UPSC History Optional Question Paper 2017: प्रश्न पत्र I
खण्ड- A
1. आपको दिए गए मानचित्र पर अंकित निम्नलिखित स्थानों की पहचान कीजिए एवं अपनी प्रश्न-सह-उत्तर पुस्तिका में उनमें से प्रत्येक पर लगभग 30 शब्दों की संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए। मानचित्र पे अंकित प्रत्येक स्थान के लिए स्थान-निर्धारण संकेत क्रमानुसार नीचे दिए गए हैं :
(i) एक प्रागैतिहासिक गुहाचित्र स्थल
(ii) एक नवपाषाण-ताम्रपाषाणयुगीन स्थल
(iii)एक आरम्भिक हड़प्पाकालीन स्थल
(iv) एक हड़प्पाकालीन स्थल
(v) एक प्राचीन राजधानी
(vi)एक चित्रित धूसर मृदभांड स्थल
(vii)एक नवपाषाणकाल स्थल
(viii)अशोक के अभिलेखों का एक स्थल
(ix) एक प्राचीन बन्दरगाह एवं व्यापार केन्द्र
(x) एक हड़प्पाकालीन स्थल
(xi) एक ताम्रपाषाणीय स्थल
(xii) एक प्राचीन राजधानी
(xiii) एक शैल-खनित गुहा स्थल
(xiv) एक आरम्भिक किलाबन्द नगर
(xv) एक शैल खनित मन्दिर स्थल
(xvi) एक प्राचीन मन्दिर स्थल
(xvii) एक प्राचीन राजधानी
(xviii)एक प्राचीन मन्दिर स्थल
(xix) एक पुरापाषाण स्थल
(xx) एक प्राचीन राजधानी
2. (a) पुरालेखीय स्रोतों में राजनीतिक इतिहास की अपेक्षा कला और संस्कृति कहीं अधिक सीमा तक प्रतिबिम्बित हैं। टिप्पणी कीजिए।
(b) द्वितीय नगरीकरण ने संगठित निगम क्रियाकलापों को उत्पन्न किया, जो गुप्त काल के दौरान अपनी पराकाष्ठा पर पहुँच गए। विवेचना कीजिए।
(c) मध्य भारत और दक्कन में गैर-हड़प्पाकालीन ताम्रपाषाण संस्कृतियों का उदय न केवल लोगों की जीवन-निर्वाह की पद्धति में परिवर्तन का द्योतक है, वरन् प्राक् से आद्य ऐतिहासिक काल के समग्र संक्रमण का भी द्योतक है। समालोचनापूर्वक विश्लेषण कीजिए।
3. (a) नवीनतम खोजों के प्रकाश में वैदिक-हड़प्पाकालीन सम्बन्धों पर विभिन्न मतों का समालोचनापूर्वक परीक्षण कीजिए।
(b) “अशोक के धम्म की संकल्पना, जैसी कि उसके अभिलेखों के माध्यम से पता चलती है, कि जड़ें वैदिक-उपनिषदी साहित्य में थीं।” चर्चा कीजिए।
(c) तीसरी सदी ई. पू. से पाँचवी सदी ई. तक का भारतीय इतिहास का काल-खण्ड नवप्रवर्तन और अन्योन्यक्रिया का काल था। इस पर आप क्या प्रतिक्रिया देंगे?
4. (a) भारत में मन्दिर स्थापत्यकला के उद्भव और विकास की रूपरेखा को, उनकी प्रादेशिक शैलियों एवं विभिन्नताओं का उल्लेख करते हुए प्रस्तुत कीजिए।
(b) बौद्धधर्म एवं जैनधर्म, धर्म के छात्र के अधीन सामाजिक आन्दोलन थे। टिप्पणी कीजिए।
(c) प्रयद्वीपीय भारत के जटिल सामाजिक-सांस्कृतिक वातावरण का यथार्थ चित्र प्रारम्भिक संगम साहित्य में प्रस्तुत किया गया है। रूपरेखा प्रस्तुत कीजिए।
खण्ड ‘B’
5. निम्नलिखित प्रत्येक प्रश्न क उत्तर लगभग 150 शब्दों में दीजिए :
(a) भारत के सांस्कृतिक इतिहास में 11वीं – 12 वीं सदी ई. में घटनापूर्ण प्रगति देखी गई थी विवेचना कीजिए।
(b) विजयनगर साम्राज्य के संबंध में विदेशी यात्रियों के वृत्तान्तों का मूल्यांकन कीजिए।
(c) बलबन की ‘रक्त और लोहे’ नीति का समालोचनात्मक परीक्षण कीजिए।
(d) क्या आप कल्हण की राजतरंगिणी को कश्मीर के राजनीतिक इतिहास का एक विश्वसनीय स्रोत मानते हैं? क्यों ?
