UPSC History Optional Question Paper 2015: प्रश्न पत्र I

खण्ड- A

1. आपको दिए गए मानचित्र पर अंकित निम्नलिखित स्थानों की पहचान कीजिए एवं अपनी प्रश्न-सह-उत्तर पुस्तिका में उनमें से प्रत्येक पर लगभग 30 शब्दों की संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए। मानचित्र पे अंकित प्रत्येक स्थान के लिए स्थान-निर्धारण संकेत क्रमानुसार नीचे दिए गए हैं :
(i) नवपाषाणयुगीन स्थल
(ii) नवपाषाणयुगीन स्थल
(iii)हड़प्पाकालीन स्थल
(iv)महापाषाणयुगीन स्थल
(v) हड़प्पाकालीन स्थल
(vi)चित्रित-धूसर-मृदभांड स्थल
(vii)शिलालेख स्थल
(viii)महत्वपूर्ण प्राचीन नगर
(ix)प्राचीन बन्दरगाह
(x) प्राचीन गुहचित्रकला स्थल
(xi) बौद्ध स्थल
(xii) शैक्षिक केन्द्र
(xiii) ब्रह्मदेय ग्राम
(xiv) प्राचीन राजधानी
(xv) प्राचीन राजधानी
(xvi) मन्दिर स्थल
(xvii) प्राचीन राजधानी
(xviii)प्राचीन बन्दरगाह
(xix) पुरातात्विक मन्दिर स्थल
(xx) हड़प्पाकालीन स्थल

2.(a) प्राचीन भारतीय श्रुति साहित्य का ऐतिहासिक साक्ष्यों के रूप में किस सीमा तक उपयोग किया जा सकता है?
(b) हड़प्पा सभ्यता का पतन पारिस्थितिक निम्नीकरण के कारण हुआ न कि बाह्य आक्रमण के कारण। विवेचना कीजिए।
(c) “पुरातत्व-विज्ञान आर्यों को नही जनता है; केवल साहित्य ही आर्यों को जनता है।” अमलोचनात्मक परीक्षण कीजिए।

3. (a) यह कहना कहाँ तक सही है कि वैदिकोत्तर काल की अर्थव्यवस्था में हुए परिवर्तनों ने भारत में नए धार्मिक आन्दोलनों को जन्म दिया था?
(b) मौर्य काल में पश्चिमी एशिया एवं भूमध्यसागरीय संसार के साथ भारत के सम्पर्क की प्रकृति एवं प्रभाव की रूपरेखा प्रस्तुत कीजिए।
(c) “प्राचीन तमिल साहित्य व्यापक विषमताओं वाले वर्गों का न केवल तथ्यात्मक विवरण प्रस्तुत करता है; वह तमिल देश में व्याप्त सामाजिक अवस्था का प्रायः यथार्थपूर्ण वर्णन भी करता है।” विवेचना कीजिए।
4.(a) प्राचीन भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास में श्रेणियों (गिल्डस)एवं व्यापारिक संगठनों की भूमिका की रूपरेखा प्रस्तुत कीजिए।
(b) एलोरा में निर्मित कैलाश मन्दिर भारत में शैलाकृत (रौक-कट)वास्तुकला की पराकाष्ठा का प्रतीक हैं। प्रकाश डालिए।
(c) चोल शासकों के अधीन स्थानीय स्वशासन उनकी केन्द्रीकृत प्रशासनिक संरचना के साथ कैसे सामंजस्य बैठा सकी थी?

खण्ड ‘B’

5. निम्नलिखित प्रत्येक प्रश्न का उत्तर लगभग 150 शब्दों में दीजिए :
(a) कश्मीर की प्रारम्भिक मध्यकालीन मन्दिर स्थापत्यकला का संक्षिप्त विवरण दीजिए।
(b) मामल्लपुरम क्यों प्रसिद्ध है?
(c) कृष्णदेवराय के अधीन विजयनगर साम्राज्य की राज्य-व्यवस्था के प्रमुख अभिलक्षणो का उल्लेख कीजिए।
(d) मंगोल खतरे का सामना करने के लिए बलबन ने क्या कदम उठाए थे?
(e) तुजुक-ए-बाबरी कैसे प्रमाणित होता है कि बाबर एक सुसंस्कृत व्यक्ति था?

