Indian History Questions for UPSC Mains (भारतीय इतिहास)

2022

  • औपनिवेशिक भारत की अठारहवीं शताब्दी के मध्य से क्यों अकाल पड़ने में अचानक वृद्धि देखने को मिलती है? कारण बताइएँ। (150 शब्द, 10 अंक)
  • अधिकांश भारतीय सिपाहियों वाली ईस्ट इंडिया की सेना क्यों तत्कालीन भारतीय शासकों की संख्याबल में अधिक और बेहतर सुसज्जित सेना से लगातार जीतती रही? कारण बताइएँ। (150 शब्द, 10 अंक)

2021

  • यंग बंगाल एवं ब्रह्मों समाज के विशेष संदर्भ में सामाजिक-धार्मिक सुधार आंदोलनो के उत्थान तथा विकास को रेखांकित कीजिए। (150 शब्द)
  • नरमपंथियों की भूमिका ने किस सीमा तक व्यापक स्वतंत्रता आंदोलन का आधार तैयार किया? टिप्पणी कीजिए। (250 शब्द)
  • असहयोग आंदोलन एवं सविनय अवज्ञा आंदोलन के दौरान महात्मा गांधी के रचनात्मक कार्यक्रमों को स्पष्ट कीजिए। (250 शब्द)

2020

  •  लॉर्ड कर्जन की नीतियों एवं राष्ट्रीय आंदोलन पर उनके दूरगामी प्रभावों का मूल्यांकन कीजिए।
  • 1920 के दशक से राष्ट्रीय आंदोलन ने कई वैचारिक धाराओं को ग्रहण किया और अपना सामजिक आधार बढ़ाया। विवेचना कीजिए। 

2019

  • 1857 का विद्रोह ब्रिटिश शासन के पूर्ववर्ती सौ वर्षों में बार-बार घटित छोटे एवं बड़े स्थानीय विद्रोहों का चरमोत्कर्ष था। सुस्पष्ट कीजिए।
  • उन्नीसवीं शताब्दी के ‘भारतीय पुनर्जागरण’ और राष्ट्रीय पहचान के उद्भव के मध्य सहलग्नताओं का परीक्षण कीजिए।
  • गाँधीवादी प्रावस्था के दौरान विभिन्न स्वरों ने राष्ट्रवादी आंदोलन को सुदृढ़ एवं समृद्ध बनाया था। विस्तारपूर्वक स्पष्ट कीजिए।
  • 1940 के दशक के दौरान सत्ता हस्तान्तरण की प्रक्रिया को जटिल बनाने में ब्रिटिश साम्राज्यिक सत्ता की भूमिका का आकलन कीजिए।

2018

  • वर्तमान समय में महात्मा गाँधी के विचारों के महत्व पर प्रकाश डालिए ।
  • अंग्रेज़ किस कारण भारत से करारबद्ध श्रमिक अन्य उपनिवेशों में ले गए थे ? क्या वे वहां पर अपनी सांस्कृतिक पहचान को परिरक्षित रखने में सफल रहे हैं ?

2017

  • सुस्पष्ट कीजिए कि मध्य-अठारहवीं शताब्दी का भारत विखंडित राज्यतंत्र की छाया से किस प्रकार ग्रसित था।
  • क्या कारण था कि उन्नीसवीं शताब्दी के अंत तक आते-आते ‘नरमदलीय’ अपनी घोषित विचारधारा एवं राजनीतिक लक्ष्यों के प्रति राष्ट्र के विश्वास को जगाने में असफल हो गए थे?
  • परीक्षण कीजिए की औपनिवेशिक भारत में पारस्परिक कारीगरी उद्योग के पतन ने किस प्रकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था को अपंग बना दिया।
  • पिछली शताब्दी के तीसरे दशक में भारतीय स्वतंत्रता की स्वप्न दृष्टि के साथ सम्बद्ध हो गए नए उद्देश्यों के महत्व को उजागर कीजिए।
  • आधुनिक भारत में, महिलाओं से संबंधित प्रश्न 19 वी शताब्दी के सामाजिक सुधार आंदोलन के भाग के रूप में उठे थे। उस अवधि में महिलाओं से संबद्ध मुख्य मुद्दे और विवाद क्या थे?

2016

  • यह स्पष्ट कीजिए कि 1857 का विप्लव किस प्रकार औपनिवेशिक भारत के प्रति ब्रिटिश नीतियों के विकासक्रम में एक महत्वपूर्ण एतिहासिक मोड है।
  •  स्वतन्त्रता संग्राम में, विशेष तौर पर गांधीवादी चरण के दौरान महिलाओं कि भूमिका का विवेचन कीजिए।
  • स्वतन्त्रता के लिए संघर्ष में सुभाष चन्द्र बोस एवं महात्मा गांधी के मध्य दृष्टिकोण की भिन्नताओं पर प्रकाश डालिए।

2015

  • महात्मा गाँधी के बिना भारत की स्वतंत्रता की उपलब्धि कितनी भिन्न हुई होती? चर्चा कीजिये।
  • अपसारी उपगामों और रणनीतियों के होने के बावजूद, महात्मा गाँधी और डॉ- बी- आर- अम्बेडकर का दलितों की बेहतरी का एक समान लक्ष्य था। स्पष्ट कीजिये।
  • स्वतंत्र भारत के लिए संविधान का मसौदा केवल तीन साल में तैयार करने के ऐतिहासिक कार्य को पूर्ण करना संविधान सभा के लिए कठिन होता, यदि उनके पास भारत सरकार अधिनियम, 1935 से प्राप्त अनुभव नहीं होता। चर्चा कीजिये।

2014

  • पानीपत का तीसरा युद्ध 1761 में लड़ा गया था। क्या कारण हैं कि इनती अधिक साम्राज्य प्रकंपी लड़ाइयां पानीपत में लड़ी गई थीं?
  • भारत में अठारहवीं शताब्दी के मध्य से स्वतंत्रता तक अंग्रेजी की आर्थिक नीतियों के विभिन्न पक्षों का समालोचनात्मक परीक्षण कीजिए।
  • किन प्रकारों से नौसैनिक विद्रोह भारत में अंग्रेजों की औपनिवेशिक महत्वाकांक्षाओं की शव-पेटिका में लगी अंतिम कील साबित हुआ था?
  • विश्व में घटित कौन-सी मुख्य राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक गतिविधयों ने भारत में उपनिवेश-विरोधी संघर्ष को प्रेरित किया?

2013

  • आयु, लिंग तथा धर्म के बंधनों से मुक्त होकर, भारतीय महिलाएँ भारत के स्वाधीनता संग्राम में अग्रणी बनी रहीं। विवेचना कीजिए।
  • अनेक विदेशियों ने भारत में बसकर, विभिन्न आन्दोलनों में भाग लिया। भारतीय स्वाधीनता संग्राम में उनकी भूमिका का विश्लेषण कीजिए।
  • “अनेक प्रकार से लॉर्ड डलहौजी ने आधुनिक भारत की नींव रखी थी।” व्याख्या कीजिए।
  • आचार्य विनोबा भावे के भूदान व ग्रामदान आन्दोलनों के उद्देश्यों की समालोचनात्मक विवेचना कीजिए और उनकी सफलता का आकलन कीजिए।

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