(e) सिखों का धर्म उनकी एकता की मुख्य शक्ति था। टिप्पणी कीजिए।
6. (a) खिलाफत किस सीमा तक दिल्ली के सुल्तानों के विधिक प्राधिकार का स्रोत और संस्वीकृति थी?
(b) “भक्ति और सूफी आन्दोलनों ने एक ही सामाजिक प्रयोजन की पूर्ति की थी।” विवेचना कीजिए।
(c) 13 वीं – 14 वीं सदी ई. में गैर-कृषि उत्पादन और नगरीय अर्थव्यवस्था की रूपरेखा प्रस्तुत कीजिए।
7. (a) क्या आप इस बात से सहमत हैं कि मुहम्मद बिन तुगलक की योजनाएं भलीभाँति संकल्पनिक, निकृष्टतः कार्यान्वित और विनाशपूर्णतः परित्यक्त थीं? चर्चा कीजिए।
(b) क्या आपके विचार में अकबर की राजपूत नीति विशिष्ट भारतीय शासकों को मुगल साम्राज्य व्यवस्था में समाविष्ट करने का एक सोचा-विचारा प्रयास था ?
(c) “18 वीं शताब्दी के दौरान भारत में सामाजिक-आर्थिक अवनति के लिए राजनीतिक विघटन जिम्मेदार था।” टिप्पणी कीजिए।
8. (a) “मुगलकलीन चित्र, समकालीन समाज में सामाजिक सामंजस्य को प्रतिबिंबित करते हैं।” विवेचना कीजिए।
(b) 13 वीं से 17 वीं शताब्दियों ई. के दौरान कृषक वर्ग की दशा का आकलन कीजिए।
(c) मराठों की विस्तारवादी नीति को आप किस रूप में देखते हैं? रूपरेखा प्रस्तुत कीजिए।
UPSC History Optional Question Paper 2017: प्रश्न पत्र II
खण्ड- A
निम्नलिखित कथनों में से प्रत्येक का लगभग 150 शब्दों में समालोचनात्मक परीक्षण कीजिए :
(a) “मराठा राज का विघटन आंतरिक दबाव के फलस्वरूप हुआ था।”
(b) “राजा (राममोहन राय) की मेहनतों का प्रमुख महत्व भारत में मध्यकालीनता के बलों के विरुद्ध उनके संघर्ष में निहित प्रतीत होता है।”
(c) “भारत में रेल निर्माण की ब्रिटिश नीति उन्नीसवीं शताब्दी में ब्रिटिश अर्थव्यवस्था के लिए लाभप्रद रही थी।”
(d) “आर्य समाज को भारत में पश्चिम से आयातित स्थितियों के परिणाम के रूप में, पूर्णतया तार्किकतः, घोषित किया जा सकता है।”
(e) “श्री नारायण गुरु का सामाजिक सुधार आन्दोलन में, उपाश्रित (सबलटर्न) परिप्रेक्ष्य की दृष्टि से, एक प्रधान मध्यक्षेप था।”
2. (a) उन्नीसवीं शताब्दी में अकालों की पुनरावृत्ति के लिए उत्तरदायी कारकों को स्पष्ट कीजिए। ब्रिटिश भारतीय सरकार ने कौन-से उपचारी उपाय अपनाए थे?
(b) उन्नीसवीं शताब्दी के उत्तरार्द्ध में महत्वपूर्ण सामाजिक मुद्दों के प्रति जागरूकता पैदा करने में समाचारपत्रों की भूमिका का आकलन कीजिए।
(c) पंजाब के समामेलन की ओर ले जाने वाली ब्रिटिश साम्राज्यीय शक्ति के प्रमुख विचारों को रेखांकित कीजिए।
3. (a) गदर आन्दोलन की उत्पत्ति की रूपरेखा प्रस्तुत कीजिए तथा भारत में क्रांतिकारियों पर उसके प्रभाव की विवेचना कीजिए।
(b) यह स्पष्ट कीजिए कि किस कारण 1942-1946 के दौरान भारत के सांविधानिक अवरोध का समाधान ढूँढने के प्रयास असफल हो गए थे।
(c) 1920-1940 के दौरान किसान सभाओं के अधीन कृषक आन्दोलनों के स्वरूप की विवेचना कीजिए।
4. (a) विवेचना कीजिए कि गांधी के सत्याग्रहों ने किस प्रकार भारतीयों के बिच भय के दौर को समाप्त किया था तथा इस प्रकार साम्राज्यवाद के एक महत्वपूर्ण खम्बे को उखाड़ फेंका था।
(b) स्वतंत्रता-उपरान्त अवधि में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के विकासो ने कहाँ तक भारत को आधुनिकीकरण के पथ पर अग्रसर कर दिया है?
