समाजशास्त्र वैकल्पिक विषय पेपर- I पाठ्यक्रम (Sociology Optional Syllabus)

समाजशास्त्र के मूलभूत सिद्धांत
  1.  समाजशास्त्र विद्या शाखा
    • यूरोप में आधुनिकता एवं सामाजिक परिवर्तन तथा समाजशास्त्र का आविर्भाव।
    • समाजशास्त्र का विषय-क्षेत्र एवं अन्य सामाजिक विज्ञानों से इसकी तुलना।
    • समाजशास्त्र एवं सामान्य बोध।
  2. समाजशास्त्र विज्ञान के रूप में
    • विज्ञान, वैज्ञानिक पद्धति एवं समीक्षा
    • अनुसंधान क्रियाविधि के प्रमुख सैद्धांतिक तत्त्व
    • प्रत्यक्षवाद एवं इसकी समीक्षा
    • तथ्य, मूल्य एवं उद्देश्यपरकता
    • अ-प्रत्यक्षवादी क्रियाविधियाँ
  3. अनुसंधान पद्धतियाँ एवं विश्लेषण
    • गुणात्मक एवं मात्रात्मक पद्धतियाँ
    • दत्त संग्रहण की तकनीक
    • परिवर्तन, प्रतिचयन प्राक्कल्पना, विश्वसनीयता एवं वैधता।
  4. समाजशास्त्री चिंतक
    • कार्लमार्क्स : ऐतिहासिक भौतिकवाद, उत्पादन विधि, वि-संबंधन, वर्ग संघर्ष ।
    • इमाईल दुर्खीम श्रम विभाजन, सामाजिक तथ्य, आत्महत्या धर्म एवं समाज
    • मैक्स वेबर : सामाजिक क्रिया, आदर्श प्ररूप, सत्ता, अधिकारी तंत्र, प्रोटेस्टैंट नीतिशास्त्र और पूंजीवाद की भावना।
    • टेल्कोट पर्सन्स : सामाजिक व्यवस्था, प्रतिरूप परिवर्तन।
    • रॉबर्ट के मर्टन : अव्यक्त तथा अभिव्यक्त प्रकार्य, अनुरूपता एवं विसामान्यता, संदर्भ समूह
    • मीड : आत्म एवं तादात्म्य 
  5. स्तरीकरण एवं गतिशीलता
    • संकल्पनाएँ समानता, असमानता, अधिक्रम, अपवर्जन, गरीबी एवं वंचन।
    • सामाजिक स्तरीकरण के सिद्धांत संरचनात्मक प्रकार्यवादी सिद्धांत, मार्क्सवादी सिद्धांत, वेबर का सिद्धांत।
    • आयाम वर्ग, स्थिति समूहों, लिंग, नृजातीयता एवं प्रजाति का सामाजिक स्तरीकरण
    • सामाजिक गतिशीलता-खुली एवं बंद व्यवस्थाएँ, गतिशीलता के प्रकार, गतिशीलता के स्रोत एवं कारण ।
  6. कार्य एवं आर्थिक जीवन
    •  विभिन्न प्रकार के समाजों में कार्य का सामाजिक संगठन-दास समाज, सामंती समाज, औद्योगिक/पूँजीवादी समाज ।
    • कार्य का औपचारिक एवं अनौपचारिक संगठन।
    • श्रम एवं समाज
  7. राजनीति एवं समाज
    • सत्ता के समाजशास्त्रीय सिद्धांत
    • सत्ता प्रवर्जन, अधिकारीतंत्र, दबाव समूह, राजनैतिक दल। 
    • राष्ट्र, राज्य, नागरिकता, लोकतंत्र, सिविल समाज, विचारधारा।
    • विरोध, आंदोलन, सामाजिक आंदोलन, सामूहिक क्रिया, क्रांति।
  8. धर्म एवं समाज
    • धर्म के समाजशास्त्रीय सिद्धांत।
    • धार्मिक कर्म के प्रकार : जीववाद, एकतत्ववाद, बहुतत्ववाद पंथ, उपासना पद्धतियाँ। 
    • आधुनिक समाज में धर्म, धर्म एवं विज्ञान, धर्मनिरपेक्षीकरण, धार्मिक पुनः प्रवर्तनवाद, मूलतत्ववाद
  9. नातेदारी की व्यवस्थाएँ
    • परिवार, गृहस्थी, विवाह ।
    • परिवार के प्रकार एवं रूप ।
    • वंश एवं वंशानुक्रम
    • पितृतंत्र एवं श्रम लिंगाधारित विभाजन ।
    • समसामयिक प्रवृत्तियाँ ।
  10. आधुनिक समाज में सामाजिक परिवर्तन
    •  सामाजिक परिवर्तन के समाजशास्त्रीय सिद्धांत
    • विकास एवं पराश्रितता
    • सामाजिक परिवर्तन के कारक । 
    • शिक्षा एवं सामाजिक परिवर्तन ।
    • विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं सामाजिक परिवर्तन

समाजशास्त्र वैकल्पिक विषय पेपर- II पाठ्यक्रम

भारतीय समाज संरचना एवं परिवर्तन – भारतीय समाज का परिचय

भारतीय समाज के अध्ययन के परिप्रेक्ष्य

  • भारतीय विद्या (जी. एस. धुर्ये) ।
  • संरचनात्मक प्रकार्यवाद (एम. एन. श्रीनिवास) ।
  • मार्क्सवादी समाजशास्त्र (ए. आर. देसाई) ।

