आर्थिक विकास और राजनीतिक परिवर्तन; भूमि सुधार; योजना और ग्रामीण पुनर्निर्माण की राजनीति; उत्तर-औपनिवेशिक भारत में पारिस्थितिकी और पर्यावरण नीति; विज्ञान की प्रगति।
- “राजनीतिक स्वतंत्रता प्राप्त करने के बाद, भारत को आर्थिक और सांस्कृतिक स्वतंत्रता प्राप्त करनी थी।” टिप्पणी करें।(1995)
- “नेहरू के ‘आधुनिक भारत के मंदिर’ में न केवल इस्पात और बिजली संयंत्र, सिंचाई बांध शामिल थे, बल्कि विशेष रूप से वैज्ञानिक क्षेत्र में उच्च शिक्षा संस्थान भी शामिल थे।” विस्तार से बताएं।(2011)
- “चिपको औपनिवेशिक भारत के बाद के पहले प्रमुख पर्यावरण आंदोलन के रूप में प्रसिद्ध हुआ और इसने इस समझ को जन्म दिया कि पर्यावरण के मुद्दे अक्सर महिलाओं के मुद्दे होते हैं क्योंकि वे इसके बिगड़ने से सबसे अधिक पीड़ित होती हैं।” – स्पष्ट करें।(2012)
- “जवाहरलाल नेहरू ने, एक घोषित समाजवादी होते हुए भी, एक यथार्थ व्यवहारवादी की तरह, एक नवीन भारत के निर्माण के लिए भवन शिला-खण्डों को उपलब्ध करवाने पर ध्यान केंद्रित किया।” परीक्षण कीजिए। (2015)
- स्वतंत्र भारत में पर्यावरणीय आन्दोलनों के स्वरूप और प्रयोजन का आलोचनात्मक परीक्षण प्रस्तुत कीजिए। (2016)
- स्वतंत्रता-उपरान्त अवधि में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के विकासो ने कहाँ तक भारत को आधुनिकीकरण के पथ पर अग्रसर कर दिया है? (2017)
- भारत में 1947 और 1960 के दशक के आरम्भ के बीच भूमि सुधारों के विकास की रूपरेखा प्रस्तुत कीजिए। (2018)
- सामुदायिक विकास कार्यक्रम एवं पंचायती राज के प्रारम्भ किए जाने से ग्रामीण भारत के कल्याण को प्रोत्साहन कैसे मिला है? (2019)
- योजना को उस शक्तिशाली औजार के रूप में देखा गया जिसके उपयोग से क्षेत्रीय असमानता को समाप्त किया जा सकता था । परीक्षण कीजिए। (2020)