(c) भारतीय संघ के साथ राजसी रियासतों के द्वारा हस्ताक्षरित ‘अधिमिलन प्रपत्र (इंस्ट्रूमेंट ऑफ एक्सेशन)’ और ‘ठहराव समझौता (स्टैंडस्टिल एग्रीमेंट)’ के स्वरूप पर प्रकाश डालिए।
खण्ड ‘B’
5. निम्नलिखित कथनों में से प्रत्येक का लगभग 150 शब्दों में समालोचनात्मक परीक्षण कीजिए :
(a) “कान्ट के तर्क की पुनर्परिभाषा तथा उसके द्वारा अन्तश्चेतना की पुनःस्थापना, प्रबोध (इन्लाइटेन्मेंट ) के प्रभावशाली तर्कबुद्धिवाद के विरुद्ध बौद्धिक प्रतिक्रिया के एक उच्च बिन्दु का सूचक था।”
(b) “गृह में नेपोलियन के कांसुली शासन के अंतर्गत महान सुधारों के पीछे की भावना बोनापार्ट सेनानायक की विधियों का बोनापार्ट राजमर्मज्ञ के कार्य के लिए हस्तांतरण करना था।”
(c) “ग्रेट ब्रिटेन में चआर्टिस्ट आन्दोलन की जड़ें आंशिक रूप से राजनीतिक एवं आंशिक रूप से आर्थिक थी।”
(d) “18 जनवरी, 1871 जर्मनी की ताकत एवं गौरव के लिए विजय का दिन था तथा 28 जून, 1919 उसके दण्ड का दिन था।”
(e) “9 नवम्बर, 1989 को बर्लिन दीवार के विध्वंस ने यूरोप में सहयोग के विचार को नया अर्थ प्रदान किया था।”
6. (a) स्पष्ट कीजिए कि इंग्लैंड औद्योगिक क्रान्ति का अग्रदूत किस कारण बना था। साथ ही इसके सामाजिक परिणामों पर भी प्रकाश डालिए।
(b) प्रथम विश्व युद्ध को आधुनिक इतिहास में प्रथम ‘सम्पूर्ण’ युद्ध की संज्ञा क्यों डी गई थी?
(c) विवेचना कीजिए कि कृषिभूमि संकट के साथ गहन औद्योगिक मंदी ने 1848 की क्रान्तियों को किस प्रकार उत्पन्न किया था।
7. (a) जर्मन एकीकरण के प्रक्रम को, राजनयिक के साथ, किन निर्धारक कारकों ने सुगठित किया था?
(b) इस कथन का परीक्षण कीजिए कि “‘बोल्शेविकवाद’ के खतरे ने न केवल 1917 की रूसी क्रान्ति के तुरन्त बाद के वर्षों के इतिहास को ही प्रभावित किया था, अपितु उस तारीख के बाद से विश्व के सम्पूर्ण इतिहास को भी प्रभावित किया था”।
(c) स्पष्ट कीजिए कि बोलीवार के प्रयास लातीनी अमेरिकनों के संगठित मोरचा उत्पन्न करने में फलदायक होने में किस कारण विफल हो गए थे।
8. (a) इटली में जनतंत्र को उखाड़ फेंकने एवं फासीवादी तानाशाही को स्थापित करने वाली परिस्थितियों का परीक्षण कीजिए।
(b) “1980 के दशक्तक आते-आते, सोवियत संघ की साम्यवादी व्यवस्था देश को एक महाशक्ति की भूमिका में बनाए रखने में असमर्थ थी।” प्रमाण दीजिए।
(c) इन्डोनेशिया में डच साम्राज्यवाद के स्वरूप का परीक्षण कीजिए ।