भारतीय भाषा उर्दू वैकल्पिक विषय पेपर- I पाठ्यक्रम
(उत्तर उर्दू लिपि में लिखे जाने चाहिए।)
खंड- क
उर्दू भाषा का विकास
- भारतीय आर्यन का विकास
- प्राचीन भारतीय-आर्य
- मध्ययुगीन भारतीय आर्य
- अर्भावाचीन रतीय आर्य
- पश्चिमी हिंदी तथा इसकी बोलियाँ, जैसे ब्रजभाषा, खड़ी बोली, हरियाणवी, कन्नौजी, बुन्देली उर्दू भाषा से सम्बंधित सिद्धांत।
- दक्खिनी उर्दू-उद्भव और विकास इसकी महत्वपूर्ण भाषा मूलक विशेषताएं।
- उर्दू भाषा के सामाजिक एयर सांस्कृतिक आधार और उनके विभेदक लक्षण लिपि स्वर विज्ञान, आकृति विज्ञान, शब्द भंडार।
खंड- ख
- विभिन्न विधाएं और उनका विकास:
- कविता: ग़ज़ल, मसनवी, क़सीदा, मर्सिया, रुबाई, जदीद नज़्म,
- गद्य: उपन्यास, लघुकथा, दास्तान, नाटक, इंशैया, खुतूत, जीवनी।
- निम्नलिखित की महत्वपूर्ण विशेषताएं:
- दक्कनी, दिल्ली और लखनऊ के स्कूल
- सर सैयद आंदोलन, स्वच्छतावादी आंदोलन, प्रगतिशील आंदोलन, आधुनिकतावाद।
- साहित्यिक आलोचना और उसका विकास हाली, शिबली, कलीमुद्दीन अहमद, एहतिशाम हुसैन, अले-अहमद सुरूर।
- निबंध लेखन (साहित्यिक और कल्पना प्रधान विषयों पर)
भारतीय भाषा उर्दू वैकल्पिक विषय पेपर- II पाठ्यक्रम
उत्तर उर्दू लिपि में लिखे जाने चाहिए।
इस प्रश्न पत्र में निर्धारित मूल पाठ्य पुस्तकों को पढ़ना होगा और इसका प्रारूप इस प्रकार तैयार किया जायेगा जिससे अभ्यर्थी की आलोचनात्मक योग्यता की परीक्षा हो सके ।
खंड-क
- मीर अम्मान बागोबहार
- ग़ालिब इन्तिखाह-ए-खुतूत -ए -ग़ालिब
- मोहम्मद हुसैन आजाद नैरग-ए -ख्याल
- प्रेमचंद गोदान
- राजेन्द्र सिंह बेदी अपने दुःख मुझे दे दो
- अब्दुल कलाम आजाद गुबार -ए -खातिर
खंड-ख
- मीर इन्तिखाब -ए -मीर (संपादक – अब्दुल हक़ )
- मीर हसन सहरुल बयाँ
- ग़ालिब दिवान-ए -ग़ालिब
- इक़बाल बाल-ए -जिबरैइल
- फिराक गुल -ए -नगमा
- फैज दस्त -ए -सबा
- अखतरुलिमान बिंत-ए -लम्हात