UPSC Hindi Literature Optional Paper-1 2019: हिंदी साहित्य प्रथम प्रश्न पत्र

खण्ड ‘A’

1. निम्नलिखित प्रत्येक पर लगभग 150 शब्दों में टिप्पणियाँ लिखिए :

(a) आरंभिक हिन्दी की व्याकरणिक विशेषताएं
(b) खड़ी बोली के विकास में सिद्ध-नाथ साहित्य का योगदान
(c) दक्खिनी हिन्दी का स्वरूप
(d) देवनागरी लिपि : सुधार की दिशाएं
(e) राष्ट्रभाषा हिन्दी की प्रयोग संबंधी चुनौतियाँ

2. (a) पूर्वी हिन्दी की किन्हीं दो बोलियों की प्रमुख व्याकरणिक विशेषताओं की समीक्षा कीजिए।
(b) स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान प्रयुक्त होने वाली हिन्दी अपनी किन विशेषताओं के साथ राष्ट्रभाषा बनी? स्पष्ट कीजिए।
(c) खड़ी बोली की व्याकरणिक विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।

3. (a) मानक हिन्दी को व्यावहारिक बनाने के लिए जिन व्याकरणिक नियमों को संशोधित किया गया है, उससे पढ़ने और लिखने में विसंगतियाँ आ रही हैं। उदाहरण देकर समझाइए।
(b) आज हिन्दी को वैज्ञानिक और तकनीकी लेखन के क्षेत्र में विशेष महत्व मिल है। इसके कारणों पर प्रकाश डालिए।
(c) “हिन्दी और उसकी क्षेत्रीय बोलियों के अंतरसंबंध से जो राष्ट्रीय एकता स्थापित हुई है, वह अद्वितीय है।” इस कथन की मीमांसा कीजिए।
4. (a) उन्नीसवीं शताब्दी में नागरी लिपि की स्थिति पर प्रकाश डालिए।
(b) हिन्दी के विकास में अवधी के योगदान की समीक्षा कीजिए।
(c) ब्रजभाषा की व्याकरणिक विशेषताओं का आकलन कीजिए।

खण्ड ‘B’

5. निम्नलिखित प्रत्येक पर लगभग 150 शब्दों में टिप्पणियाँ लिखिए :

(a) हिन्दी में साहित्येतिहास लेखन की परंपरा और महत्व
(b) तुलसी की लोकमंगल संबंधी अवधारणा
(c) छायावादी काव्य की प्रमुख दो विशेषताएं
(d) हिन्दी रंगमंच का उद्भव और विकास

6. (a) आचार्य रामचन्द्र शुक्ल द्वारा किया गया हिन्दी साहित्य के इतिहास का काल-विभाजन कितना प्रासंगिक है? सप्रमाण उत्तर लिखिए।
(b) नाट्य-कला की दृष्टि से भारतेन्दु हरिश्चंद्र के मौलिक नाटकों का विवेचन कीजिए।
(c) नागार्जुन की कविताओं में भारतीय समाज की विसंगतियों और विडम्बनाओं को यथार्थ रूप में उकेरा गया है। स्पष्ट कीजिए।

7. (a) “प्रेमचंद के उपन्यास भारतीय कृषक जीवन के सच्चे दस्तावेज हैं।” इस कथन की सार्थकता पर विचार कीजिए।
(b) “जयशंकर प्रसाद की कहानियाँ शिल्प का ताजमहल हैं।” इस कथन की सत्यता पर प्रकाश डालिए।
(c) रंगमंचीयता की दृष्टि से जगदिशचंद्र माथुर के नाटकों का विवेचन कीजिए।

8. (a) हजारीप्रसाद द्विवेदी के आलोचनात्मक प्रतिमानों पर प्रकाश डालिए।
(b) हिन्दी के यात्रा-वृत्तान्त की विकास-यात्रा पर प्रकाश डालिए।
(c) “विद्यानिवास मिश्र के ललित निबंध भारतीय संस्कृति के आख्यान हैं।” इस कथन की समीक्षा कीजिए।


