ‘B’
5. निम्नलिखित में से प्रत्येक पर लगभग 150 शब्दों में लिखिए :
(a) स्वतंत्रता-पूर्व काल में भारत में श्रमिक आन्दोलन का विश्लेषण कीजिए।
(b) भर्ती संविधान की उद्देशिका अपने में ‘सामाजिक समझौते’ को दर्शाती है। व्याख्या कीजिए।
(c) विधान परिषद बिना प्रभावशाली शक्तियों वाला सदन है। टिप्पणी कीजिए।
(d) राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग कितनी सशक्त संस्था है? प्रभावशाली समुदायों में पिछड़ेपन की बढ़ती मांग के संदर्भ में इसकी भूमिका का आकलन कीजिए।
(e) उत्तर-उदारीकरण काल में उपभोग पद्धतियों और आर्थिक गतिविधियों के प्रति उच्च समर्पण ने भारत में पर्यावरणीय आन्दोलनों को असफलता की ओर प्रशस्त किया है। व्याख्या कीजिए।
6. (a) मतदाताओं का मतदान व्यवहार राजनीतिक कारकों की तुलना में सामाजिक एवं आर्थिक कारकों से ज्यादा प्रभावित होता है। स्पष्ट कीजिए।
(b) संविधान के आधारभूत ढांचे के सिद्धांत ने उच्चतम न्यायालय की न्यायिक पुनर्विलोकन की शक्ति को विस्तारित किया है। परीक्षण कीजिए।
(c) अंतर-राज्य परिषद के गठन तथा कार्यों का वर्णन कीजिए। यह संस्था कहाँ तक अपने उद्देश्यों को प्राप्त करने में सफल हुई है?
7.(a) 73 वें संवैधानिक संशोधन की मुख्य विशेषताओं का परीक्षण कीजिए। क्या आप मानते हैं कि यह संशोधन समाज के वंचित वर्गों के सशक्तिकरण के उद्देश्य को प्राप्त करने में सहायक होगा?
(b) स्पीकर सदन की स्वतंत्रता और गरिमा का प्रतिनिधित्व करता है। परीक्षण कीजिए।
(c) भारत में कृषि विकास को बढ़ावा देने और मजबूत करने के उद्देश्य से चौदहवें वित्त आयोग के अंतर्गत नीतिगत पहलों की विवेचना कीजिए।
8. (a) नरिजतीयता एक अंतर्निहित कारण है जिसने भारत के उत्तर-पूर्व क्षेत्र में समस्याओं के समाधान में एक बड़ी चुनौती पेश की है। टिप्पणी कीजिए।
(b) भारतीय संविधान के निर्माण को ‘सामाजिक क्रांति’ की ओर एक प्रयास के परिप्रेक्ष्य में वर्णित किया जाता है। टिप्पणी कीजिए।
(c) यह कहना कहाँ तक सही है कि क्षेत्रीय दलों ने भारतीय लोकतंत्र तथा संघीय व्यवस्था को मजबूत किया है? उपयुक्त उदाहरणों के साथ अपने उत्तर की पुष्टि कीजिए।
UPSC Political Science (PSIR) Optional Question Paper 2022: प्रश्न पत्र II
खण्ड- A
1. निम्नलिखित में से प्रत्येक का लगभग 150 शब्दों में उत्तर दीजिए।
(a) राजनीति विज्ञान के अध्ययन में तुलनात्मक प्रणाली की मुख्य सीमाओं का विवेचन कीजिए।
(b) वैश्वीकरण के दौर में विकासशील राष्ट्रों को किस तरह की मुख्य चुनौतियों का सामना करना पद रहा है?
(c) अंतर्राष्ट्रीय राजनीति के अध्ययन में मार्क्सवादी एवं यथार्थवादी दृष्टिकोणों के बीच की समानताओं का विवेचन कीजिए।
(d) विश्व की द्विध्रुवी संरचना बहुध्रुवी की अपेक्षा ज्यादा स्थिर होती है। टिप्पणी करें।
(e) राष्ट्रीय हित एक मूलतः विवादित संकल्पना है। टिप्पणी करें।
2.(a) चुनावी लोकतंत्र ने किस प्रकार स् लोगों की भागीदारी को प्रजातान्त्रिक प्रक्रिया से संवर्धित किया है?
