एक राष्ट्र के रूप में एकीकरण; नेहरू की विदेश नीति; भारत और उसके पड़ोसी (1947-1964); राज्यों का भाषाई पुनर्गठन (1935-1947); क्षेत्रवाद और क्षेत्रीय असमानता; रियासतों का एकीकरण; चुनावी राजनीति में राजकुमार; राष्ट्रभाषा का प्रश्न.
- ‘नए भारत का निर्माण, जैसा कि उन्नीसवीं सदी के उत्तरार्ध के देशभक्तों ने सोचा था, अतीत के प्रचुर ड्राफ्ट से नहीं, बल्कि ऊर्जावान समकालीन पश्चिम के लगातार इंजेक्शन से किया जाना था।’ लगभग 200 शब्दों में टिप्पणी करें।(1990)
- जवाहरलाल नेहरू भारत की गुटनिरपेक्षता की नीति के वास्तुकार थे। इस कथन के आलोक में 1947-1964 के बीच दो ‘पावर ब्लॉक’ के साथ भारत के संबंधों पर चर्चा करें।(2001)
- 1947 से 1964 के बीच गुटनिरपेक्षता की भारतीय विदेश नीति का विश्लेषण करें।(2004)
- “बड़े कौशल और कुशल कूटनीति के साथ और अनुनय और दबाव दोनों का उपयोग करके, सरदार वल्लभभाई पटेल सैकड़ों रियासतों को भारतीय संघ के साथ एकीकृत करने में सफल रहे। चर्चा करना।(2007)
- क्या आप इस बात से सहमत होंगे कि स्वतंत्र विदेश नीति को आगे बढ़ाने का भारत का प्रयास 1947 के बाद की राजनीति का मुख्य आकर्षण था?(2011)
- “नेहरू की गुटनिरपेक्षता की नीति उपनिवेशवाद से अपनी स्वतंत्रता को बनाए रखने और मजबूत करने के लिए भारत और अन्य नव स्वतंत्र राष्ट्रों के संघर्ष का प्रतीक बन गई।” 150 शब्दों में आलोचनात्मक परीक्षण करें।(2012)
- “पुनर्गठन के फलस्वरूप भारत के राजनैतिक मानचित्र में, उसकी एकता को कमजोर किए बिना, तर्कसंगतता आइ। कम-से-कम असहमति के मुख्य स्रोत समाप्त कर, कार्यात्मक सजातीय राजनैतिक इकाइयाँ बनी जिन पर उस माध्यम से प्रशासन हो जिसे बहुमत समझता है। वास्तव में दुरदर्श के लाभ से यह कह सकते हैं कि भाषा, खंडन की शक्ति ं होकर मिलाने व पक्का करने में प्रभावी सिद्ध हुई।” परीक्षण कीजिए। (2013)
- “सरदार पटेल ने कहुँ की एक भी बूंद बहाए बिना, बहुसंख्य राज्यों के आमेलन और आत्मसात्करण को सुनिश्चित करने के द्वारा, एक मौन क्रान्ति को संपादित किया।” सविस्तार स्पष्ट कीजिए। (2014)
- “भारत के लिए संघ प्रणाली राजनीतिक विकल्प की तुलना में कहीं अधिक अनिवार्य थी।” क्या आप इस तर्क से सहमत हैं? (2016)
- भारतीय संघ के साथ राजसी रियासतों के द्वारा हस्ताक्षरित ‘अधिमिलन प्रपत्र (इंस्ट्रूमेंट ऑफ एक्सेशन)’ और ‘ठहराव समझौता (स्टैंडस्टिल एग्रीमेंट)’ के स्वरूप पर प्रकाश डालिए। (2017)
- “राज्यों के पुनर्गठन ने निस्संदेह भाषाई विवादों से संबंधित सभी समस्याओं का हल नहीं निकाला था।” (2018)
- “भारतीय स्वतंत्रता के पश्चात भारत-चीन सम्बन्ध बहुत गरमजोशी के साथ शुरू हुए, परन्तु आने वाले वर्षों में भारत को चीनी आक्रामकता के कड़वे अनुभव का सामना करना पड़ा।” सविस्तर व्याख्या कीजिए। (2020)
- “भाषाई आधार पर राज्यों का पुनर्गठन राष्ट्रीय सुदृढीकरण तथा एकीकरण का प्रमुख पहलू था।” टिप्पणी कीजिए। (2020)
- विभाजन के पश्चात देशी रियासतों को किस प्रकार भारतीय संघ में शामिल किया गया था? इसमें सरदार पटेल ने क्या भूमिका निभाई? (2021)