UPSC Sociology Optional Question Paper 2021: प्रश्न पत्र I

खण्ड- A

1. निम्नलिखित प्रत्येक प्रश्न का उत्तर लगभग 150 शब्दों में दीजिए:

(a) यूरोप पहला और एकमात्र स्थान था जहाँ आधुनिकता का उदय हुआ। टिप्पणी कीजिए।
(b) क्या आप यह समझते हैं कि नृजातीय-पद्धतिशास्त्र, विश्वसनीय और वैध डेटा (आकडे) प्राप्त करने में हमारी मदद करता है? अपने उत्तर का औचित्य साबित कीजिए।
(c) जनगणना पद्धति के माध्यम से डेटा (आकडे)एकत्रित करने में आने वाली चुनौतियों की चर्चा कीजिए।
(d) स्पष्ट कीजिए कि क्या दुर्खीम का श्रम विभाजन का सिद्धांत आज के संदर्भ में प्रासंगिक है।
(e) मैक्स वेबर के सामाजिक स्तरीकरण सिद्धांत का समालोचनात्मक परीक्षण कीजिए।

2. (a) बहुविषयकता के बढ़ते महत्व के दृष्टिकोण से आप समाजशास्त्र को अन्य सामाजिक विज्ञानों से कैसे संबंधित मानते हैं?
(b) सामाजिक वासविक्त को समझने के लिए प्रत्यक्षवादी दृष्टिकोण का उपयोग करने में समाजशास्त्रियों को कहाँ तक उचित ठहराया जा सकता है? उपयुक्त दृष्टांतों के साथ समझाइए।
(c) समाजशास्त्र, सामान्य बुद्धि से कैसे संबंधित है?

3. (a) गुणात्मक और मात्रात्मक विधियाँ, कैसे समजशास्त्रीय जाँच में एक-दूसरे की पूरक हैं?
(b) कार्ल मार्क्स द्वारा प्रतिपादित उत्पादन की प्रत्येक विधि में शामिल द्वन्द्वात्मकता का समालोचनात्मक परीक्षण कीजिए।
(c) क्या आप मैक्स वेबर के इस विचार से सहमत हैं कि नौकरशाही में लोहे का पिंजरा बनने की क्षमता है? अपने उत्तर का औचित्य साबित कीजिए।

4. (a) सामाजिक गतिशीलता की अवधारणा को स्पष्ट कीजिए। शिक्षा और सामाजिक गतिशीलता एक-दूसरे से कैसे संबंधित हैं, उसका उपयुक्त दृष्टांतों के साथ वर्णन कीजिए।
(b) ‘घर से काम करने’ के विचार ने हमें काम के औपचारिक और अनौपचारिक संगठन को पुनःपरिभाषित करने के लिए कैसे मजबूर किया है?
(c) आर. के. मर्टन द्वारा प्रतिपादित, एक समाज में अनुरूपता और विचलन कैसे सह-अस्तित्व में रहते हैं, उपयुक्त उदाहरणों के साथ इसकी व्याख्या कीजिए।

खण्ड ‘B’

5. निम्नलिखित प्रत्येक प्रश्न का उत्तर लगभग 150 शब्दों में दीजिए:

(a) अनौपचारिक क्षेत्र में लैंगिक समानता अथापित करने में उभरती चुनौतियों की व्याख्या कीजिए।
(b) वर्तमान परिदृश्य में विल्फ्रेडो पारेटो के अभिजात-वर्ग के परिभ्रमण के सिद्धांत की प्रासंगिकता का समालोचनात्मक परीक्षण कीजिए।
(c) धर्म पर ई. बी. टायलर और मैक्स मूलर के विचारों की आलोचनात्मक रूप से तुलना कीजिए।
(d) पंथ क्या है? समकालीन दुनिया में पंथों की वृद्धि की व्याख्या कीजिए।
(e) क्या आपको लगता है कि टैलकॉट पार्संस के द्वारा दिया गया सामाजिक परिवर्तन का सिद्धांत पर्याप्त है? अपने उत्तर का औचित्य साबित कीजिए।

6. (a) हाल ही में ‘लॉकडाउन अवधि’ के दौरान प्रवासी श्रमिकों के सामने आइ मुख्य समस्याओं और चुनौतियों की विशद व्याख्या कीजिए।
(b) अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए राजनीतिक दलों और दबाव समूहों के बीच किस प्रकार के द्वन्द्वात्मक संबंध होते हैं, व्याख्या कीजिए।
(c) वर्तमान संदर्भ में धार्मिक पुनरुत्थानवाद के विकास पर अपनी टिप्पणी दीजिए।

7. (a) वर्तमान संदर्भ में परिवार और कार्यस्थल पर पित्रतंत्र का प्रतिरूप (पैटर्न) कैसे बदल रहा है, समझाइए।
(b) वर्तमान वैश्विक परिदृश्य को समझने में आश्रितता सिद्धांतों के योगदान का समालोचनात्मक परीक्षण कीजिए।
(c) समकालीन दुनिया में नृजातीयता के बढ़ते महत्व को दृष्टांतों के साथ समझाइए।

8. (a) समकालीन विश्व में नातेदारी सम्बन्धो की बदलती हुई प्रकृति की विवेचना कीजिए।
(b) कोविड-19 महामारी से उत्पन्न चुनौतियों का सामना करने हेतु हमें सक्षम बनाने में विज्ञान और प्रौद्योगिकी की भूमिका का वर्णन कीजिए।
(c) लोकतान्त्रिक व्यवस्था में नागरिक समाज की भूमिकाओं और कार्यों पर प्रकाश डालिए।