6.(a) क्या हमें उपलब्ध भू-स्वामित्व के साक्ष्य प्रारंभिक मध्यकालीन भारत में सामंतवाद के प्रचलन की थियोरी का समर्थन करते हैं?
(b) दिल्ली सल्तनत की भू-राजस्व प्रणाली तथा न्यायिक-प्रशासन की संक्षिप्त विवेचना कीजिए।
(c) “सूफी एवं मध्यकालीन रहस्यवादी संत इस्लामिक/हिन्दू समाजों के धार्मिक विचारों और आचार (प्रथाओं) को अथवा समाजों की बाह्य संरचना को किसी पर्याप्त मात्रा तक रूपांतरित करने में असफल रहे।” पक्ष/विपक्ष में टीका कीजिए।

7. (a) साहित्य एवं कला के संरक्षक के रूप में राणा कुंभा का आकलन कीजिए।
(b) सोलहवीं शताब्दी को भारतीय पुनर्जागरण का काल क्यों मानना चाहिए?
(c) “तंत्रवाद ने व्यावहारिक रूप में न सही, कम-से-कम संकल्पनात्मक स्तर पर तो अवश्य ही पितृतंत्र को चुनौती डी थी।” उपर्युक्त संदर्भ को विशेष रूप से ध्यान में रखते हुए तंत्रवाद का परीक्षण कीजिए।

8. (a) “मध्यकालीन भारतीय इतिहास में, अकबर अपने धार्मिक-राजनीतिक विचारों व नीतियों के कारण अद्वितीय था।” इस कथन का विश्लेषण कीजिए।
(b) क्या यह कहना समीचीन नहीं होगा कि मुगलकालीन भारत में ग्रामीण अर्थव्यवस्था अपेक्षाकृत आत्म-निर्भर थी?
(c) पेशवाओं के अधिकारीतंत्रीय प्रबन्धन की साम्राज्यिक मुगल प्रशासन के अधिकारीतंत्रीय प्रबन्धन से तुलना कीजिए।


UPSC History Optional Question Paper 2015: प्रश्न पत्र II

खण्ड- A

1.निम्नलिखित कथनों में प्रत्येक का लगभग 150 शब्दों में समालोचनात्मक परीक्षण कीजिए :
(a) “पंजाब का समामेलन, महाराजा रणजीत सिंह की मृत्यु के पश्चात आरंभ की गई एक व्यापक उत्तर-पश्चिमी सीमांत नीति का भाग था।”
(b) “रेगुलेटिंग ऐक्ट (1773), पिट इंडिया ऐक्ट (1784) तथा अंततः 1833 के चार्टर ऐक्ट ने ईस्ट इंडिया कम्पनी को भारत में एसके पहले की राजनीतिक एवं आर्थिक शक्ति की एक छाया मात्र बना दिया था।”
(c) “1859-60 का नील विद्रोह राष्ट्रीय स्वाधीनता आन्दोलन के हमारे इतिहास में अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान रखता है। हमारे उपनिवेश-विरोध संघर्ष के इतिहास में सर्वप्रथम उसकी दो स्वतंत्र धराएं – स्वतःस्फूर्त कृषक प्रतिरोध एवं कृषकों के समर्थन में संवैधानिक आन्दोलन – परस्पर सम्पर्क में आई ।”
(d) “बम एवं गुप्त समिति तथा सक्रियता एवं बलिदान के माध्यम से प्रचार के विचार मात्र, पश्चिम से आयात हुए थे।”
(e) “सर्वत्र मजबूत विरोध के बावजूद रॉलेट विधान को अस्तित्व में बनाए रखना राष्ट्र का अपमान है। राष्ट्रीय की सांत्वना के लिए उसका निरसन करना आवश्यक है।”

