राजनीतिक विकास और अर्थव्यवस्था: प्रांतीय राजवंशों का उदय: बंगाल, कश्मीर (ज़लनुल अबेदलन)। गुजरात, मालवा, बहमनिड्स; विजयनगर साम्राज्य; लोदीस; मुग़ल साम्राज्य, प्रथम चरण: बाबर और हुमायूँ; सूर साम्राज्य: शेरशाह का प्रशासन; पुर्तगाली औपनिवेशिक उद्यम; भक्त और सूफी आंदोलन
- भारत के इतिहास में शेरशाह के शासनकाल के महत्व पर प्रकाश डालिए।(1986)
- 200 से अधिक शब्दों का लघु निबंध लिखें: सोलहवीं शताब्दी के उत्तर भारत में साम्राज्य-निर्माता।(1989)
- हिंद महासागर पर पुर्तगाली नियंत्रण और उसके प्रभाव पर संक्षिप्त निबंध लिखें।(1992)
- अलाउद्दीन खिलजी और शेरशाह सूरी के कृषि सुधारों की तुलनात्मक समीक्षा करें।(1995)
- संक्षिप्त निबंध लिखें-शेरशाह ने अपने आप में शेर और लोमड़ी के गुणों को समाहित किया।(1999)
- हेमू विक्रमादित्य पर संक्षिप्त निबंध लिखें।(2001)
- बहमनी साम्राज्य पर संक्षिप्त निबंध लिखें: ।(2005)
- बहमनी साम्राज्य पर संक्षिप्त निबंध लिखें: (2007)
- भारत में पुर्तगालियों के आगमन के महत्व पर लघु निबंध लिखिए।(2008)
- संप्रभुता के तुर्क-मंगोल सिद्धांत पर टिप्पणी करें। इसे बाबर और हुमायूँ ने किस हद तक अपनाया था?(2010)
- बहमनी राज्य में समाज तथा अर्थव्यवस्था की ऐतिहासिक स्रोतों के आधार पर समीक्षा कीजिए। (2013)
- समकालीन स्रोतों के आधार पर विजयनगर राज्य की कृषि तथा सिंचाई व्यवस्था की समीक्षा कीजिए। (2013)
- समुद्री व्यापार पर अपना नियन्त्रण बनाए रखने के लिए पूर्तगलियों ने कर्ताज (ढुलाई) व्यवस्था का प्रयोग किस प्रकार किया? (2014)
- विजयनगर राज्य को परिभाषित करने के लिए ‘खण्डित राज्य’ का प्रतिरूप कहाँ तक प्रासंगिक है? आलोचनात्मक अमीक्षा कीजिए। (2014)
- कृष्णदेवराय के अधीन विजयनगर साम्राज्य की राज्य-व्यवस्था के प्रमुख अभिलक्षणो का उल्लेख कीजिए। (2015)
- जाइन-उल्-अबिदीन के शासनकाल के जोनराज के वृत्तान्त का मूल्यकन कीजिए। (2016)
- फिरोजशाह बहमनी और महमूद गाँव के शिक्षा क्षेत्र में योगदान का मूल्यांकन कीजिए। (2016)
- क्या आप सहमत हैं कि प्रयद्वीपीय भारत में राजनीतिक शून्य और इस्लामियत संस्कृति और राज्य-व्यवस्था का प्रभाव विजयनगर राज्य की संवृद्धि का एक बड़ा कारण था? (2018)
- कश्मीर में जाइन-उल्-अबिदीन के शासन का आकलन कीजिए। (2019)
- विजयनगर राज्य की जानकारी देने वाले विदेशी यात्रियों के वृत्तान्त का विस्तार पूर्वक वर्णन कीजिए। (2020)
- दुर्ग, ब्राह्मण और विरल जनजातीय समूह के संबंधों पर अमुक्तमाल्यद ध्यान केंद्रित करता है। टिप्पणी कीजिए। (2020)
