मनोविज्ञान वैकल्पिक विषय पेपर- I पाठ्यक्रम (UPSC Psychology Optional Syllabus in Hindi)

मनोविज्ञान के आधार

  1. परिचय:मनोविज्ञान की परिभाषा : 
    • मनोविज्ञान का ऐतिहासिक पूर्ववृत्त एवं 21वीं शताब्दी में प्रवृत्तियाँ।
    • मनोविज्ञान एवं वैज्ञानिक पद्धति,
    • मनोविज्ञान का अन्य सामाजिक और प्राकृतिक विज्ञानों से संबंध;
    • सामाजिक समस्याओं में मनोविज्ञान का अनुप्रयोग ।
  2. मनोविज्ञान की पद्धति:
    • अनुसंधान के प्रकार-वर्णनात्मक, मूल्यांकनी, नैदानिक एवं पूर्वानुमानिक ।
    • अनुसंधान पद्धति; प्रेक्षण, सर्वेक्षण, व्यक्ति अध्ययन एवं प्रयोग; प्रयोगात्मक तथा अप्रयोगात्मक अभिकल्प की विशेषताएं ।
    • परीक्षण सदृश अभिकल्प; केन्द्रीय समूह चर्चा, विचारावेश, आधार सिद्धांत उपागम् ।
  3. अनुसंधान प्रणालियां:
    • मनोवैज्ञानिक अनुसंधान में मुख्य चरण (समस्या कथन, प्राक्कल्पना निरूपण, अनुसंधान अभिकल्प, प्रतिचयन, आंकड़ा संग्रह के उपकरण, विश्लेषण एवं व्याख्या तथा विवरण लेखन ।
    • मूल के विरुद्ध अनुप्रयुक्त ।
    • अनुसंधान, आंकड़ा संग्रह की विधियां (साक्षात्कार, प्रेक्षण, प्रश्नावली),
    • अनुसंधान अभिकल्प (कार्योत्तर एवं प्रयोगात्मक) सांख्यिकी प्रविधियों का अनुप्रयोग (टी-परीक्षण, द्विमार्गी एनोवा, सहसंबंध, समाश्रयण एवं फैक्टर विश्लेषण),
    • मद अनुक्रिया सिद्धांत
  4. ।मानव व्यवहार का विकास:
    • वृद्धि एवं विकास; विकास के सिद्धांत, मानव व्यवहार को ।
    • निर्धारित करने वाले आनुशक एवं पर्यावरणीय कारकों की भूमिका;
    • समाजीकरण में सांस्कृतिक प्रभाव;
    • जीवन विस्तृत विकास; अभिलक्षण; विकासात्मक कार्य; जीवन विस्तृति के प्रमुख चरणों में मनोविज्ञानिक स्वास्थ्य का संवर्धन ।
  5. संवेदन, अवधान और प्रत्यक्षण:
    • संवेदन : सीमा की संकल्पना, निरपेक्ष एवं न्यूनतम बोध-भेद देहली, संकेत उपलेभन एवं सतर्कता: अवधान को प्रभावित करने वाले । कारक जिसमें विन्यास एवं उद्दीपन अभिलक्षण शामिल हैं ।
    • प्रत्यक्षण की परिभाषा और संकल्पना, प्रत्यक्षण में जैविक कारक;
    • प्रात्यक्षिक संगठन पूर्व अनुभवों का प्रभाव;
    • प्रात्यक्षिक रक्षा-सांतराल एवं गहनता प्रत्यक्ष को प्रभावित करने वाले कारक, आमाप आकलन एवं प्रात्यक्षिक तत्परता ।
    • प्रत्यक्षण की सुग्राह्यता,
    • अतीन्द्रिय प्रत्यक्षण,
    • संस्कृति एवं प्रत्यक्षण,
    • अवसीम प्रत्यक्षण ।
  6. अधिगम:
    • अधिगम की संकल्पना तथा सिद्धांत (व्यवहारवादी, गेस्टाल्टवादी एवं सूचना प्रक्रमण मॉडल) ।
