UPSC Geography Optional Question Paper 2017: प्रश्न पत्र I

खण्ड- A

1. निम्नलिखित में से प्रत्येक प्रश्नों का उत्तर लगभग 150 शब्दों में दीजिए :
(a) कूटज्वालामुखीय लक्षणों पर टिप्पणी लिखिए।
(b) निम्न ऊर्जा तटों तथा प्रवाल तटों के मध्य विभेद कीजिए।
(c) वायु संहति के व्यवहार पर महसागरीय धाराओं के प्रभावों की विवेचना कीजिए।
(d) जैविक मरुस्थलों के लक्षणों का वर्णन कीजिए।
(e) सूक्ष्म कार्बन सिंक की संकल्पना एवं इसकी प्रासंगिकता की व्याख्या कीजिए।

2. (a) धरातल पर वायु गति को नियंत्रित करने वाले बलों की विवेचना कीजिए।
(b) “ढाल पेबन्धन में ढाल विश्लेषण के ज्ञान का सीमित क्षेत्रीय उपयोग है।” व्याख्या कीजिए।
(c) प्रशांत महासागर के तल के सविन्यास का वर्णन कीजिए।

3. (a) “जलवायु परिवर्तन एक वास्तविकता है।” उचित उदाहरणों द्वारा व्याख्या कीजिए।
(b) चर्नोजेम एवं सिरोजेम मृदाओं के लक्षणों में अंतर स्पष्ट कीजिए।
(c) जल की मात्रा की आवश्यकता के आधार पर पादपों का वर्गीकरण कीजिए।

4. (a) पेल्टियर द्वारा प्रतिपादित परिहिमानी चक्र की संकल्पना का विवेचन कीजिए।
(b) “जलवायु, ढाल प्रवणता तथा शैल संरचना चैनलों के भू-अपदारण को प्रभावित करते हैं।” व्याख्या कीजिए।
(c) पर्यावरणीय प्रबंधन में प्रत्यक्ष ज्ञान, अभिवृत्ति, मान एवं संवेग (PAVE) सिद्धांत की विवेचना कीजिए।

खण्ड ‘B’

5. निम्नलिखित में से प्रत्येक प्रश्नों का उत्तर लगभग 150 शब्दों में दीजिए :
(a) समय-भूगील की संकल्पना की व्याख्या कीजिए।
(b) “ह्विटल्सी के कृषि प्रदेश आज भी प्रासंगिक हैं।” विवेचना कीजिए।
(c) भौगोलिक तंत्रों पर एक व्याख्यात्मक टिप्पणी लिखिए।
(d) “वैश्विक संयोजकता की अभिवृद्धि के साथ परंपरागत सांस्कृतिक पहचानों का ह्रास हो रहा है।” व्याख्या कीजिए।
(e) धारणीय विकास एवं इसके घटकों पर विवरण प्रस्तुत कीजिए।

6. (a) भूगोल के समसामयिक प्रतिमानों (पैराडाइम्स) की विवेचना कीजिए।
(b) “ऊर्जा संकट की उग्रता में प्रादेशिक विषमता होती है।” व्याख्या कीजिए।
(c) वर्तमान संदर्भ में बलपूर्वक जनसंख्या प्रवास के कारणों एवं परिणामों का परीक्षण कीजिए ।

7. (a) क्रिस्टालर के केंद्र स्थान सिद्धांत की प्रयोज्यता की विवेचना कीजिए।
(b) “पश्चिमी यूरोपीय देशों एवं जापान के बिच यथेष्ट जनसांख्यिकीय समानताएं हैं।” व्याख्या कीजिए।
(c) जीवन की गुणता को परिभाषित कीजिए तथा पर्याप्त उदाहरणों सहित इसके प्राचलों की व्याख्या कीजिए।

8. (a) “केंद्र-स्थल (हार्टलैंड) सिद्धांत एक बार पुनः महत्वपूर्ण हो रहा है।” समीक्षा कीजिए।
(b) प्रादेशिक विकास प्रक्रम में छोटे नगरों की भूमिका का परीक्षण कीजिए।
(c) भारत के संबंध में सामाजिक पूँजी की संकल्पना की व्याख्या कीजिए।


UPSC Geography Optional Question Paper 2017: प्रश्न पत्र II

खण्ड- A

1. (a) आपको दिए गए भारत के रेखा मानचित्र पर निम्नलिखित सभी की स्थिति को अंकित कीजिए। अपनी क्यू. सी. ए. पुस्तिका में इन स्थानों में से प्रत्येक का भौतिक/ वाणिज्यिक/ आर्थिक/ पारिस्थितिक/ पर्यावरणीय/ सांस्कृतिक महत्व अधिकतम 30 शब्दों में लिखिए :

(i) थुम्बा
(ii) नयाचर द्वीप
(iii) डोडाबेट्टा
(iv) देवस्थल
(v) पांगोंग झील
(vi) हम्पी
(vii) हैवलॉक द्वीप
(viii) लूनी नदी
(ix) दरिंग्बदी
(x) दूधसागर जलप्रपात

(b) भारत में 2017 में मानसूनी वर्षा के वितरण के असामान्य प्रतिरूप का तर्कयुक्त विवरण दीजिए।
(c) सतुलज-यमुना योजक नहर परियोजना के क्रियान्वयन में निहित यंत्रराज्यीय मुद्दों को स्पष्ट कीजिए।
(d) भारत में छोटे नगरों की अपनी समस्याएं एवं संभावनाएं हैं। विस्तारपूर्वक स्पष्ट कीजिए।

