UPSC Mains Governance Questions: शासन प्रश्न

2022

  • आपकी राय में, भारत में शक्ति के विकेन्द्रीकरण ने जमीनी-स्तर पर शासन-परिदृश्सय को किस सीमा तक परिवर्तित किया है? (150 शब्द / 10 अंक)

2021

  • आपकी दृष्टि में, भारत में कार्यपालिका की जवाबदेही को निश्चित करने में संसद कहा तक समर्थ है ? (150 शब्द)
  • “भारत में सार्वजनिक नीति बनाने में दबाव समूह महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।” समझाइए की व्यवसाय संघ, सार्वजनिक नीतियों एन किस प्रकार योगदान करते हैं। (150 शब्द)
  • एक राज्य विशेष के अंदर प्रथम सूचना रिपोर्ट दायर करने तथा जांच करने के केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सी ० बी ० आइ ०) के क्षेत्राधिकार पर कई राज्य प्रश्न उठा रहे हैं। हालांकि, सी ० बी ० आइ ० जांच के लिए राज्यों द्वारा दि गई सहमति को रोके सक्ने की शक्ति अत्यानतिक नही है। भारत के संघीय ढांचे के विशेष संदर्भ में विवेचना कीजिए। (250 शब्द)
  • क्या विभागों से संबंधित संसदीय स्थायी समितियाँ प्रशासन को अपने पैर की अंगुलियों पर रखती हैं और संसदीय नियंत्रण के लिए सम्मान-प्रदर्शन हेतु प्रेरित कड़ी हैं? उपयुक्त उदाहरणों के साथ ऐसी समितियों के कार्यों का मूल्यांकन कीजिए। (250 शब्द)
  • क्या नागरिक समाज और गैर-सरकारी संगठन, आम नागरिक को लाभ प्रदान करने के लिए लोक सेवा प्रदायगी का वैकल्पिक प्रतिमान प्रस्तुत कर सकते है? इस वाकल्पिक प्रतिमान की चुनौतियों की विवेचना कीजिए। (250 शब्द)

2020

  • “आर्थिक प्रदर्शन के लिए संस्थागत गुणवत्ता एक निर्णायक चालक है”। इस संदर्भ में लोकतंत्र को सुदृढ़ करने के लिए सिविल सेवा में सुधारों के सिझाव दीजिए।
  • “चौथी औद्योगिक क्रांति (डिजिटल क्रांति) के प्रादुर्भाव ने ई-गवर्नेंस को सरकार का अविभाज्य अंग बनाने में पहल की है”। विवेचना कीजीए।

2019

  • भारत में नीति निर्माताओं को प्रभावित करने के लिए किसान संगठनों द्वारा क्या-क्या तरीके अपनाए जाते हैं और वे तरीके कितने प्रभावी हैं?
  • सूचना और संप्रेषण प्रौद्योगिकी (आई-सी-टी-) आधारित परियोजनाओं/ कार्यक्रमों का कार्यान्वयन आम तौर पर कुछ विशेष महत्वपूर्ण कारकों की दृष्टि से ठीक नहीं रहता है। इन कारकों की पहचान कीजिए और उनके प्रभावी कार्यान्वयन के उपाय सुझाइए।
  • किन आधारों पर किसी लोक प्रतिनिधि को लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के अधीन निरर्हित किया जा सकता है? उन उपचारों का भी उल्लेख कीजिए जो ऐसे निरर्हित व्यक्ति को अपनी निरर्हता के विरूद्ध उपलब्ध है।
  • विकास योजना के नव उदारी प्रतिमान के संदर्भ में, आशा की जाती है कि बहु-स्तरीय योजनाकरण संक्रियाओें को लागत प्रभावी बना देगा और अनेक क्रियान्वयन रूकावटों को हटा देगा। चर्चा कीजिए।
  • विभिन्न सेवा क्षेत्रकों के बीच सहयोग की आवश्यकता विकास प्रवचन का एक अंतर्निहित घटक रहा है। साझेदारी क्षेत्रकों के बीच पुल बनाती है। यह सहयोग और टीम भावना की संस्कृति को भी गति प्रदान कर देती है। उपरोक्त कथनों के प्रकाश में भारत के विकास प्रक्रम का परीक्षण कीजिए।
  • सुभेद्य वर्गों के लिए क्रियान्वित की जाने वाली कल्याण योजनाओं का निष्पादन उनके बारे में जागरूकता के न होने और नीति प्रक्रम की सभी अवस्थाओं पर उनके सक्रिय तौर पर सम्मिलित न होने के कारण इतना प्रभावी नहीं होता है। -चर्चा कीजिए।

2018

  • “विभिन्न प्रतियोगी क्षेत्रों और साझेदारों के मध्य नीतिगत विरोधाभासों के परिणामस्वरूप पर्यावरण के संरक्षण तथा उसके निम्नीकरण की रोकथाम’ अपर्याप्त रही है।” सुसंगत उदाहरणों सहित टिप्पणी कीजिए।
  • ई-शासन केवल नवीन प्रौद्योगिकी की शक्ति के उपयोग के बारे में नही है, अपितु इससे अधिक सूचना के ‘उपयोग मूल्य’ के क्रांतिक महत्व के बारे में है। स्पष्ट कीजिए।
  • आप इस मत से कहा तक सहमत है कि भूख के मुख्य कारण के रूप में खाद्य की उपलब्धता में कमी पर फोकस, भारत में अप्रभावी मानव विकास नीतियों से ध्यान हत्या देता है?

