UPSC Political science (PSIR) Optional Question Paper 2016: प्रश्न पत्र I

खण्ड- A

1. निम्नलिखित में से प्रत्येक पर लगभग 150 शब्दों में टिप्पणी लिखिए:

(a) “मैं और मेरे सह-मानव कैसे व्यवहार करेंगे, यदि हम स्वयं को प्राकृतिक अवस्था में पाते हैं और हमारा यह व्यवहार सहज पुरवनुकूलता के विषय में क्या कहेगा?” (थामस हाब्स)
(b) उत्तर-व्यवहारवादी उपागम।
(c) सकारात्मक व्यवहार।
(d) डॉ. बी. आर. अम्बेडकर का राज्य-समाजवाद का विचार।
(e) ग्रामसी का प्राधान्य सिद्धांत।

2. (a) “वैश्वीकरण की राजनीतिक विचारधारा नव-उदारवाद है”, टिप्पणी कीजिए।
(b) राज्य के नारीवादी सिद्धांत की व्याख्या कीजिए।
(c) लोकतान्त्रिक समता पर जॉन रॉल्स के तर्क का आलोचनात्मक उल्लेख कीजिए।

3. (a) सांस्कृतिक राष्ट्रवाद पर श्री अरविन्दो के दृष्टिकोण की व्याख्या कीजिए।
(b) मानवीय सत्व और विसंबंधन के प्रति मार्क्स के ज्ञान को स्पष्ट कीजिए।
(c) “मानव अधिकारों का लागू किया जाना शासन के व्यवहार में परिवर्तन समझा जाता है”, समीक्षा कीजिए।

4. (a) आधुनिक सर्वाधिकारवादी शासन में विचारधारा की भूमिका के संदर्भ में हन्ना-ऑरेंट के विश्लेषण की व्याख्या कीजिए।
(b) प्रतिनिधि लोकतंत्र के अभिलक्षणो को स्पष्ट कीजिए।
(c) ‘आधुनिकीकरण’ के परिप्रेक्ष्य में महात्मा गांधी का आलोचनात्मक विवरण प्रस्तुत कीजिए।

खण्ड ‘B’

5. निम्नलिखित प्रत्येक पर लगभग 150 शब्दों में टिप्पणी लिखिए:

(a) भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन पर उग्र मानवतावादी परिप्रेक्ष्य में आलोचनात्मक विवरण प्रस्तुत कीजिए।
(b) सांस्कृतिक और क्षेत्रीय भिन्नताएं वे स्थायी हैं जिन पर भारत में राजनीति खेली जाती है।
(c) ‘संविधान के मूलभूत ढांचे अथवा संरचना को परिवर्तित करने के लिए अनुच्छेद 368 संसद को अधिकृत नहीं करता है’।
(d) 42 वें संविधान संशोधन का उद्देश्य आर्थिक और सामाजिक लोकतंत्र को स्पष्टतया दृष्टिगोचर बनाना था।
(e) केंद्र और राज्य के मध्य शक्तियों के विभाजन की दर्शनिकता में और प्रशासन का पुन: निर्धारण किये जाने की आवश्यकता है।

6. (a) भारत में आर्थिक विकास की राजनीति का आलोचनात्मक विवरण प्रस्तुत कीजिए।
(b) भारतीय राजनीति में पिछड़ा वर्गों के प्रकट होने पर टिप्पणी कीजिए।
(c) राष्ट्रीय राजनीति में एक प्रभावी दलीय व्यवस्था से बहुदली राजनीति तक राजनीतिक दलों के ढांचे की व्याख्या कीजिए।

7. (a) ग्रामीणों की गरीबी का उन्मूलन करने में भूमि सुधार असफल रहे हैं। टिप्पणी कीजिए।
(b) हाल ही के समय में, राज्यपाल की भूमिका का आलोचनात्मक विवरण प्रस्तुत कीजिए।
(c) सूचना के अधिकार की व्याख्या कीजिए और उसके समक्ष आ रही चुनौतियों को स्पष्ट कीजिए।

8. (a) मूल भूत स्तर पर लोकतंत्र को सुदृढ़ करने के उपरांत ही सुशासन के लक्ष्य की प्राप्ति होगी।
(b) राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के उद्देश्य और भूमिका का विवरण प्रस्तुत कीजिए।
(c) पर्यावरण के संरक्षण के लिए संविधान में किए गए पूर्वोपायों का आलोचनात्मक विवरण प्रस्तुत कीजिए।


UPSC Political science (PSIR) Optional Question Paper 2016: प्रश्न पत्र II

खण्ड- A

1. निम्नलिखित प्रत्येक प्रश्न का उत्तर लगभग 150 शब्दों में दीजिए:

(a) तुलनात्मक राजनीति के अध्ययन में राजनीतिक अर्थशास्त्रीय उपागम के मार्क्सवादी दृष्टिकोण का समालोचनात्मक परीक्षण कीजिए।
(b) राजनीतिक दलों की अवनति पर टिप्पणी कीजिए और परीक्षण कीजिए कि क्या नव सामाजिक आन्दोलन सरकार और समाज के बिच कड़ी स्थापित करने के लिए वैकल्पिक रणनीति होंगे।
(c) राज्य के आंतरिक प्रकार्यण (फंक्शनिंग) पर वैश्वीकरण के प्रभाव पर चर्चा कीजिए।
(d) अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के अध्ययन के प्रकार्यात्मक और व्यवसथात्मक उपागमों का समालोचनात्मक परीक्षण कीजिए।
(e) “आंतरिक दबावों (नृजातीय और प्रादेशिक बलों) और बाहरी घुड़कियों (यूरोपीय संघ, संयुक्त राष्ट्र, टी० एन ० सी ०,वैश्विक बाजार आदि)के संयोजन ने सामान्यतः काहे जाने वाले ‘राष्ट्र-राज्य संकट’ को पैदा कर दिया है।” विस्तारपूर्वक स्पष्ट कीजिए।

