UPSC Geography Optional Question Paper 2016: प्रश्न पत्र I

खण्ड- A

1. निम्नलिखित में से प्रत्येक प्रश्नों का उत्तर लगभग 150 शब्दों में दीजिए :

(a) “अण्डे की टोकरी स्थलाकृति” का वर्णन कीजिए।
(b) सूर्यतापन और ताप के बीच विभेदन कीजिए और असंगत ताप को स्पष्ट कीजिए।
(c) समुद्री कटिबन्धों (मैरीटाइम जोन) की विवेचना कीजिए।
(d) उष्णकटिबंधीय वर्षावन जीवोम (बायोम) के पारिस्थितिकीय महत्व को उजागर कीजिए।
हिमालय में जल-मौसमविज्ञानी (हाइड्रो -मिटिरियोलॉजीकल ) खतरों को स्पष्ट कीजिए।

2. (a ) “पेडीप्लेनेशन’ की संकल्पना की व्याख्या करने में किंग ने डेविस, पेन्क और वुड के विचारों के साथ अपने विचार जोड़े था।” सविस्तार समझाइए।
(b) उष्णकरिबंधीय और शीतोष्ण कटिबंधीय चक्रवातों से जुड़ी उत्पत्ति और मौसमी दशाओं की तुलना कीजिए।
(c ) एक तर्कसंगत विवरण प्रस्तुत कीजिए कि वैश्विक तापन के प्रभाव की पृथ्वी के एक भाग से दूसरे भाग के बीच भिन्नता किस प्रकार होती है।

3. (a) जलवायु परिवर्तन को समझने में विश्व जलवायु अनुसंधान कार्यक्रम (डब्ल्यू. सी. आर. पी.) के महत्व और उसकी क्रोड परियोजनाओं पर चर्चा कीजिए।
(b) “पवनों और धाराओं के बीच का संबंध सबसे अच्छी तरह से हिन्द महासागर में देखा जाता है।” सिद्ध कीजिए।
(c) आर्थिक प्रस्थिति और पर्यावरण के संदर्भ में, “उपयोग करो और फेंक डॉ” की प्रवृत्ति पर समालोचनात्मक टिप्पणी लिखिए।

4. (a) महासागरों और संसाधनों के शोषण और उपयोग से सम्बद्ध विभिन्न पारिस्थितिकीय समस्याओं को उजागर कीजिए।
(b) “भूवैज्ञानिक संरचना का भू-आकृतियों पर प्रभावी नियंत्रण होता है और यह उनमें प्रतिबिंबित भी होती है।” चर्चा कीजिए।
(c) न्यूबिगिन की संसार के पादपी मंडलों की योजना का वर्णन कीजिए और भूमध्यसागरीय पादपी मंडल को स्पष्ट कीजिए।

खण्ड ‘B’

5. निम्नलिखित में से प्रत्येक प्रश्नों का उत्तर लगभग 150 शब्दों में दीजिए :

(a) “क्षेत्रीय विभेदन भूगोल की क्रोड विषय-वस्तु है।” स्पष्ट कीजिए।
(b) ‘आइसोडापेन’ को स्पष्ट कीजिए।
(c) ‘सी. बी. डी.’ (CBD) की प्रमुख विशेषताओं पर चर्चा कीजिए।
(d) ‘कोम्पेज’ की धारणा को सविस्तार समझाइए।
(e) भौगोलिक अध्ययनों में गुरुत्व मॉडल के अनुप्रयोग की विवेचना कीजिए।

6. (a) भूगोल में मात्रात्मक क्रांति की उत्पत्ति और प्रगति की रूपरेखा प्रस्तुत कीजिए तथा इसके गुण और दोषों को उजागर कीजिए।
(b) ग्रामीण बस्तियों (बसावटों) के प्रकारों एवं प्रतिरूपों का निर्धारण करने में बसाव-स्थान (साइट) की भूमिका का विवेचन कीजिए।
(c) ‘प्रदेश’ से क्या तात्पर्य है ? प्रादेशिक परिसीमन की ‘थीसियन’ बहुभुज विधि का वर्णन कीजिए।

7. (a) विश्व में जीवन प्रत्याशा के प्रादेशिक प्रतिरूप का वर्णन कीजिए और बढ़ती हुई जीवन प्रत्याशा के कारण विकासशील देशो के सम्मुख चुनौतियों को उजागर कीजिए।
(b) वर्तमान समय के संदर्भ में ‘रुको और जाओ निर्धारणवाद’ की प्रासंगिकता पर चर्चा कीजिए।
(c) सीमाओ और सीमांतों की परिभाषा दीजिए और उनमें विभेदन कीजिए। ज्यामितीय सीमाओ का उचित उदाहरणों सहित वर्णन कीजिए।

8. (a) लॉश की केन्द्रीय स्थानों की थियोरी का समालोचनात्मक विवरण दीजिए।
(b) “संसाधन-सम्पन्न प्रदेशों और संसाधन-उपयोगकर्ता प्रदेशों के बीच संयोजन, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के प्रतिरूप को निर्धारित करते हैं।” उचित उदाहरणों सहित सविस्तार समझाइए।
(c) किसी प्रदेश में इष्टतम भूमि-उपयोग नियोजन की दिशा में भूगोलवेत्ता किस-किस तरह से योगदान कर सकते हैं?