2017

  • “लोकसभा और राज्य विधानसभाओ के एक ही समय में चुनाव, चुनाव-प्रचार की अवधि और व्यय को तो सीमित कर देंगे, परंतु ऐसा करने से लोगों के प्रति सरकार की जवाबदेही कम हो जाएगी।”
  • “जल, सफाई एवं स्वच्छता की आवश्यकता को लक्षित करने वाली नीतियों के प्रभावी क्रियान्यवन को सुनिश्चित करने के लिए लाभार्थी वर्गों की पहचान को प्रत्याशित परिणामों के साथ जोड़ना होगा।” ‘वाश’ योजना के संदर्भ में इस कथं का परिक्सन कीजिए।
  • क्या निःशक्त व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम, 2016 समाज में अभीष्ट लाभार्थियों के सशक्तिकरण और समावेशन की प्रभावी क्रियानिधि को सुनिश्चित करता है? चर्चा कीजिए।
  • अब तक भी गरीबी भारत में सुशां के समक्ष सबसे बड़ी चुनौतियाँ हैं। मूल्यांकन कीजिए की इन भारी समस्याओं से निपटने में क्रमिक सरकारों ने किस सीमा तक प्रगति की है। सुधार के लिए उपाय सुझाइए।
  • “भारत में निर्धनता न्यूनीकरण कार्यक्रम तब तक केवल दर्शनीय वस्तु बने रहेंगे जब तक की उन्हे राजनैतिक इच्छाशक्ति का सहारा नही मिलता है।” भारत में प्रमुख निर्धनता न्यूनीकरण कार्यक्रमों के निष्पादन के संदर्भ में चर्चा कीजिए।

2016

  •  “भारतीय शासकीय तंत्र में, गैर-राजकीय कर्ताओं की भूमिका सीमित ही रही है।” इस कथन का समालोचनात्मक परीक्षण कीजिए।
  • “विभिन्न स्तरों पर सरकारी तंत्र की प्रभाविता तथा शासकीय तंत्र में जन-सहभागिता अन्योन्याश्रित होती है।” भारत के सन्दर्भ में इनके बीच संबध पर चर्चा कीजिए।
  • क्या भारतीय सरकारी तंत्र ने 1991 में शुरू हुए उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण की माँगो के प्रति पर्याप्त रूप से अनुक्रिया की है? इस महत्त्वपूर्ण परिवर्तन के प्रति अनुक्रियाशील होने के लिए सरकार क्या कर सकती है?
  • राष्ट्रीय बाल नीति के प्रमुऽ प्रावधानों का परीक्षण कीजिए तथा इसके क्रियान्वयन की प्रस्थिति पर प्रकाश डालिए।

2015

  • खाप पंचायतें-संविधानेतर प्राधिकरणों के तौर पर प्रकार्य करने, अक्सर मानवाधिकार उल्लंघनों की कोटि में आने वाले निर्णयों को देने के कारण खबरों में बनी रही हैं। इस संबंध में स्थिति को ठीक करने के लिए विधानमंडल, कार्यपालिका और न्यायपालिका द्वारा की गई कार्रवाइयों पर समालोचनात्मक चर्चा कीजिए।
  •  विदेशी अभिदाय (विनियमन) अधिनियम (एफ.सी.आर.ए.), 1976 के अधीन गैर-सरकारी संगठनों के विदेशी वित्तीयन के नियंत्रक नियमों में हाल के परिवर्तनों का समालोचनात्मक परीक्षण कीजिए।
  • आत्मनिर्भर समूह (एस-एच-जी-) बैंक अनुबंधन कार्यक्रम (एस-बी-एल-पी-), जो कि भारत का स्वयं का नवाचार है, निर्धनता न्यूनीकरण और महिला सशक्तिकरण कार्यक्रमों में एक सर्वाधिक प्रभावी कार्यक्रम साबित हुआ है। सविस्तार स्पष्ट कीजिए।
  • सत्यम् कलंकपूर्ण कार्य (2009) के प्रकाश में कॉर्पोरेट शासन में पारदर्शिता, जवाबदेही को सुनिश्चित करने के लिए लाए गए परिवर्तनों पर चर्चा कीजिए।
  •  “वांछित उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि विनियामक संस्थाएँ स्वतंत्र और स्वायत्त बनी रहें।” पिछले कुछ समय में हुए अनुभवों के प्रकाश में चर्चा कीजिए।