- मध्यकालीन दक्कन ग्राम प्रशासन और अर्थव्यवस्था का वर्णन कीजिए। (2020)
- व्यापार एवं वाणिज्य, प्रशासनिक और कृषि सुधारों में शेरशाह के योगदान का मूल्यांकन कीजिए। (2020)
- पानीपत के प्रथम युद्ध में इब्राहिम लोदी के विरुद्ध बाबर की सफलता के कारणों का परीक्षण कीजिए। (2021)
- अभिजात-वर्ग के साथ बहलोल लोदी के संबंध पर अपना आकलन प्रस्तुत कीजिए। (2021)
भक्ति और सूफ़ी आंदोलन
- उन कारणों की संक्षेप में चर्चा करें जिन्होंने पंद्रहवीं और सोलहवीं शताब्दी के धार्मिक आंदोलनों में योगदान दिया। समसामयिक जीवन की वास्तविकताओं के प्रति उनके दृष्टिकोण का विश्लेषण करें।(1985)
- 200 शब्दों से अधिक का संक्षिप्त उत्तर लिखें: भक्ति आंदोलन का महत्व।(1987)
- सूफी आंदोलन और सांप्रदायिक सद्भाव को बढ़ावा देने में इसकी भूमिका पर संक्षिप्त निबंध लिखें:।(2000)
- स्थानीय भाषाओं और आम लोगों के जीवन और विचारों पर सूफी और भक्ति आंदोलनों के प्रभाव का मूल्यांकन करें।(2001)
- सूफ़ी आन्दोलन पर संक्षिप्त निबंध लिखिए।(2003)
- कबीर और नानक ने भारतीय समाज और संस्कृति पर क्या प्रभाव छोड़ा?(2003)
- भक्ति आंदोलन के निर्गुण स्कूल के विकास पर चर्चा करें और इसमें कबीर और नानक के योगदान पर जोर दें।(2004)
- चैतन्यदेव और वैष्णववाद पर संक्षिप्त निबंध लिखें।(2005)
- “हिंदू और मुस्लिम फकीरों के सिद्धांत इतने समान थे कि दोनों धर्मों के अनुयायियों को शामिल करने वाले समन्वयवादी आंदोलनों के लिए जमीन तैयार थी।” स्पष्ट करें। (2005)
- उत्तर भारत में सूफीवाद पर संक्षिप्त निबंध लिखें।(2006)
- “हिंदू और मुस्लिम फकीरों के सिद्धांत इतने समान थे कि दोनों धर्मों के अनुयायियों को शामिल करने वाले समन्वयवादी आंदोलनों के लिए जमीन तैयार थी। स्पष्ट करें.(2007)
- भक्ति के इतिहास लेखन में विभिन्न प्रवृत्तियों की विवेचना तथा समीक्षा कीजिए। (2013)
- “तंत्रवाद ने व्यावहारिक रूप में न सही, कम-से-कम संकल्पनात्मक स्तर पर तो अवश्य ही पितृतंत्र को चुनौती डी थी।” उपर्युक्त संदर्भ को विशेष रूप से ध्यान में रखते हुए तंत्रवाद का परीक्षण कीजिए। (2015)
- “भक्ति और सूफी आन्दोलनों ने एक ही सामाजिक प्रयोजन की पूर्ति की थी।” विवेचना कीजिए। (2017)
- सामान्य रूप से भारत में और विशेषकर दक्कन में, इस्लाम के फैलाव में, सूफी लोक साहित्य की क्या भूमिका थी? (2018)
- सूफी एवं भक्ति विचारों ने समय के उतार-चढ़ावों के मध्य भारतीय मानस को उदत्तता प्रदान की । स्पष्ट कीजिए। (2019)
- समस्त जाति और पंथों को जोड़ने वाले एक प्रेमधर्म को प्रचारित करना कबीर का जीवन-लक्ष्य था। व्याख्या कीजिए। (2020)