    • विलोप, विभेद एवं सामान्यीकरण की प्रक्रियाएं:
    • कार्यक्रमबद्ध अधिगम, प्रायिकता अधिगम, आत्म अनुदेशात्मक अधिगम; प्रबलीकरण की संकल्पनाएं, प्रकार एवं सारणियां;
    • पलायन, परिहार एवं दण्ड, प्रतिरूपण एवं सामाजिक अधिगम ।
  7. स्मृति:
    • संकेतन एवं स्मरण;
    • अल्पावधि स्मृति, दीर्घावधिस्मृति, संवेदी स्मृति प्रतिमापरक स्मृति, अनुसरण स्मृति, मल्टिस्टोर मॉडल, प्रक्रमण के स्तर;
    • संगठन एवं स्मृति सुधार की स्मरणजनक तकनीकें;
    • विस्मरण के सिद्धांत; क्षय व्यक्तिकरण एवं प्रत्यानयन विफलन;
    • अधिस्मृति; स्मृतिलोप आघातोत्तर एवं अभिघातपूर्व ।
  8. चिंतन एवं समस्या समाधान:
    • पियाजे का संज्ञानात्मक विकास का सिद्धांत;
    • संकल्पना निर्माण प्रक्रम;
    • सूचना प्रक्रमण तर्क एवं समस्या समाधान, समस्या समाधान में सहायक एवं बाधाकारी कारक, समस्या समाधान की विधियाँ: सृजनात्मक चिंतन एवं सृजनात्मकता का प्रतिपोषण;
    • निर्णयन एवं प्रधिनिर्णय को प्रभावित करने वाले कारक; अभिनव प्रवृत्तियां ।
  9. अभिप्रेरण तथा संवेग:
    • अभिप्ररेण संयोग के मनोवैज्ञानिक एवं शरीरक्रियात्मक आधार, अभिप्रेरण तथा संवेग का मापन;
    • अभिप्रेरण एवं संवेग का व्यवहार पर प्रभाव;
    • बाह्यर एवं अंतर अभिप्रेरण;
    • आंतर अभिप्रेरण को प्रभावित करने वाले कारक;
    • संवेगात्मक सक्षमता एवं संबंधित मुद्दे ।
  10. बुद्धि एवं अभिक्षमता:
    • बुद्धि एवं अभिक्षमता की संकल्पना, बुद्धि का स्वरूप एवं |
    • सिद्धांत-स्पियरमैन, थर्सटन, गलफोर्ड बर्नान, स्टेशनबर्ग एवं जे. पी. दास;
    • संवेगात्मक बुद्धि, सामाजिक बुद्धि, बुद्धि एवं अभिक्षमता को मापन, बुद्धिलब्धि की संकल्पना, विचलन बुद्धिलब्धि, बुद्धिलब्धि स्थिरता;
    • बहु बुद्धि का मापन;
    • तरल बुद्धि एवं क्रिस्टलित बुद्धि ।
  11. व्यक्तित्व:
    • व्यक्तित्व की संकल्पना तथा परिभाषा;
    • व्यक्तित्व के सिद्धांत (मनोविश्लेषणात्मक, सामाजिक-सांस्कृतिक, अंतवैयक्तिक, विकासात्मक, मानवतावादी, व्यवहारवादी विशेष गुण एवं जाति उपागम);
    • व्यक्तित्व का मापन (प्रक्षेपी परीक्षण, पसल-पेपर परीक्षण);
    • व्यक्तित्व के प्रति भारतीय | दृष्टिकोण;
    • व्यक्तित्व विकास हेतु प्रशिक्षण ।
    • नवीनतम उपागम जैसे कि बिग-5 फैक्टर सिद्धांत;
    • विभिन्न पंरपराओं में स्व का बोध ।
  12. अभिवृत्तियाँ, मूल्य एवं अभिरुचियाँ:
    • अभिवृत्तियों, मूल्यों एवं अभिरुचियों की परिभाषाएं;