2014

  • यद्यपि 100 प्रतिशत विदेशी प्रत्यक्ष निवेश पहले से व्यापर प्रकाशन और सामान्य मनोरंजन चौनल जैसे समाचार-इतर मीडिया में अनुमत है, तथापि सरकार काफी कुछ समय से समाचार मीडिया में वर्धित एफ-डी-आई- के प्रस्ताव पर विचार कर रही है। एफ.डी.आई. में बढ़ोतरी क्या अंतर पैदा करेगी? समालोचनापूर्वक इसके पक्ष-विपक्ष का मूल्यांकन कीजिए।
  • किरायों का विनियमन करने के लिए रेल प्रशुल्क प्राधिकरण की स्थापना आमदनी-बंधे भारती रेलवे को गैर-लाभकारी मार्गों और सेवाओं को चलाने के दायित्व के लिए सहायिकी मांगने पर मजबूत कर देगी। विद्युत क्षेत्रक के अनुभव को सामने रऽते हुए चर्चा कीजिए कि क्या प्रस्तावित सुधार से उपभोक्ताओं, भारतीय रेलवे या कि निजी कंटेनर प्रचालकों को लाभ होने की आशा है।
  • भारत में राष्ट्रीय मानव अधिकारी आयोग सर्वाधिक प्रभावी तभी हो सकता है, जब इसके कार्यों को सरकार की जवाबदेही को सुनिश्चित करने वाले अन्य नागरिकों का पर्याप्त समर्थन प्राप्त हो। उपरोक्त टिप्पणी में प्रकाश में, मानव अधिकार मानकों को प्रोन्नति करने और उनकी रक्षा करने में, न्यायपालिका और अन्य संस्थाओं के प्रभावी पूरक के तौर पर, एन.एच.आर.सी. की भूमिका का आकलन कीजिए।
  •  क्या कमजोर और पिछड़े समुदायों के लिए आवश्यक सामाजिक संसाधनों को सुरक्षित करने के द्वारा, उनकी उन्नति के लिए सरकारी योजनाएं, शहरी अर्थव्यवस्थाओं में व्यवसायों की स्थापना करने में उनकों बहिष्कृत कर देती है?
  • क्या संवर्ग आधारित सिविल सेवा संगठन भारत में धीमे परिवर्तन का कारण रहा है? समालोचनापूर्वक परीक्षण कीजिए।
  • सरकार की दो समांतर चलाई जा रही योजनाओं, यथा ‘आधार कार्ड’ और ‘राष्ट्रीय रजिस्टर’ एक स्वैच्छिक और दूसरी अनिवार्य, ने राष्ट्रीय स्तरों पर वाद-विवादों को मुकदमों को जन्म दिया है। गुणो-अवगुणों के आधार पर चर्चा कीजिए कि क्या दोनों योजनाओं को साथ-साथ चलाना आवश्यक है या नहीं है। इन योजनाओं की विकासात्मक लाभों और न्यायोचित संवृद्धि को प्राप्त करने की संभाव्यता का विश्लेषण कीजिए।

2013

  • अनेक राज्य सरकारें बेहतर प्रशासन के लिए भौगोलिक प्रशासनिक इकाईयों जैसे जनपद व तालुकों को विभाजित कर देती हैं। उक्त के आलोक में, क्या यह भी औचित्यपूर्ण कहा जा सकता है कि कि अधिक संख्या में छोटे राज्य, राज्य स्तर पर प्रभावी शासन देंगे? विवेचना कीजिए।
  • वित्तीय संस्थाओं व बीमा कम्पनियों द्वारा की गई उत्पाद विविधता के फलस्वरूप उत्पादों व सेवाओं में उत्पन्न परस्पर व्यापन ने सेबी (SEBI) व इर्डा (IRDA) नामक दोनों नियामक अभिकरणों के विलय के प्रकरण को प्रबल बनाया है। औचित्य सिद्ध कीजिए।
  • मध्याह्न भोजन योजना की संकल्पना भारत में लगभग एक शताब्दी पुरानी है जिसका आरम्भ स्वतंत्रता-पूर्व भारत के मद्रास महाप्रान्त (प्रेसीडेंसी) में किया गया था। पिछले दो दशकों से अधिकांश राज्यों में इस योजना को पुनः प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसके दोहरे उद्देश्यों, नवीनतम आदेशों और सफलता का समालोचनात्मक परीक्षण कीजिए।
  • केन्द्र सरकार प्रायः राज्य सरकारों के समाज के अतिसंवेदनशील वर्गों के कष्ट निवारण में ख़राब प्रदर्शन की शिकायत करती है। जनसंख्या के अतिसंवेदनशील वर्गों के सुधार हेतु सभी क्षेत्रों में केन्द्रीय प्रवर्तित योजनाओं की पुनर्रचना का उद्देश्य राज्यों को उनके बेहतर कार्यान्वयन में लचीलापन प्रदान करना है। समालोचनात्मक मूल्यांकन कीजिए।
  •  भ्रष्टाचार को नगण्य करने, अपव्यय को समाप्त करने और सुधारों को सुगम बनाने हेतु कल्याणकारी योजनाओं में इलेक्ट्रॉनीय नकद हस्तांतरण प्रणाली एक महत्वाकांक्षी परियोजना है। टिप्पणी कीजिए।

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