उत्तर-मौर्य काल (भारत-यूनानी, शक, कुषाण, पश्चिमी क्षत्रप):
बाहरी दुनिया से संपर्क; शहरी केंद्रों का विकास, अर्थव्यवस्था, सिक्का निर्माण, धर्मों का विकास, महायान, सामाजिक परिस्थितियाँ, कला, वास्तुकला, संस्कृति, साहित्य और विज्ञान।

  1. 200 से अधिक शब्दों का लघु निबंध लिखें; 200 ई.पू. से 300 ई. मे भारत के आर्थिक जीवन में गिल्ड की भूमिका। .(1986)
  1. मौर्योत्तर काल में धार्मिक विकास की प्रमुख विशेषताओं पर प्रकाश डालिए। समकालीन कला इससे किस प्रकार प्रभावित हुई?(1988)
  1. मध्य एशिया के माध्यम से रेशम व्यापार में भारतीय भागीदारी पर 200 से अधिक शब्दों का लघु निबंध लिखें।(1990)
  1. गांधार कला की उत्पत्ति, कालक्रम, विशेषताएँ और भौगोलिक विस्तार पर संक्षिप्त निबंध लिखें।(1991)
  1. मौर्योत्तर काल में संस्कृत में बौद्ध लेखन पर संक्षिप्त निबंध लिखें।(1993)
  1. “200 ई.पू. और सी। 300 ई. पू. के बीच की शताब्दियाँ भारत के सामाजिक-धार्मिक इतिहास में एक मील का पत्थर है।” प्रस्ताव का विश्लेषण कीजिए । (1995)
  1. मौर्योत्तर काल (सी. 200 ई.पू.-सी. 300 ई.) में कला के विभिन्न स्कूलों का एक आलोचनात्मक और तुलनात्मक विवरण प्रस्तुत करें।(1998)
  1. मौर्योत्तर पांच शताब्दियों को भारतीय इतिहास का “अंधकार काल” बताने में हम कितने न्यायसंगत हैं? अपने उत्तर के समर्थन में कारण दीजिए।(2008)
  1. कुषाणों के सिक्कों पर चित्रित देवताओं के महत्व की जाँच करें।(2010)
  1. प्लिनी के इस कथन को सही ठहराइए कि ईसाई युग की पहली शताब्दी के दौरान भारत द्वारा रोम से सोना निकाला जा रहा था।(2012)
  1. दूसरी शताब्दी ई ० पू ० से तीसरी शताब्दी ई ० के मध्य भारतीय उपमहाद्वीप में विभिन्न कला-शैलियों के विकास का आलोचनात्मक परीक्षण कीजिए तथा उनके विकास के लिए उत्तरदायी सामाजिक एवं धार्मिक कारणों का मूल्यांकन कीजिए। (2014)
  1. कुषाणों एवं सातवाहनों के आर्थिक एवं राजनीतिक दृष्टिकोण को समकालीन मौद्रिक साक्ष्य किस प्रकार प्रतिबिम्बित करता हैं? (2016)
  1. तीसरी सदी ई. पू. से पाँचवी सदी ई. तक का भारतीय इतिहास का काल-खण्ड नवप्रवर्तन और अन्योन्यक्रिया का काल था। इस पर आप क्या प्रतिक्रिया देंगे? (2017)
  1. उत्तर मौर्य काल में प्रदेश-पारीय व्यापार का भारत के सामाजिक और सांस्कृतिक जीवन पर क्या प्रभाव पड़ा था? (2018)
  1. शुंग काल दौरान कला एवं वास्तु का विकास इस धारणा को मिथ्या सिद्ध करता है कि वे बौद्ध-विरोधी थे। विवेचना कीजिए। (2019)
  1. कुषाण-कालीन समृद्ध अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार ने कला के विकास को अत्यधिक प्रोत्साहन दिया। विवेचना कीजिए। (2019)
  1. मौर्योत्तरकालीन उत्तर भारत के प्रमुख राजनैतिक वैशिष्ट्यों का मूल्यांकन कीजिए। इसके प्रमुख स्रोत क्या हैं ? (2020)
  1. मौर्योत्तरकालीन कला पर ब्रह्म प्रभावों एवं देशज विकास के महत्व का विश्लेषण कीजिए। (2021)

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