    • अभिवृत्तियों के घटक;
    • अभिवृत्तियों का निर्माण एवं अनुरक्षण;
    • अभिवृत्तियों, मूल्यों एवं अभिरुचियों का मापन ।
    • अभिवृत्ति परिवर्तन के सिद्धांत, मूल्य प्रतिपोषण की विधियां ।
    • रूढ़ धारणाओं एवं पूर्वाग्रहों का निर्माण, अन्य के व्यवहार को बदलना, गुणारोप के सिद्धांत,
    • अभिनव प्रवृत्तियाँ।
  13. भाषा एवं संज्ञापन:
    • मानव भाषा-गुण, संरचना एवं भाषागत सोपान; भाषा अर्जन पूर्वानुकूलता, क्रांतिक अवधि, प्राक्कल्पना;
    • भाषा विकास के सिद्धांत (स्कीनर, चोम्स्की ); संज्ञापन की प्रक्रिया एवं प्रकार; प्रभावपूर्ण संज्ञापन एवं प्रशिक्षण ।
  14. आधुनिक समकालीन मनोविज्ञान में मुद्दे एवं परिप्रेक्ष्यः
    • मनोवैज्ञानिक प्रयोगशाला एवं मनोवैज्ञानिक परीक्षण में कम्प्यूटर अनुप्रयोग;
    • कृत्रिम बुद्धि; साइकोसाइबरनेटिक्स; चेतना-नींद जागरण कार्यक्रमों का अध्ययन;
    • स्वप्न उद्दीपनवंचन, ध्यान, हिप्नोटिक/औषध |
    • प्रेरित दशाएँ; अतीन्द्रिय प्रत्यक्षण; अंतरीन्द्रिय प्रत्यक्षण मिथ्याभास अध्ययन ।

मनोविज्ञान वैकल्पिक विषय पेपर- II पाठ्यक्रम (UPSC Psychology Optional Syllabus in Hindi)

मनोविज्ञान : विषय और अनुप्रयोग

  1. व्यक्तिगत विभिन्नताओं का वैज्ञानिक मापन:
    • व्यक्तिगत विभिन्नताओं का सवरूप,
    • मानकीकृत मनोवैज्ञानिक परीक्षणों की विशेषताएँ और संरचना,
    • मनोवैज्ञानिक परीक्षणों के प्रकार;
    • मनोवैज्ञानिक परीक्षणों के उपयोग, दुरुपयोग तथा सीमाएँ ।
    • मनोवैज्ञानिक परीक्षाओं के प्रयोग में नीतिपरक विषय ।
  2. मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य तथा मानसिक विकार:
    • स्वास्थ्य-अस्वास्थ्य की संकल्पना,
    • सकारात्मक स्वास्थ्य, कल्याण, मानसिक विकार (चिंता, विकार, मन:स्थिति विकार, सीजोफ्रेनियाँ तथा भ्रमिक विकार, व्यक्तित्व विकार, तात्विक दुर्व्यवहार विकार)
    • मानसिक विकारों के कारक तत्व,
    • सकारात्मक स्वास्थ्य, कल्याण, जीवनशैली तथा जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित करने वाले कारक ।
  3. चिकित्सात्मक उपागम:
    • मनोगतिक चिकित्साएँ ।
    • व्यवहार चिकित्साएँ;
    • रोगी केन्द्रित चिकित्साएँ, संज्ञानात्मक चिकित्साएँ ।
    • देशी चिकित्साएँ (योग, ध्यान) जैव पुनर्निवेश चिकित्सा ।
    • मानसिक रुग्णता की रोकथाम तथा पुनस्र्थापना ।
    • क्रमिक स्वास्थ्य प्रतिपोषण ।
  4. कार्यात्मक मनोविज्ञान तथा संगठनात्मक व्यवहार:
