UPSC Hindi Literature Optional Paper-1 2016: हिंदी साहित्य प्रथम प्रश्न पत्र

खण्ड ‘A’

1. निम्नलिखित प्रत्येक पर लगभग 150 शब्दों में टिप्पणियाँ लिखिए।
(a) देवनागरी लिपि का विकास
(b) मध्यकाल में काव्यभाषा के रूप में प्रयुक्त अवधी की विशेषताए
(c) सिद्धनाथ साहित्य में प्रयुक्त खड़ी बोली का प्रारम्भिक रूप
(d) बहुभाषाविद खुसरो एवं उनकी कविता
(e) दक्खिनी हिन्दी के साहित्यिक विकास के ऐतिहासिक और सामाजिक कारण

2. (a) पूर्वी हिन्दी की किन्हीं दो बोलियों की शबदशास्त्रीय विशेषताएं बताइए।
(b) राष्ट्रभाषा के प्रचार-प्रसार में महात्मा गांधी और राजर्षि पुरुषोत्तम दास टंडन की भूमिका स्पष्ट कीजिए।
(c) हिन्दी व्याकरण-लेखन की परंपरा में कामता प्रसाद गुरु के कार्य की समीक्षा कीजिए।

3. (a) हिन्दी में विज्ञान-लेखन की दशा एवं दिशा पर प्रकाश डालिए।
(b) मानक हिन्दी के सर्वनामों का सोदाहरण विवेचन कीजिए।
(c) हिन्दी की तकनीकी शब्दावली की उपलब्धियाँ और सीमाएं बताइए।

4. (a) राष्ट्रभाषा हिन्दी की संवैधानिक स्थिति और उसका महत्व स्पष्ट कीजिए।
(b) राजभाषा हिन्दी के मार्ग की कठिनाइयाँ बताइए और समाधान भी सुझाइए।
(c) विश्वमंच पर हिन्दी के सफल प्रयोग की संभावनाएं बढ़ गई हैं। इस कथन की पुष्टि कीजिए।

खण्ड ‘B’

5. निम्नलिखित प्रत्येक पर लगभग 150 शब्दों में टिप्पणी लिखिए :

(a) विद्यापति की कविताओं में विद्यमान भक्ति-भावना
(b) हिन्दी सूफी काव्य का सांस्कृतिक महत्व
(c) तुलसीदास और केशवदास की रामभक्ति से जुड़ी कविताओं में पृथकता के कारण
(d) हिन्दी गद्य के विकास में बालकृष्ण भट्ट का योगदान
(e) मैथिलीशरण गुप्त के काव्य पर गांधी-दर्शन के प्रभाव की दिशा

6. (a) ‘जयशंकर प्रसाद और उनकी कामायनी’ विषय पर एक नातिदीर्घ समीक्षात्मक आलेख प्रस्तुत कीजिए।
(b) मोहन राकेश के नाट्यकर्म की समीक्षा कीजिए।
(c) प्रेमचंद के उपन्यासों में अभिव्यक्त यथार्थवाद के स्वरूप पर पेकश डालिए।

7. (a) नई कहानी आंदोलन की प्रासंगिकता पर विचार कीजिए।
(b) दिनकर की काव्य-कृतियों में ‘उर्वशी’ के प्रति आकर्षण के प्रमुख कारणों का उद्घाटन कीजिए।
(c) महादेवी वर्मा के रेखाचित्र और संस्मरणों की जीवंतता पर प्रकाश डालिए।

8. (a) हिन्दी में आचार्य रामचन्द्र शुक्ल की समीक्षा के ऐतिहासिक महत्व पर विचार कीजिए।
(b) ‘हिन्दी के ललित निबंधकार और कुबेरनाथ राय’ विषय पर एक समीक्षात्मक आलेख प्रस्तुत कीजिए।
(c) हिन्दी के किसी एक यात्रावृत्तान्त लेखक की लेखनगत विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।


UPSC Hindi Literature Optional Paper-2 2016: हिंदी साहित्य द्वितीय प्रश्न पत्र

खण्ड ‘A’

1. निम्नलिखित काव्यांशों की संदर्भ-सहित व्याख्या (लगभग 150 शब्दों में) प्रस्तुत करते हुए उनके काव्य-सौंदर्य का परिचय दीजिए:

(a) स्याम मुख देखे ही परतीति ।
जो तुम कोटि जतन करि सिखवत जोग ध्यान की रीति।।
नाहिंन कछू सयान ज्ञान में यह हम कैसे मानैं ।
कहौ कहा कहिए या नभ को कैसे उर में आनैं ।।
यह मन एक, एक वह मूरति भृंगकीट सम माने।
सूर सपथ दै बूझत ऊधौ यह ब्रज लोग सयाने।।

(b) कहेतु तात अस मोर प्रनामा । सब प्रकार प्रभु पूरनकामा ।।
दीन दयाल बिरिदु संभारी । हरहु नाथ मम संकट भारी।।

(c) चेतना की सुंदर इतिहास अखिल मानव भावों का सत्य;
विश्व के हृदय-पटल पर दिव्य अक्षरों से अंकित हो नित्य
विधाता की कल्याणी सृष्टि सफल हो इस भूतल पर पूर्ण;
पटें सागर, बिखरें ग्रह-पुंज और ज्वालामुखियाँ हों चूर्ण।

(d) बालहीना माता की पुकार कभी आती, और आता आर्तनाद पितृहीन बाल का;
आँख पड़ती है जहाँ, हाय वहीं देखता हूँ सेंदुर पुँछा हुआ सुहागिनी के भाल का;
बाहर से भाग कक्ष में जो छिपता हूँ कभी, तो भी सुनता हूँ अट्टहास क्रूर काल का;
और सोते-जागते में चौक उठता हूँ, मानो शोणित पुकारता हो अर्जुन के लाल का।

(e) शत घूर्णावर्त, तरंग भंग, उठते पहाड़
जल राशि-राशि जल पर चढ़ता खाता पछाड़
तोड़ता बंध-प्रतिसंध धरा, हो स्फीत वक्ष
दिग्विजय-अर्थ प्रतिपल समर्थ बढ़ता समक्ष।

2. (a) ‘भक्ति-आंदोलन का जन-साधारण पर जितना व्यापक प्रभाव हुआ, उतना किसी अन्य आंदोलन का नहीं’ – इस कथन की सार्थकता पर विचार करते हुए कबीर की भूमिका पर प्रकाश डालिए।
(b) ‘पद्मावत’ काव्य में वर्णित विरह-भावना विप्रलंब शृगार की सैद्धांतिक सीमाओं का किन-किन संदर्भों में उल्लंघन करती दिखाई देती है? विश्लेषण कीजिए।
(c) बिहारी की काव्य कला अपनी ध्वनिक्षम संभावनाओं के साथ-साथ रसाभिव्यक्ति में भी पूरी तरह से सक्षम है-तर्कसम्मत उत्तर प्रस्तुत कीजिए।

3. (a) सिद्ध कीजिए की ‘असाध्य वीणा’ सृजनात्मकता के रहस्य को उसकी समग्रता में अभिव्यक्ति करती है।
(b) वैश्वीकृत परिदृश्य में मुक्तिबोध की कविता का पुनर्पाठ प्रस्तुत कीजिए।
(c) नागार्जुन की लोक-दृष्टि के आधारभूत तत्व कौन-कौन से हैं? समीक्षा कीजिए।

4. (a) भ्रमर गीत के माध्यम से सूरदास ने किस प्रकार अपनी गहन भक्ति-भावना और अप्रतिम काव्य-कला का परिचय दिया है? विवेचन कीजिए।
(b) युद्ध की विभीषिका को दिनकर ने अपने काव्य ‘कुरुक्षेत्र’ में किस प्रकार रेखांकित किया है? समीक्षा कीजिए।
(c) स्वतंत्रता-संग्राम के व्यापक परिप्रेक्ष्य में मैथिलीशरण गुप्त की ‘भारत-भारती’ की प्रासंगिकता पर प्रकाश डालिए।

खण्ड ‘B’

5. निम्नलिखित गद्यांशों की संदर्भ-सहित व्याख्या (लगभग 150 शब्दों में) कीजिए और उनका सौंदर्य प्रतिपादित कीजिए :