भारतीय समाज पर औपनिवेशिक शासन का प्रभाव

  • भारतीय राष्ट्रवाद की सामाजिक पृष्ठभूमि
  • भारतीय परंपरा का आधुनिकीकरण । 
  • औपनिवेशिक काल के दौरान विरोध एवं आंदोलन ।
  • सामाजिक सुधार ।
 सामाजिक संरचना

 ग्रामीण एवं कृषक सामाजिक संरचना

  • भारतीय ग्राम का विचार एवं ग्राम अध्ययन
  • कृषक सामाजिक संरचना ,पट्टेदारी प्रणाली का विकास, भूमि सुधार ।

जाति व्यवस्था

  • जाति व्यवस्था के अध्ययन के परिप्रेक्ष्य- (जी. एस. धुर्ये, एम. एन. श्रीनिवास, लुई डुमान्ट, आन्द्रे बेतेय) ।
  • जाति व्यवस्था के अभिलक्षण ।
  • अस्पृश्यता-रूप एवं परिप्रेक्ष्य ।

भारत में जनजातीय समुदाय

  •  परिभाषीय समस्याएँ ।
  • भौगोलिक विस्तार ।
  • औपनिवेशिक नीतियाँ एवं जनजातियाँ ।
  • एकीकरण एवं स्वायतत्ता के मुद्दे ।

भारत में सामाजिक वर्ग

  •  कृषिक वर्ग संरचना ।
  • औद्योगिक वर्ग संरचना
  • भारत में मध्यम वर्ग ।

 भारत में नातेदारी की व्यवस्थाएँ

  • भारत में वंश एवं वंशानुक्रम ।
  • नातेदारी व्यवस्थाओं के प्रकार ।
  • भारत में परिवार एवं  विवाह ।
  • परिवार, घरेलू आयाम ।
  • पितृतंत्र, हकदारी एवं श्रम का लिंगाधारित विभाजन ।

 धर्म एवं समाज

  •  भारत में धार्मिक समुदाय
  • धार्मिक अल्पसंख्यकों की समस्याएँ ।
भारत में सामाजिक परिवर्तन

 भारत में सामाजिक परिवर्तन की दृष्टियाँ

  •  विकास आयोजना एवं मिश्रित अर्थव्यवस्था का विचार । 
  • संविधान, विधि एवं सामजिक परिवर्तन
  • शिक्षा एवं सामाजिक परिवर्तन

 भारत में ग्रामीण एवं कृषक रूपांतरण

  • ग्रामीण विकास कार्यक्रम, समुदाय विकास कार्यक्रम, सहकारी संस्थाएँ, गरीबी उन्मूलन योजनाएँ 
  • हरित क्रांति एवं सामाजिक परिवर्तन।
  • भारतीय कृषि में उत्पादन की बदलती विधियाँ।
  • ग्रामीण मजदूर, बँधुआ एवं प्रवासन की समस्याएँ ।

 भारत में औद्योगिकीकरण एवं नगरीकरण

  •  भारत में आधुनिक उद्योग का विकास।
  • भारत में नगरीय बस्तियों की वृद्धि ।
  • श्रमिक वर्ग : संरचना, वृद्धि, वर्ग संघटन । 
  • अनौपचारिक क्षेत्रक, बाल श्रमिक।
  • नगरीय क्षेत्रों में गंदी बस्ती एवं वंचन।

राजनीति एवं समाज

  • राष्ट्र, लोकतंत्र एवं नागरिकता ।
  • राजनैतिक दल, दबाव समूह, सामाजिक एवं राजनैतिक प्रवजन ।
  • क्षेत्रीयतावाद एवं सत्ता का विकेन्द्रीयकरण
  • धर्मनिरपेक्षीकरण

आधुनिक भारत में सामजिक आंदोलन

  • कृषक एवं किसान आंदोलन ।
  • महिला आंदोलन ।
  • पिछड़ा वर्ग एवं दलित आंदोलन ।
  • पर्यावरणीय आंदोलन ।
  • नृजातीयता एवं अभिज्ञान आंदोलन

जनसंख्या गतिकी

  • जनसंख्या आकार, वृद्धि संघटन एवं वितरण
  • जनसंख्या वृद्धि के घटक : जन्म, मृत्यु, प्रवासन ।
  • जनसंख्या नीति एवं परिवार नियोजन ।
  • उभरते हुए मुद्दे : कालप्रभावन, लिंग अनुपात, बाल एवं शिशु मृत्युदर, जनन स्वास्थ्य |

सामाजिक रूपांतरण की चुनौतियाँ

  • विकास का संकट : विस्थापन, पर्यावरणीय समस्याएँ एवं संपोषणीयता ।
  • गरीबी, वंचन एवं असमानताएँ ।
  • स्त्रियों के प्रति हिंसा
  • जातीय द्वन्द्व ।
  • नृजातीय द्वन्द्व, सांप्रदायिकता, धार्मिक पुनः प्रवर्तनवाद ।
  • असाक्षरता तथा शिक्षा में असमानताएँ।

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