UPSC Geography Optional Question Paper 2016: प्रश्न पत्र II

खण्ड- A

1. (a) आपको दिए गए भारत के रेखा मानचित्र पर निम्नलिखित सभी की स्थिति को अंकित कीजिए। अपनी क्यू. सी. ए. पुस्तिका में इन स्थानों में से प्रत्येक का भौतिक/ वाणिज्यिक/ आर्थिक/ पारिस्थितिक/ पर्यावरणीय/ सांस्कृतिक महत्व अधिकतम 30 शब्दों में लिखिए :

(i) पीर पंजाल पर्वतश्रेणी
(ii) इंद्रवती नदी
(iii) नाथू ला दर्रा
(iv) जोग जलप्रपात
(v) पुलिकट झील
(vi) कुडनकुलम
(vii) नालन्दा
(viii) कुद्रेमुख
(ix) पूर्वोत्तर रेलवे का मुख्यालय
(x) फरक्का बैराज

(b) हिमालय में नदी मार्गों के स्थानांतरण और नदी प्रग्रहण (रिवर कैप्चरिंग) को स्पष्ट कीजिए।
(c) भारत के पड़ोसी देशों के साथ स्थानिक सम्बन्धों का उल्लेख कीजिए।
(d) कृषि सघनता की परिभाषा दीजिए और भारत में इसके प्रादेशिक वितरण पर प्रकाश डालिए।

2.(a) भारत के जलवायु प्रदेशों के परिसीमन में वर्षा एकन ताप के स्थानिक प्रतिरूप की भूमिका पर, विशेषकर स्टैम्प के जलवायवी प्रादेशीकरण का हवाला देते हुए, विवेचना कीजिए।
(b) गंगा के मैदानों में बाढ़-प्रवण क्षेत्रों और उनकी प्रबंधन समस्याओं का वर्णन कीजिए।
(c) भारत की नई औद्योगिक नीतियों को समझाइए।

3. (a) भारत के महत्वपूर्ण जीवीय संसाधन प्रदेशों की पहचान कीजिए तथा उनकी समस्याओं पर प्रकाश डालिए।
(b) पूर्वोत्तर भारत में नृजातीय असमानताओं की ओर इंगित कीजिए।
(c) भारत के नवीकरणीय संसाधनों के विकास का विवरण प्रस्तुत कीजिए।

4. (a) भारत में नदी जल परिवहन के विकास और प्रादेशिक विकास में उसकी भूमिका पर प्रकाश डालिए।
(b) भारत में आर्थिक विकास के पर्यावरणीय निम्नीकरण पर प्रभाव को स्पष्ट कीजिए।
(c) भारत में काली मृदाओं के वितरण और कृषि में उनके विशिष्ट उपयोग का वर्णन कीजिए।

खण्ड ‘B’

5. प्रश्न संख्या 5(a) से 5(e) के लिए प्रत्येक पर लगभग 150 शब्दों में लिखिए :
(a) भारत में स्त्री-पुरुष अनुपात के वितरण को प्रभावित करने वाले कारकों की विवेचना कीजिए।
(b) “बोकारो लौह व इस्पात संयंत्र औद्योगिक संकुल का एक उदाहरण है।” व्याख्या कीजिए।
(c) गंदी बस्तियाँ किस प्रकार बन जाया करती हैं? उनके सुधार के लिए ठोस सुझाव दीजिए।
(d) दक्षिण एशिया की भू-राजनीति (जिओ-पॉलिटिक्स) में भारत की भूमिका को स्पष्ट कीजिए।
(e) दक्षिण-पूर्वी एशियाई देशों के साथ भारत के व्यापार के प्रतिरूप का विश्लेषण कीजिए।

6. (a) राजस्थान मरुस्थल में और भारत के उत्तर-पूर्वी प्रदेशों में मानव बस्तियों के वितरण के लिए उत्तरदायी भौगोलिक कारकों का तुलनात्मक विश्लेषण प्रस्तुत कीजिए।
(b) भारत में कृषि विकास में सड़क परिवहन की भूमिका को, उपयुक्त उदाहरण प्रस्तुत करते हुए, स्पष्ट कीजिए।
(c) भारत में संसाधन-उपयोग पर प्रौद्योगिकी के प्रभाव का मूल्यांकन कीजिए।

7. (a) भारत में सूती-वस्त्र उद्योगों की अवस्थिति, वितरण प्रतिरूप और समस्याओं का विशेषण कीजिए।
(b) भारत के मुख्य जनजातीय प्रदेशों तथा उनकी समस्याओं का वर्णन कीजिए।
(c) भारत में आर्थिक विकास में प्रादेशिक असमानताओं के कारणों का परीक्षण कीजिए।

8. (a) भारत में नगरीकरण के कारणों एवं प्रभावों का वर्णन कीजिए और ग्रामीण भूदृश्य एवं नगरीय पारिस्थितिकी पर उसके प्रभाव को स्पष्ट कीजिए।
(b) “भारत ने हरित क्रांति की उपलब्धि के लिए आर्थिक, सामाजिक और पारिस्थितिकीय लागत के रूप में भारी कीमत चुकाई है।” विवेचना कीजिए।
(c) चीन-भारत सीमा विवाद के उद्भव, विस्तार और विवक्षाओं को स्पष्ट कीजिए।


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