2.(a) “स्वामी दयानन्द का दर्शन अतिवाद एवं सामाजिक आमूल परिवर्तनवाद, दोनों तत्वों का प्रतिनिधित्व करता है।” प्रमाणित कीजिए।
(b) “भारत छोड़ो आन्दोलन को स्वतःफुरत क्रान्ति’ के रूप में चित्रित करना आंशिक व्याख्या होगी, उसी प्रकार उसे गाँधीवादी सत्याग्रह आन्दोलनों के चरम बिन्दु के रूप में देखना भी।” स्पष्ट कीजिए।
(c) “परवर्ती 1920 एवं 1930 के दशकों में भारत में एक शक्तिशाली वामपंथी गुट विकसित हुआ। जिसने राष्ट्रीय आन्दोलन को मौलिक दृष्टि से परिवर्तित करने की दिशा में योगदान दिया।” समालोचनात्मक परीक्षण कीजिए।

3. (a) “ब्रिटिश उपनिवेशवाद के शक्तिशाली प्रणोद के अधीन भारतीय अर्थव्यवस्था का औपनिवेशिक अर्थव्यवस्था के रूप में रूपांतरण हो गया, जिसकि संरचना ब्रिटेन की तीव्र विकसित हो रही औद्योगिक अर्थव्यवस्था की आवश्यकताओं के द्वारा निर्धारित हुई।” परीक्षण कीजिए।
(b) “जेम्स मिल, उपयोगितवादी दर्शन के जोरदार प्रचारक, ने भारतीय समाज की क्रान्ति केवलमात्र ‘कानून के शस्त्र’ के माध्यम से लाने का प्रस्ताव किया। परंतु वास्तविक नीति-निर्धारण में, औपनिवेशिक राज्य से ज्यादा, अन्य प्रभाव एवं सोच-विचार कहीं अधिक हवी रहे ।” स्पष्ट कीजिए।
(c) “रॉयल भारतीय नौसेना के विद्रोह की घटना को अन्ततः भारतीय स्वतंत्रता दिवस की तरह ही ब्रिटिश शासन की समाप्ति के रूप में चिन्हित किया गया।” व्याख्या कीजिए।

4. (a) राष्ट्रवादी अवस्था के दौरान कृषक आन्दोलनों के स्वरूप का विश्लेषण कीजिए तथा उनकी कमियों को उजागर कीजिए।
(b) “जवाहरलाल नेहरू ने, एक घोषित समाजवादी होते हुए भी, एक यथार्थ व्यवहारवादी की तरह, एक नवीन भारत के निर्माण के लिए भवन शिला-खण्डों को उपलब्ध करवाने पर ध्यान केंद्रित किया।” परीक्षण कीजिए।
(c)”यद्यपि 1935 के भारत सरकार अधिनियम ने द्वैधशासन के स्थान पर प्रांतीय स्वायत्तता को स्थापित किया, तथापि गवर्नर को प्रदत्त अधिभावी शक्तियों ने स्वायत्तता की आत्मा को कमजोर कर दिया।” अविस्तार स्पष्ट कीजिए।

खण्ड ‘B’

5. निम्नलिखित कथनों में प्रत्येक का लगभग 150 शब्दों में समालोचनात्मक परीक्षण कीजिए :

(a) “ब्रिटेन की तुलना में फ्रांस नये समाजवादी सिद्धांतों एवं आन्दोलनों के उद्भव के लिए अधिक उपजाऊ भूमि चाहे साकार परिणामों की दृष्टि से ब्रिटेन की तुलना में फ्रांस में उनका कम फलदायी असर रहा हो।”
(b) “फ्रांस में एस्टेट्स जनरल के अधिवेशन के पूर्व ही नवीन भव्य भवन को शीघ्र कमजोर करने वाले विविध अंतर्विरोधों के स्वर मुखर हो चुके थे। एस्टेट्स के आंतरिक संघर्ष अपने आप ही प्रकट हुए थे।”
(c) “जुलाई क्रान्ति (1830) के नाम से प्रसिद्ध समस्त घटना पूर्ण जनतंत्र की स्थापना के लिए न होकर, पुनःप्रतिष्ठित बुर्बों की अभिजातवर्गीय और पादरीवादी अभिवृत्ति से मुक्ति पाने के लिए लड़ी और जीती गई थी।”
(d) “मेजिनी की इटली की राष्ट्रीयता की संकल्पना बहिष्कारवादी नहीं थी और उसका प्रधान आदर्श समस्त मानवजाति की नैतिक एकता को पुनरनिर्मित करने का था।”
(e) “महाद्वीपीय नाकाबंदी ग्रेट ब्रिटेन को आर्थिक रूप से पराजित करने का एक गलत सोचा विचार था।”