UPSC Hindi Literature Optional Paper-2 2019: हिंदी साहित्य द्वितीय प्रश्न पत्र

खण्ड ‘A’

1. निम्नलिखित काव्यांशों की लगभग 150 शब्दों में ऐसी व्याख्या कीजिए की इसमें निहित काव्य-मर्म भी उद्घाटित हो सके :

(a) जाका गुर भी अँधला, चेला है जा चंध ।
अंधे अंधा ठेलिया, दून्यूं कूप पड़ंत ।।
ना गुर मिल्या न सिष भया, लालचि खेल्या दाव ।
दून्यूं बूढ़े धार मैं, चढ़ि पाथर की नाव।।

(b) नामु लिए पूतको पुनीत कियो पातकीसु,
आरति निवारी ‘प्रभु पाहि’ कहें पीलकी ।
छलनिको छोड़ी, सो निगोड़ी छोटी जाति-पाँति
कीन्ही लीन आपुमें सुनारी भोंडे भीलकी ।।

(c) महत्ता के चरण में था
विषादाकुल मन !
मेरी उसी से उन दिनों होता मिलन यदि
तो व्यथा उसकी स्वयं जीकर
बताता में uसे उसका स्वयं का मूल्य
उसकी महत्ता !

(d) आराधन का दृढ़ आराधन से दो उत्तर,
तुम वरो विजय संयत प्राणों से प्राणों पर,
रावण अशुद्ध होकर भी यदि कर सका त्रस्त,
तो निश्चय तुम हो सिद्ध करोगे उसे ध्वस्त,
शक्ति की करो मौलिक कल्पना, करो पूजन
छोड़ दो समर जब तक न सिद्धि हो, रघुनन्दन !

(e) जाने दो, वह कवि-कल्पित था,
मैंने तो भीषण जाड़ों में
नभ-चुंबी कैलास शीर्ष पर,
महामेघ को झंझानिल से
गरज-गरज भिड़ते देखा है।

2. (a) ‘भ्रमरगीत’ की अवधारणा पर विचार करते हुए गोपियों की वग्विदग्धता का परिचय दीजिए।
(b) बिहारी की सूक्ष्म सौंदर्य दृष्टि का निरूपण कीजिए।
(c) ‘राम की शक्ति पूजा’ में निराला के आत्मसंघर्ष की भी व्यथा-कथा है।’ सोदाहरण स्पष्ट कीजिए ।

3. (a) ‘ब्रह्मराक्षस के निथकीय प्रयोग’ की व्याख्या करते हुए मध्यवर्गीय जीवन की त्रासदी पर प्रकाश डालिए।
(b) ‘कामायनी’ विषम परिस्थितियों में जीवन के सृजन का महाकाव्य है।’ स्पष्ट कीजिए।
(c) ‘अकाल के बाद’ कविता की मूल संवेदना को सोदाहरण विवेचित कीजिए।

4. (a) ‘भारत भारती’ की राष्ट्रीय चेतना को आज के संदर्भ में समझाइए।
(b) ‘कवितावली’ के भाव सौंदर्य की विशेषताओं पर प्रकाश डालिए।
(c) कबीर की भाषा सधुक्कडी है।’ इस कथन पर विचार कीजिए।

खण्ड ‘B’

