UPSC Sociology Optional Question Paper 2014: प्रश्न पत्र I
खण्ड- A
1. निम्नलिखित प्रत्येक प्रश्न का उत्तर लगभग 150 शब्दों में दीजिए:
(a) किस प्रकार वस्तुनिष्ठता मूल्य तटस्थता से भिन्न है? प्रणाली विज्ञान पर वेबर के विचारों के संदर्भ में विवेचना कीजिए।
(b) पश्चिमी यूरोप में औद्योगिक समाज के आविर्भाव ने किस प्रकार पारिवारिक जीवन को परिवर्तित कर दिया?
(c) मानव क्रियाओं का समाजशास्त्रीय उपागम मनोवैज्ञानिक उपागम से किस प्रकार भिन्न है?
(d) किस प्रकार जीवनियां सामाजिक जीवन के अध्ययन के लिए उपयोग की जा सकती हैं?
(e) समाज में फैशन को समझने के लिए हम संदर्भ-समूह सिद्धांत का किस प्रकार उपयोग कर सकते हैं?
2. (a) उपभोक्ता व्यवहार और इसके सामाजिक सहसंबंधों के अध्ययन के लिए कौन-सी अनुसंधान तकनीक अर्वाधिक उचित होगी? स्पष्ट कीजिए।
(b) मार्क्स की ‘विसंबंधन’ (एलिनेशन) की थियोरी और दुर्खीम की ‘असंबंधिता’ (ऐनोमी) की थियोरी के बीच समानताओं एवं असमानताओं को इंगित कीजिए।
(c) नगरीय भारत में यातायात की समस्या को समझने के लिए किस प्रकार मर्टन की विसामान्यता (डेविएंस) की संकल्पना का उपयोग किया जा सकता है?
3. (a) लिंग (जेंडर) से आप क्या समझते हैं? यह किस प्रकार ‘पुरुष’ की पहचान को आकृति प्रदान करती है?
(b) “मैक्स वेबर के अनुसार, ‘वर्ग’ तथा ‘प्रस्थिति’ शक्ति के दो विभिन्न आयाम है।” विवेचना कीजिए।
(c) मर्टन के ‘अभिव्यक्त’ और ‘अव्यक्त’ प्रकार्यों की संकल्पनाओं का उपयोग करते हुए भारतीय समाज में भ्रष्टाचार के स्थायित्व को स्पष्ट कीजिए।
4. (a) वेबर अधिकारी-तंत्र की अपनी थियोरी में ‘आदर्श की धारणा का किस प्रकार उपयोग करता है?
(b) सामाजिक प्रघटना के अध्ययन में किस प्रकार ‘व्याख्यात्मक’ विधि ‘प्रत्यक्षकारी’ उपागम से भिन्न है?
(c) मीड की सांकेतिक अन्योन्यक्रियावाद (इंटरऐक्शनिज़्म)की थियोरी का उपयोग करते हुए लिंग पहचान (जेंडर आइडेंटिटी) की रचना में अवस्थाओं पर चर्चा कीजिए।
खण्ड ‘B’
5. निम्नलिखित प्रत्येक प्रश्न का उत्तर लगभग 150 शब्दों में दीजिए:
(a) मार्क्स के अनुसार। वर्ग-विभाजन ‘शोषण’ के परिणाम है। चर्चा कीजिए।
(b) दास-समाज में कार्य के सामाजिक संगठन के प्रभेदक अभिलक्षण क्या होते हैं? यह सामंती समाज से किस प्रकार भिन्न है?
(c) नागरिकता पर टी ० एच ० मार्शल के विचारों की विवेचना कीजिए।
(d) राजनैतिक दलों तथा दबाव समूहों में विभेद कीजिए।
(e) “दुर्खीम के अनुसार, आधुनिक समाज में धर्म का सार वैसा ही है जैसा कि आदिम समाज में था।” टिप्पणी कीजिए।
6. (a) “शक्ति, शून्य-योग खेल (जीरो-सम गेम) नहीं है।” वेबर और पारसंस के विचारों के संदर्भ में विवेचना कीजिए।
(b) परिवार की संस्था के प्रकार्यात्मक (फँक्शनलिस्ट) विचारों का समालोचनात्मक परीक्षण कीजिए। वर्तमान समय में किस प्रकार ये परिवार को समझने में सहायक हैं?
(c) आप ‘लिव-इन संबंध’ के संस्थायन (इन्स्टीट्यूशनलाइजेशन)से क्या समझते हैं?
7. (a) धार्मिक पुनरुज्जीवनवाद (रिवाईवलिज़्म)सांप्रदायिकता से किस प्रकार भिन्न है? भारतीय संदर्भ से उपयुक्त उदाहरणों के द्वारा सविस्तार स्पष्ट कीजिए।
(b) शिक्षा प्रायः समजीक परिवर्तन का एक अभिकरण माना जाता है। तथापि वास्तविकता में यह असमानताओं और रूढ़िवाद को प्रबलित भी कर सकती है। चर्चा कीजिए।
(c) मार्क्स के अनुसार, पूंजीवाद स्त्रियों तथा पुरुषों के बीच के व्यक्तिगत सम्बन्धो को भी रूपांतरित कर सकता है। समसामयिक भारतीय संदर्भ से उदाहरणों के साथ इस बात का समालोचनात्मक परीक्षण कीजिए।
8. (a) प्रौद्योगिकी का बढ़त हुआ उपयोग भारतीय समाज में किस प्रकार स्त्रियों की प्रस्थिति में परिवर्तन कर रहा है?