6. (a) “बर्लिन काँग्रेस (1878) पूर्वी समस्या के ताले को खोलने में असफल रही । यद्यपि बर्लिन संधि के बाद करीबन तीन दर्शकों तक यूरोप में कोई बड़ा युद्ध नहीं लड़ा गया, तथापि भविष्य में लड़े जाने वाले बहुत-से युद्धों के बीज इस संधि में निहित थे।” समालोचनात्मक मूल्यांकन कीजिए।
(b) “अफ्रीका का इतिहास केवलमात्र यूरोपीय एवं अमरीकी इतिहास के मोटे शीर्षकों के अंतर्गत विस्तार या केवल उप-प्रकरण के रूप में दिखाई देता है। इस इतिहास-लेखन के अनुसार, यूरोपीय छीना-झपटी के पूर्व अफ्रीका इतिहास-विहीन प्रतीत होता है।” स्पष्ट कीजिए।
(c) “ट्रूमेंन सिद्धान्त एवं मार्शल प्लान को रूसी धड़े ने रूसी प्रभाव को सीमित करने के लिए एक शस्त्र के रूप में माना।” समालोचनात्मक परीक्षण कीजिए।

7. (a) यह कहना कहाँ तक सही है कि प्रथम विश्व युद्ध आवश्यक रूप से शक्ति-संतुलन के संरक्षण लिए लड़ा गया था?
(b) “कियोमिन्तांग की कॉम्युनिस्टों के भीषण आक्रमण के समक्ष असफलता अकल्पनीय थी और वह माओ त्से-तुंग ही था, जिसकी दृढ़ता और नवाचारी उपागम ने न सोच पा सकने वाली सफलता अर्जित कारवाई थी।” विवेचन कीजिए।
(c) “औद्योगिक क्रान्ति के परिणामस्वरूप मजदूर वर्ग के दमनकारी शोषण ने इंग्लैंड की सामाजिक अन्तश्चेतना को झकझोर दिया था।” स्पष्ट कीजिए।

8. (a) “संयुक्त राष्ट्र संघ (यू ० एन ० ओ ०) का निर्माण ‘लीग ऑफ नेशंस’ के अनुभव के प्रकाश में किया गया था, परन्तु संयुक्त राष्ट्र संघ के संविधान में शामिल अधिदेश के बावजूद, विश्व शांति को बनाए रखने में इसकी प्रभावी भूमिका में संसंजकता और सामूहिक उपागम का अभाव रहा है।” परीक्षण कीजिए।
(b) “यूरोपीय संघ, एक राजनयिक चमत्कार, का आर्थिक विवादास्पद मुद्दों से उद्भव रुक-रुक कर पैदा होने वाली दरार पड़ने की घटनाओं से लगातार जूझना जारी है, जो संघ के प्रभावशाली एकीकरण के लिए चुनौती बना हुआ है।” समालोचनात्मक परीक्षण कीजिए।
(c) “विश्व मामलों में गुट-निरपेक्ष आंदोलन की भूमिका को बड़ा नुकसान हुआ है, जिसका कारण तीसरी दुनिया के राष्ट्रों, जिन्होंने इस आन्दोलन का नेतृत्व किया था, के मध्य परस्पर संहारक द्वन्दों का होना है।” स्पष्ट कीजिए।



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