5. निम्नलिखित गद्यांशों की संदर्भ सहित व्याख्या कीजिए और उसका भद-सौंदर्य प्रतिपादित कीजिए। (प्रत्येक लगभग 150 शब्दों में)
(a) एक पगली-सी स्मृति, एक उद्भ्रांत भावना चैपल के शीशों के परे पहाड़ी सूखी हवा में झुकी हुई विपिंग विजोल की कांपती टहनियाँ, पैरों-तले चीड़ के पत्तों की धीमी-सी चिर-परिचित खड़ -खड़ …. वहीं पर गिरीश एक हाथ में मिलिटरी का खाकी हैट लिए खड़ा है-चौड़े, उठे सबल कंधे, अपना सिर वहाँ टिका दो तो जैसे सिमटकर खो जाएगा….।
(b) फूट, डाह, लोभ, भय, उपेक्षा, स्वार्थपरता, पक्षपात, हठ, शोक, अश्रुमार्जन और निर्बलता – इन एक दरजन दूती और दूतों को शत्रुओं की फौज में हिला-मिलाकर ऐसा पंचामृत बनाया की सारे शत्रु बिना मारे घंटा पर के गरुण हो गए।
(c) अब भी उत्साह का अनुभव नहीं होता….. ? विश्वास करो तुम यहाँ से जाकर भी यहाँ से अलग नहीं होओगे। यहाँ की वायु, यहाँ के मेघ और यहाँ के हरिण, इन सबको तुम साथ ले जाओगे … । और में भी तुमसे दूर नहीं होऊँगी। जब भी तुम्हारे निकट होना चाहूँगी, पर्वत-शिखर पर चली जाऊँगी और उड़कर आते मेघों में घिर जाया करूँगी ।
(d) “क्या बताऊँ? गरीबी की बीमारी थी। पाँच साल हो गए पेंशन पर बैठे, पर पेंशन अभी तक नहीं मिली। हर दस-पंद्रह दिन में एक दरख्वास्त देते थे, पर वहाँ से या तो जवाब नहीं आता था और आता तो यही की तुम्हारी पेंशन के मामले में विचार हो रहा है। इन पाँच सालों में मेरे सब गहने बेचकर हम लोग खा गए। फिर बर्तन बीके। अब कुछ नहीं बचा था। फाके होने लगे थे। चिंता में घुलते-घुलते और भूखे मरते-मरते उन्होंने दम तोड़ दिया।”
(e) मनुष्य के लिए कविता इतनी प्रयोजनीय वस्तु है कि संसार की सभ्य-असभ्य सभी जातियों में,किसी न किसी रूप में पायी जाती है। चाहे इतिहास न हों, विज्ञान न हो, दर्शन न हो, पर कविता का प्रचार अवश्य रहेगा। बात यह है कि मनुष्य अपने ही व्यापारों का ऐसा सघन और जटिल मंडल बाँधता चला आ रहा है। जिसके भीतर बंध-बंध वह शेष सृष्टि के साथ अपने हृदय का संबंध भूला सा रहता है।

6. (a) ‘मैला आँचल’ की राजनीतिक चेतना पर प्रकाश डालिए।
(b) ‘भारत दुर्दशा’ में अपने समय की विभीषिका का चित्रण हुआ है।’ स्पष्ट कीजिए।
(c) डा. हजारी प्रसाद द्विवेदी के निबंधों में तर्क और विचार के साथ भाव प्रवणता भी है।’ इस कथन की सोदाहरण व्याख्या कीजिए।

7. (a) ‘दिव्या’ स्त्री स्वतंत्रता का उद्घोष है।’ विवेचन कीजिए।
(b) ‘रंगमंच’ की दृष्टि से ‘आषाढ़ का एक दिन’ की विवेचना कीजिए।
(c) ‘जिंदगी और जोंक’ में रजुआ की जिजीविषा पर प्रकाश डालिए।

8. (a) ‘महाभोज’ की मूल संवेदना को स्पष्ट कीजिए।
(b) ‘गोदान’ की धनिया स्त्री चरित्र का उदत्त रूप है।’ सोदाहरण प्रकाश डालिए।
(c) ‘श्रद्धा और भक्ति’ के अंतर को स्पष्ट करते हुए आचार्य शुक्ल के निबंधों की विशेषताएं बताइए।


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