2. (a) आर्थिक सुरक्षा के साथ साथ वैश्विक मानवीय सुरक्षा पर बल दिए जाने की आवश्यकता का क्या कारण है?उदाहरण प्रस्तुत करते हुए स्पष्ट कीजिए।
(b) क्या आप समर्थन करते हैं कि संयुक्त राष्ट्र के ढांचे और कार्यप्रणाली में बड़े परिवर्तनों की आवश्यकता है? इसकी कार्यदक्षता बढ़ाने के लिए परिवर्तनों का सुझाव दीजिए।
(c) शीत युद्धोंत्तर काल में नाभिकीय शस्त्रों के अप्रसार के उद्भव पर चर्चा कीजिए।

3. (a) “‘नव साम्राज्यवादी काल’ में टी० एन ० सी ०, बैंकों और निवेश फ़र्मों के हितों को साधने के लिए अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोश,विश्व बैंक, जी-7, गैट और अन्य संरचनाएं बनाई गई हैं।” नयी विश्व व्यवस्था में शासन के उदाहरण प्रस्तुत करते हुए इसको संपुष्ट कीजिए।
(b) शीत युद्ध के उदय और पतन का संक्षेप में परीक्षण कीजिए।
(c) प्रादेशिकता विश्व राजनीति को किस प्रकार स्वरूप प्रदान करती है? उदाहरण देकर स्पष्ट कीजिए।

4. (a) राष्ट्रीय हित की प्रोन्नति के लिए अभिकल्पित उपकरणों और विधियों को स्पष्ट कीजिए।
(b) शक्ति-संतुलन की धारणा के सँभ्रान्तिपूर्ण होने की मशहूरी है।” इस उद्धरण के प्रकाश में क्या आप समझते हैं कि शक्ति-संतुलन की संकल्पना प्रासंगिक है?
(c) क्या हित समूह लोकतंत्र की प्रोन्नति करने में सहायता करते है या कि uसे कमजोर करते हैं? अपना एमटी प्रस्तुत कोजिए ।

खण्ड ‘B’

5. निम्नलिखित प्रत्येक प्रश्न का उत्तर लगभग 150 शब्दों में दीजिए:

(a) भारत की विदेश नीति के निर्माण में कौन-कौन से निर्धारक तत्व महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं? उदाहरण देकर स्पष्ट कीजिए।
(b) गुट-निरपेक्ष आन्दोलन में भारत के योगदान पर और इसकी समकालीन प्रासंगिकता पर टिप्पणी कीजिए।
(c) भारत की नाभिकीय नीति का समालोचनात्मक विश्लेषण कीजिए।
(e) “कभी-कभी हम देखते हैं कि प्रादेशिक सहयोग के रास्ते की विभिन्न बाधाओं के कारण ‘सार्क’ के प्रयासों में विराम आ जाता है।” बाधाओं के यथोचित उदाहरणों सहित इसको सविस्तार स्पष्ट कीजिए।

6. (a) ब्रिटेन के यूरोपीय संघ से निष्कासन को स्पष्ट कीजिए तथा सामान्यतः विश्व की अर्थव्यवस्था पर और विशेष रूप से भारत की अर्थव्यवस्था पर इसके परिणामों को उजागर कीजिए।
(b) भारत और चीन के बीच बाधित संबंधों के परिप्रेक्ष्य में भारत के यू ० एस ० ए ० के साथ बढ़ते हुए संबंध पर टिप्पणी कीजिए।
(c) भारत की संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सीट की मांग पर अंतर्राष्ट्रीय राजनीति में चीन की भूमिका का समालोचनात्मक विश्लेषण कीजिए।

7. (a) बिश्व राजनीति में पर्यावरणीय सरोकारों की रखवाली करने से संबंधित मुख्य समस्याओं व चुनौतियों का परीक्षण कीजिए ।
(b) उत्तर-दक्षिण विभाजन की संकल्पना को स्पष्ट कीजिए और सुझाइए कि किस प्रकार उच्च मजदूरी, उच्च निवेश वाले औद्योगिक उत्तर और निम्न मजदूरी, निम्न निवेश वाले अधिकतर ग्रामीण दक्षिण के बीच संरचनात्मक असमताओं को कम किया जा सकता है।
(c) विकासशील देशों पर सोवियत संघ के विखंडन के सकारात्मक व नकारात्मक प्रभावों की चर्चा कीजिए।

8. (a) शस्त्रिकरण होड़ के सामाजिक-आर्थिक प्रभावों को स्पष्ट कीजिए और निःशस्त्रीकरण की राह में आने वाली रुकावटों की पहचान कीजिए।
(b) भारत की ‘पूर्व की ओर देखो नीति’ के संबंध में क्या अपेक्षाएं व आकांक्षाएं हैं? स्पष्ट कीजिए।
(c) पठानकोट घटना के प्रकाश में पाकिस्तान के प्रति भारत की विदेश नीति में आये परिवर्तनों पर चर्चा कीजिए।


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