(b) ‘निर्भरता’ के लैटिन अमरीकी दृष्टिकोण पर एक संक्षिप्त निबंध लिखिए।
(c) सामाजिक आंदोलन से आप क्या समझते हैं? अनुसूचित जातियों द्वारा लामबंदी ने उनको एक नई पहचान बनाने में किस प्रकार सहायता की है?
UPSC Sociology Optional Question Paper 2014: प्रश्न पत्र II
खण्ड- A
1. निम्नलिखित प्रश्नों के समाजशास्त्रीय परिप्रेक्ष्य से संक्षिप्त उत्तर लिखिए, जो प्रत्येक लगभग 150 शब्दों में हो:
(a) सांप्रदायिक समरसता के लिए गाँधीजी के प्रयास
(b) भारतीय परंपराओं का आधुनिकीकरण
(c) भारत में बंधुत्व प्रणाली (किनशिप सिस्टम) के प्रकार
(d) जाति व्यवस्था के अभिलक्षण
(e) भारत में समाज को समझने के लिए, जी. एस. घूर्ये का भारतविद्या अभिगम
2. (a) भारत में जनजातियों के एकीकरण और स्वायत्तता के बारे में विभिन्न विचारों का विश्लेषण कीजिए।
(b) भारतीय राष्ट्रीयता की सामाजिक पृष्ठभूमि का विवेचना कीजिए।
(c) पितृतंत्र (पैट्रिआर्की) को परिभाषित कीजिए। भारत में यह बालिका की समग्र हकदारी को किस प्रकार प्रभावित करता है?
3. (a) प्रवासी नगरीय निर्धनों की समस्याओं का समाजशास्त्रीय विश्लेषण कीजिए।
(b) भारत में धार्मिक अल्पसंख्यकों की समस्याओं का विवेचना कीजिए।
(c) भारत में अस्पृश्यता उन्मूलन के लिए महत्वपूर्ण सामाजिक सुधारों में से कुछ को लिखिए।
4. (a) उभरते शहरी मध्य वर्ग में महिलाओं की प्रस्थिति पर चर्चा कीजिए।
(b) भारतीय समाज के किसानों पर भूमि सुधारों के प्रभावों का वर्णन कीजिए।
(c) ‘भारतीय ग्राम’ के विचार से क्या अर्थ है? समझाइए।
खण्ड ‘B’
5. निम्नलिखित प्रश्नों के समाजशास्त्रीय परिप्रेक्ष्य से संक्षिप्त उत्तर लिखिए, जो प्रत्येक लगभग 150 शब्दों में हो:
(a) महिलाओं में शिशु मृत्यु-दर की प्रवृत्तियाँ
(b) घरेलू हिंसा अधिनियम, 2005
(c) समकालीन विषमताओं दलित आंदोलनों की गत्यात्मकता
(d) शैक्षणिक विषमताओं पर निजीकरण का प्रभाव
(e) ग्रामीण भूमिहीन मजदूर और विकास प्रभावित विस्थापन
6. (a) भारतीय संदर्भ में, महिला आंदोलन की दूसरी लहर के प्रमुख अभिलक्षण क्या हैं?
(b) पारिस्थितिक नारी-अधिकारवाद के एक उदाहरण के रूप में ‘चिपको आंदोलन’ पर चर्चा कीजिए।
(c) अनौपचारिक क्षेत्रक में श्रमिकों पर वैश्वीकरण के प्रभावों की विवेचना कीजिए।
7. (a) अगले दशक के लिए, वृद्ध होती हुई जनसंख्या (60+) के लिए क्या जनांकिकीय प्रक्षेपण हैं? उनके लिए नीति-निर्माण के इसके क्या निहितार्थ हैं?
(b) पिछले दशक में सार्वजनिक स्थानों में महिलाओं ले प्रति वर्धित हिंसा में तेजी आने के क्या सम्भव अध:शायी कारण हैं?
(c) परम निर्धन की कोटि के सृजन में जाति और वर्ग किस प्रकार एक -दूसरे के साथ आ जाते हैं?
8. (a) बहुत से जाति संघर्ष उन जातियों के बीच होते हैं, जो जातियों के सोपानिक पैमाने पर एक-दूसरे के नजदीक होते है। इस परिघटना के लिए समाजशास्त्री स्पष्टीकरण दीजिए।
(b) ‘नृजातीय विवादों पर आधारित जनजातियों के बीच के संघर्ष अक्सर राजनीतिक और आर्थिक लाभ के लिए संघर्ष का आवरण होते हैं ।’ उदाहरण प्रस्तुत करते हुए, इस बात को पुष्ट कीजिए।
(c) प्रवजन (विशिष्ट वर्ग) कौन होते हैं? सामाजिक रूपांतरण लाने में उनकी भूमिकाओ पर चर्चा कीजिए।