2. (a) भारत में अलवण जल संकट का विवेचन कीजिए तथा उसके संधारणीय (सस्टेनेबल) प्रबंधन की एक रूप-रेखा तैयार कीजिए।
(b) भारत में नक्सल-प्रभावित क्षेत्रों की पहचान कीजिए तथा उनकी समजीक-आर्थिक समस्याओं का विवेचन कीजिए।
(c) भारत में वायुमार्गों के एक व्यापक नेटवर्क का विकास करने की साध्यता का समालोचनात्मक परीक्षण कीजिए।

3. (a) “एक प्रभावी त्रिस्तरीय पंचायत राज तंत्र भारत में बहुस्तरीय आयोजना के ऊर्ध्वोन्मुखी उपागम को बल प्रदान करेगा।” व्याख्या कीजिए।
(b) “भाषायी विविधता भारत में एक परिसंपत्ति है तथा साथ-साथ चुनौती भी है।” इस कथन की व्याख्या, भाषाओं के वितरण पर तथा सम्बन्धित मुद्दों के हल के लिए उठाए गए प्रमुख कदमों पर ध्यान केंद्रित करते हुए, कीजिए।
(c) भारत के पहाड़ी क्षेत्रों में पर्यटन को अर्थव्यवस्था के एक महत्वपूर्ण स्रोत के रूप में किस प्रकार विकसित किया जा सकता है?

4. (a) भारत में नगरों के प्रकार्यात्मक वर्गीकरण की विभिन्न विधियों का उल्लेख कीजिए तथा अशोक मित्रा द्वारा अनुप्रयुक्त विधि को स्पष्ट कीजिए।
(b) भारत में किसानों द्वारा आत्महत्या कृषि-भूमि संबंधी प्रमुख समस्याओं में से एक है। महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश एवं पंजाब का विशेष रूप से उल्लेख करते हुए इसके कारणों पर प्रकाश डालिए एवं उपचरात्मक उपाय सुझाइए।
(c) भारत में आधुनिक कृषि के लिए भूमि सुधार एक कुंजी है। स्वतंत्रता के बाद इस दिशा में किए गए विभिन्न उपायों का वर्णन कीजिए।

खण्ड ‘B’

निम्नलिखित प्रत्येक प्रश्न का उत्तर लगभग 150 शब्दों में लिखिए :
(a) भारत सरकार द्वारा चिन्हित क्षेत्रों में प्रादेशिक असंतुलनों को कम करने में ‘पहाड़ी परिवहन सहायिकी योजना’ की भूमिका की व्याख्या कीजिए।
(b) भारत-चीन संबंधों के संदर्भ में डोकलाम विवाद के भूराजनीतिक परिणामों पर प्रकाश डालिए।
(c) भारतीय प्रादेशिक नौसंचालन उपग्रह तंत्र (आइ० आर ० एन ० एस ० एस ०)के महत्व पर प्रकाश डालिए।
(d) लघु इस्पात संयंत्र भारत में लौह व इस्पात उद्योग के विकेन्द्रीकरण में एक उपकरण के रूप में कार्य कर सकते हैं। व्याख्या कीजिए।
(e) वस्तु एवं सेवा कर (जी ० एस ० टी ०) का देश के विक्षित एवं पिछड़े राज्यों पर विभेदक प्रभाव है। किस प्रकार और क्यों?

6. (a) हो सकता है कि नदियों का परस्पर युग्मन भारत में आश्वासित सिंचाई का और बारहमासी अन्तःस्थलीय नौसंचालन का एक प्रमुख स्रोत के रूप में कार्य करे। भौतिक, आर्थिक एवं पारिस्थितिक परिणामों को ध्यान में रखते हुए इसकी साध्यता पर टिप्पणी लीजिए।
(b) धार्मिक अल्पसंख्यक अधिकांशतः भारत के सीमावर्ती राज्यों में संकेंद्रित हैं। इसके कारणों एवं परिणामों की विवेचना कीजिए।
(c) मृदा प्रदूसजन से आप क्या समझते हैं? भारत में मृदा प्रदूषण के प्रति संवेदनशील क्षेत्रों को निरूपित कीजिए तथा इसके उपचरात्मक उपाय सुझाइए।

7. (a) सड़क और रेल जालतंत्रों का एक पूरक ढांचे में एकीकृत विकास, प्रादेशिक विकास के लिए एक पूर्व-आवश्यकता है। भारत के पूर्वोत्तर प्रदेश के संदर्भ में इसको स्पष्ट कीजिए।
(b) सागर माला परियोजना कीमुख्य विशेषताओं का वर्णन कीजिए तथा भारत में तटीय प्रदेशों के पत्तन-आधारित विकास में इसकी भूमिका पर प्रकाश डालिए।
(c) मेघालय को प्रयद्वीपीय भारत में सम्मिलित करने का औचित्य बताइए तथा वहाँ की वनस्पति एवं मृदा प्रकारों की विवेचना कीजिए।

8. (a) भारत के प्रमुख औद्योगिक प्रदेशों के नाम, उनकी पहचान के आधारों को इंगित करते हुए, बताइए। उनकी मूलभूत समस्याओं पर प्रकाश डालिए।
(b) प्रयद्वीपीय भारत में अपवाह प्रतिरूप उसकी भूवैज्ञानिक संरचना एवं स्थलाकृति का परिणाम है। सविस्तर स्पष्ट कीजिए।
(c) क्या कारण है कि भारत में सौर ऊर्जा की उच्च संभाव्यता के होते हुए भी उसको वांछित स्तर तक विकसित नहीं किया गया है?


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