(a) हाय ! भारत को आज क्या हो गया है? क्या निस्संदेह परमेश्वर इससे ऐसा ही रूठा है? हाय, क्या अब भारत के फिर वे दिन न आवेंगें ? हाय, यह वही भारत है, जो किसी समय सारी पृथ्वी का शिरोमणि गिना जाता था।
(b) अधिकार-सुख कितना मादक और सारहीन है। अपने को नियामक और कर्ता समझने की बलवती स्पृहा उससे बेगार कराती है। उत्सवों में परिचारक और अस्त्रों में ढाल से भी अधिकार-लोलुप मनुष्य क्या अच्छे हैं?
(c) ठाकुर ठीक ही तो कहते हैं, जब हाथ में रुपये आ जाएं, गाय ले लेना। तीस रुपये का कागद लिखने पर कहीं पचीस रुपये मिलेंगे और तीन-चार साल तक न दिए जाएं, तो पूरे सौ हो जाएंगे। पहले का अनुभव यही बता रहा था की कर्ज वह मेहमान है, जो एक बार आकर जाने का नाम नहीं लेता।
(d) दारुण व्यथा और आघात से उसके जड़ मस्तिष्क में केवल एक ही बात स्पष्ट थी-वेश्या स्वतंत्र नारी है। परतंत्र होने के कारण उसके लिए कहीं शरण और स्थान नहीं। दासी होकर वह परतंत्र हो गई? … वह स्वतंत्र थी ही अब आ? … अपनी संतान को पा सकने की स्वतंत्रता के लिए ही उसने दासत्व स्वीकार किया। अपना शरीर बेचकर उसने इच्छा को स्वतंत्र रखना चाहा । परंतु स्वतंत्रता मिली कहाँ? कुल-नारी के लिए स्वतंत्रता कहाँ है?
(e) मैं अनुभव करता हूँ कि यह ग्राम-प्रांतर मेरी वास्तविक भूमि है। मैं कई सूत्रों से इस भूमि के साथ जुड़ा हूँ। उन सूत्रों में तुम हो, यह आकाश और ये मेघ हैं, यहाँ की हरियाली, हरिणों के बच्चे, पशुपाल हैं। … यहाँ से जाकर मैं अपनी भूमि से उखड़ जाऊँगा ।

6. (a) ‘कविता क्या है’ के आधार पर रामचन्द्र शुक्ल की कविता संबंधी मूलभूत दृष्टि और उसकी सार्थकता पर विचार कीजिए।
(b) प्रेमचंद ने हिन्दी में पहली बार गाँव और कृषक जीवन को अपने उपन्यास-लेखन का केन्द्रीय विषय बनाया। ‘गोदान’ के माध्यम से प्रेमचंद की उक्त औपन्यासिक-दृष्टि की सांस्कृतिक समीक्षा प्रस्तुत कीजिए।
(c) हिन्दी निबंध-साहित्य का विषयगत वैविध्य भारतीय संस्कृति की बहुविध विशेषताओं को कैसे शब्दबद्ध कर रहा है? विवेचन कीजिए।

7. (a) प्रवृत्तिगत दृष्टि से क्या नई कहानी पूर्ववर्ती कहानी की मात्र निरन्तरता है या विच्छेद ? तर्क सम्मत उत्तर दीजिए।
(b) ‘आषाढ़ का एक दिन’ नाटक के त्रासदी तत्वों का समीक्षात्मक विश्लेषण कीजिए।
(c) ‘महाभोज’ उपन्यास को क्या एक सशक्त राजनीतिक उपन्यास का दर्जा दिया जा सकता है? उपन्यास में चित्रित पात्रों के आधार पर समीक्षा कीजिए।

8. (a) ‘मैला आँचल’ में निहित सामाजिक, राजनीतिक एवं सांस्कृतिक संक्रमण पर प्रकाश डालिए।
(b) ‘जयशंकर प्रसाद के नाटकों के स्त्री-पात्र सदैव श्रेष्ठ रहे हैं।’ इस कथन के आलोक में ‘स्कंदगुप्त’ में स्त्री-पात्र-परिकल्पना की विशेषताओं पर प्रकाश डालिए।
(c) ‘भारत दुर्दशा’ का इच्छित आदर्श क्या है? समीक्षात्मक विश्लेषण प्रस्तुत कीजिए।


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