    • कार्मिक चयन तथा प्रशिक्षण ।
    • उद्योग में मनोवैज्ञानिक परीक्षणों का उपयोग ।
    • प्रशिक्षण तथा मानव संसाधन विकास ।
    • कार्य-अभिप्रेरण सिद्धांत हर्ज वर्ग, मास्लो, एडम ईक्विटी सिद्धांत, पोर्टर एवं लावलर, ब्रुम; नेतृत्व तथा सहभागी प्रबंधन ।
    • विज्ञापन तथा विपणन ।
    • दबाव एवं इराका प्रबंधन;
    • श्रमदक्षता शास्त्र, उपभोक्ता मनोविज्ञान, प्रबंधकीय प्रभाविता, रूपांतरण नेतृत्व, संवेदनशीलता प्रशिक्षण, संगठनों में शक्ति एवं राजनीति ।
  5. शैक्षिक क्षेत्र में मनोविज्ञान का अनुप्रयोग:
    • अध्यापन-अध्ययन प्रक्रिया को प्रभावी बनाने में मनोवैज्ञानिक सिद्धांत ।
    • अध्ययन शैलियाँ ।
    • प्रदत्त मंदक, अध्ययन हेतु-अक्षम और उनका प्रशिक्षण ।
    • स्मरण शक्ति बढ़ाने तथा बेहतर शैक्षिणक उपलब्धि के लिए प्रशिक्षण ।
    • व्यक्तित्व विकास तथा मूल्य शिक्षा । शैक्षिक, व्यावसायिक मार्गदर्शन तथा जीविकोपार्जन परामर्श ।
    • शैक्षिक संस्थाओं में मनोवैज्ञानिक परीक्षण ।
    • मार्गदर्शन कार्यक्रमों में प्रभावी कार्यनीतियां ।
  6. सामुदायिक मनोविज्ञान:
    • सामुदायिक मनोविज्ञान की परिभाषा और संकल्पना ।
    • सामाजिक कार्यकलाप में छोटे समूहों की उपयोगिता । सामाजिक चेतना की जागृति और सामाजिक समस्याओं को सुलझाने की कार्यवाही
    • सामाजिक परिवर्तन के लिए सामूहिक निर्णय लेना और नेतृत्व प्रदान करना । सामाजिक परिवर्तन के लिए प्रभावी कार्य नीतियाँ ।
  7. पुनर्वास मनोविज्ञान:
    • प्राथमिक, माध्यमिक तथा तृतीयक निवारक कार्यक्रम ।
    • मनोवैज्ञानिकों की भूमिका शारीरिक, मानसिक तथा सामाजिक रूप से चुनौती प्राप्त व्यक्तियों, जैसे वृद्ध व्यक्तियों के पुनर्वासन के लिए सेवाओं का आयोजन ।
    • पदार्थ दुरुपयोग, किशोर अपराध, आपराधिक व्यवहार से पीड़ित व्यक्तियों का पुनर्वास । हिंसा के शिकार व्यक्तियों का पुनर्वास । HIV/AIDS रोगियों को पुनर्वास । सामाजिक अभिकरणों की भूमिका ।
  1. सुविधावंचित समूहों पर मनोविज्ञान का अनुप्रयोग:
    • सुविधावंचित, वचत की संकल्पनाएं, सुविधावचत तथा वंचित समूहों के सामाजिक, भौतिक, सांस्कृतिक तथा आर्थिक परिणाम ।
    • सुविधावंचितों का विकास की ओर शिक्षण तथा अभिप्रेरण । सापेक्ष एवं दीर्घकालिक वचन ।
  2. सामाजिक एकीकरण की मनोवैज्ञानिक समस्या:
    • सामाजिक एकीकरण की संकल्पना ।
    • जाति, वर्ग, धर्म, भाषा विवादों और पुर्वाग्रह की समस्या ।
    • अंतर्समूह तथा बहिर्समूह के बीच पूर्वाग्रह का स्वरूप तथा अभिव्यक्ति ।