(b) विकासशील समाजों में लोकतान्त्रिक प्रक्रिया को मजबूती प्रदान करने में सामाजिक आन्दोलनों की भूमिका का विवेचन कीजिए।
(c) अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय की संरचना का वर्णन कीजिए। इसके स्वैच्छिक क्षेत्राधिकार का विवेचन कीजिए।
3.(a) जनवादी चीन गणराज्य (पी आर सी) का एक महान शक्ति के रूप में उदय तथा एशियाई राजनैतिक व्यवस्था पर इसके निहितार्थों का आलोचनात्मक विवेचन कीजिए।
(b) सामूहिक सुरक्षा के वैचारिक आयामों की विवेचना कीजिए।
(c) अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद का सामना करने हेतु वैश्विक अभिसमयों की प्रभावोत्पादकता की विवेचना कीजिए।
4.(a) विकासशील एवं विकसित देशो के बीच डब्ल्यू टी ओ में मत्स्य पालन वार्ता में उत्पन्न गतिरोध के कारणों की पहचान एवं मूल्यांकन करें।
(b) अराजक विश्व में देशो को अपनी उत्तरजीविता सुनिश्चित करने हेतु यथार्थवादी उपाय क्या है?
(c) रूसी-यूक्रेन संकट ने यूरोपीय संघ (ई यू) के सदस्य देशो की ऊर्जा जरूरतों पर एक काली परछाई डाल दी है। टिप्पणी करें।
खण्ड ‘B’
5. निम्नलिखित में से प्रत्येक का लगभग 150 शब्दों में उत्तर दीजिए।
(a) शांतिपूर्ण सह अस्तित्व भारत के विदेश नीति की आधारशिला है। टिप्पणी करें।
(b) दक्षिण एशिया के सदस्य देशों के बीच गहन आर्थिक सहयोग को बढ़ाने हेतु उपायों एवं साधनों का विवेचन कीजिए।
(c) भारत एवं बांग्लादेश के बीच ‘जल-सहयोग’ बढ़ाने हेतु आवश्यक कदमों की विवेचना कीजिए।
(d) भारत-अमेरिका के सामरिक संबंधों के लिए बुनियादी विनिमय एवं सहयोग समझौते (बी ई सी ए) के महत्व की व्याख्या करें।
(e) भारत की वैश्विक प्रतिष्ठा में वृद्धि हेतु सार्वजनिक कूटनीति की भूमिका का विवेचन कीजिए।
6.(a) वैश्वीकरण के वर्तमान युग में नवीन अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक व्यवस्था (एन आइ ई ओ) हेतु मांग की प्रासंगिकता का विवेचन कीजिए।
(b) शीत युद्ध के बाद भारत की विदेश नीति के प्रक्षेप पथ में परिवर्तन के लिए उत्तरदायी प्रमुख कारकों का समालोचनात्मक परीक्षण कीजिए।
(c) भारत के परमाणु अप्रसार संधि (एन. पी. टी.) पर दस्तखत से इनकार करने के कारणों की चर्चा करें।
7.(a) भारत-जापान के सामरिक एवं वैश्विक भागीदारी के मुख्य प्रेरक क्या है?
(b) भारत की उत्तर-पूर्व क्षेत्र पर ‘लुक ईस्ट’ नीति के क्या निहितार्थ हैं?
(c) भारत के संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता के दावे को न्यायोचित ठहराने वाले कारकों की व्याख्या करें।
8.(a) भारत -इजराइल का द्विपक्षीय संबंध किस प्रकार से भारत की विदेश नीति रुचियों की स्वायत्तता को परिलक्षित करता है?
(b) भारत के उत्तर पूर्व क्षेत्र में गैरकानूनी सीमा पार प्रवसन के परिणामों का विवेचन कीजिए।
(c) इक्कीसवीं शताब्दी में नवीन विश्व-व्यवस्था के बारे में भारत के दृष्टिकोण की विवेचना कीजिए।