UPSC Sociology Optional Question Paper 2021: प्रश्न पत्र II

खण्ड- A

1. निम्नलिखित प्रश्नों के समजशास्त्रीय परिप्रेक्ष्य से संक्षिप्त उत्तर लिखिए, जो प्रत्येक लगभग 150 शब्दों में हो:

(a) प्रारंभ में भारत में जाति-व्यवस्था अध्ययन मुख्यतः “पुस्तक-केंद्रित” रहा। बाद में “फील्ड-व्यू” या “क्षेत्र-केंद्रित” अध्ययन के प्रवेश से भारतीय जाति-व्यवस्था के अध्ययन में संतुलन बनाने में कैसे मदद मिली? विवेचना करें।
(b) ‘जाति-निर्मूलन’ की अवधारणा से डॉ. भीम राव अंबेडकर का क्या तात्पर्य है?
(c) भारत में नातेदारी व्यवस्था के विभिन्न प्रकारों की चर्चा करें।
(d) भारत के गावों को दर्शाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले वाक्यांश “लघु गणतंत्र” की संक्षिप्त समालोचना प्रस्तुत करें।
(e) जाति की तरह की संरचनाएं गैर-हिन्दू धार्मिक समुदायों में भी होती हैं।

2. (a) पहचान की राजनीति क्या है? भारत में दलित आंदोलन के प्रमुख रुझानों की व्याख्या करें।
(b) क्या भारतीय समाज “पदानुक्रम” से “विभेदीकरण” की ओर अग्रसर है? उपयुक्त उदाहरणों के साथ इस पर प्रकाश डालें।
(c) भारत में ‘नव मध्यम वर्ग’ के विशिष्ट लक्षणों की चर्चा करें।

3. (a) भारत के आधुनिकीकरण के सिद्धांतिकरण में प्रो. योगेंद्र सिंह के प्रमुख योगदान की विस्तार से चर्चा करें।
(b) समकालीन भारत में ग्रामीण असंतोष के मुख्य कारकों का परीक्षण कीजिए।
(c) भारतीय शहरों में बदलते पारिवारिक संरचना के आयामों की विवेचना करें।

4. (a) अभी हाल की महामारी के दौरान “उलट-प्रवसन” के समजशास्त्रीय कारण और निहितार्थ क्या हैं?
(b) जनजातीय विकास पर जी. एस. घुरिये एवं वी. एल्विन के बीच वाद -विवाद की प्रमुख विशिष्टताओं पर चर्चा कीजिए।
(c) भारत में अस्पृश्यता के विविध प्रकार क्या हैं? आलोचनात्मक परीक्षण कीजिए।

खण्ड ‘B’

5. निम्नलिखित प्रश्नों के समजशास्त्रीय परिप्रेक्ष्य से संक्षिप्त उत्तर लिखिए, जो प्रत्येक लगभग 150 शब्दों में हो:

(a) भारत में विकसात्मक योजनाओं के विचार का विश्लेषण कीजिए।
(b) ग्रामीण विकास में शहकारी समितियों की भूमिका पर टिप्पणी कीजिए।
(c) शहरी झुग्गी बस्तियाँ सामाजिक बहिष्कार के स्थल हैं – व्याख्या करें।
(d) क्या क्षेत्रीयवाद अनिवार्यतः शक्ति विकेन्द्रीकरण की तरफ जाता है? अपने उत्तर को सुसंगत उदाहरण से समझाइए।
(e) भारतीय कृषिक परिवर्तन में तकनीक की भूमिका की विवेचना करें।

6. (a) नई शिक्षा नीति के सामाजिक महत्व तथा इसके व्यवसायीकरण एवं कौशल-विकास पर जोर देने की व्याख्या करें।
(b) क्या ‘वयोवृद्धि’ भारतीय समाज में एक उभरता मुद्दा है? भारत में वृद्ध लोगों की मुख्य समस्याओं की चर्चा करें।
(c) भारत में विषय लिंग-अनुपात के लिए उत्तरदायी सामाजिक-सांस्कृतिक कारकों को रेखांकित कीजिए।

7. (a) विस्थापन की समस्या विकास के विचार में अंतर्निहित है। इस कथन का आलोचनात्मक विश्लेषण कीजिए।
(b) बढ़ता हुआ ‘संजाति केंद्रवाद’ हमारे समाज को संघर्ष की ओर ले जा रहा है। इस कथन का आकलन समुचित कारणों के साथ प्रस्तुत करें।
(c) क्या सामाजिक लोकतंत्र राजनीतिक लोकतंत्र की पूर्व शर्त है? टिप्पणी कीजिए।

8. (a) सांप्रदायिक-ध्रुवीकरण में ‘सोसल-मीडिया’ की भूमिका की चर्चा करें। इसका मुलाकात करने के लिए उपाय बताएं।
(b) भारत में शहरी बसावट ग्रामीण समाज के जाति-नातेदारी की छाप को दोहराती हुई प्रतीत होती है। इसके कारणों की विवेचना करें।
(c) क्या ‘आर्थिक सशक्तिकरण’ स्वतः महिलाओं में ‘वास्तविक सशक्तिकरण’ लाती है? संक्षेप में भारत में महिला सशक्तिकरण के मुख्य मुद्दों का वर्णन करें।


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