    • ऐसे विवादों और पूर्वाग्रहों के कारक तत्व ।
    • विवादों और पूर्वाग्रहों से निपटने के लिए मनोवैज्ञानिक नीतियाँ ।
    • सामाजिक एकीकरण पाने के उपाय ।
  3. सूचना प्रौद्योगिकी और जनसंचार में मनोविज्ञान का अनुप्रयोग:
    • सूचना प्रौद्योगिकी और जन-संचार-गूंज का वर्तमान परिदृश्य और मनोवैज्ञानिकों की भूमिका ।
    • सूचना प्रौद्योगिकी और जन-संचार क्षेत्र में कार्य के लिए मनोविज्ञान व्यवसायियों का चयन और प्रशिक्षण ।
    • सूचना प्रौद्योगिकी और जन-संचार माध्यम से दूरदर्शन शिक्षण ।
    • ई-कॉमर्स के द्वारा उद्यमशीलता ।
    • बहुस्तरीय विपणन, दूरस्थ का प्रभाव एवं सूचना प्रौद्योगिकी और जन-संचार के द्वारा मूल्य प्रतिप्रोषण ।
    • सूचना प्रौद्योगिकी में अभिनव विकास के मनोवैज्ञानिक परिणाम ।
  4. मनोविज्ञान तथा आर्थिक विकास:
    • उपलब्धि, अभिप्रेरण तथा आर्थिक विकास ।
    • उद्यमशील व्यवहार की विशेषताएं।
    • उद्यमशीलता तथा आर्थिक विकास के लिए लोगों का अभिप्रेरण तथा प्रशिक्षण ।
    • उपभोक्ता अधिकार तथा उपभोक्ता संचेतना ।
    • महिला उद्यमियों समेत युवाओं में उद्यमशीलता के संवर्धन के लिए सरकारी नीतियां ।
  5. पर्यावरण तथा संबद्ध-क्षेत्रों में मनोविज्ञान का अनुप्रयोग:
    • पर्यावरणीय मनोविज्ञान ध्वनि प्रदूषण तथा भीड़भाड़ के प्रभाव ।
    • जनसंख्या मनोविज्ञान-जनसंख्या विस्फोटन और उच्च जनसंख्या घनत्व के मनोवैज्ञानिक परिणाम ।
    • छोटे परिवार के मानदंड का अभिप्रेरण ।
    • पर्यावरण के अवक्रमण पर द्रुत वैज्ञानिक और प्रौद्योगिकीय विकास का प्रभाव।।
  1. मनोविज्ञान के अन्य अनुप्रयोग:
    • सैन्य मनोविज्ञान: चयन, प्रशिक्षण, परामर्श में प्रयोग के लिए रक्षा कार्मिकों के लिए मनोवैज्ञानिक परीक्षणों की रचना; सकारात्मक स्वास्थ्य संवर्धन के लिए रक्षा कार्मिकों के साथ कार्य करने के लिए मनोवैज्ञानिकों का प्रशिक्षण; रक्षा में मानव-इंजीनियरी ।
    • खेल मनोविज्ञान: एथलीटों एवं खेलों के निष्पादन में सुधार में मनोवैज्ञानिक हस्तक्षेप व्यष्टि एवं टीम खेलों में भाग लेने वाले व्यक्ति ।
    • समाजोन्मुख एवं समाजविरोधी व्यवहार पर संचार माध्यमों का प्रभाव,
    • आतंकवाद का मनोविज्ञान ।लिंग का मनोविज्ञान:
  2. लिंग का मनोविज्ञान:
    • भेदभाव के मुद्दे, विविधता का प्रबंधन; ग्लास सीलिंग प्रभाव, स्वत: साधक भविष्योक्ति, नारी एवं भारतीय समाज ।

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