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Essay Questions for UPSC Mains (निबंध) 2023
खंड – ‘A’
- चिंतन एक तरह का खेल है, यह तब तक प्रारम्भ नहीं होता, जब तक एक विरोधी पक्ष न हो ।
- दूरदर्शी निर्णय तभी लिए जाते हैं जब अंतर्ज्ञान और तर्क का परस्पर मेल होता है ।
- सभी भटकने वाले गुम नहीं होते हैं ।
- रचनात्मकता की प्रेरणा लौकिकता में चमत्मकार ढूँढ़ने के प्रयास से उपजती है ।
खंड – ‘B’
- लड़कियाँ बंदिशों के तथा लड़के अपेक्षा के बोझ तले दबे हुए होते हैं- दोनों ही समान रूप से हानिकारक व्यवस्थाएँ हैं ।
- गणित ज्ञान का संगीत है ।
- जिस समाज में अधिक न्याय होता है, उस समाज को दान की कम आवश्यकता होती है ।
- शिक्षा वह है जो विद्यालय में सीखी गई बातों को भूल जाने के बाद भी शेष रह जाती है ।
Essay Questions for UPSC Mains (निबंध) 2022
खण्ड ‘A’
- आर्थिक समृद्धि हासिल करने के मामले में वन सर्वोत्तम प्रतिमान होते हैं
- कवि संसार के अनधिकृत रूप से मान्य विधायक होते हैं
- इतिहास वैज्ञानिक मनुष्य के रूमानी मनुष्य पर विजय हासिल करने का एक सिलसिला है
- जहाज बंदरगाह के भीतर सुरक्षित होता है, परन्तु इसके लिए तो वह होता नहीं है
खण्ड ‘B’
- छप्पर मरम्मत करने का समय तभी होता है, जब धूप खिली हो
- आप उसी नदी में दोबारा नहीं उतर सकते
- हर असमंजस के लिए मुस्कराहट ही चुनिन्दा साधन है
- केवल इसलिए कि आपके पास विकल्प हैं, इसका यह अर्थ कदापि नहीं है कि उनमें से किसी को भी ठीक होना ही होगा
Essay Questions for UPSC Mains (निबंध) 2021
खण्ड ‘A’
- आत्म-संधान की प्रक्रिया अब लकनिकी रूप से बाह्य स्रोतों को सौंप दी गई है।
- आपकी मेरे बारे में धारणा, आपकी सोच दर्शाती है; आपके प्रति मेरी प्रतिक्रिया, मेरा संस्कार है।
- इच्छारहित होने का दर्शन काल्पनिक आदर्श (यूटोपिया) है, जबकि भौतिकता माया है।
- सत् ही यथार्थ है और यथार्थ ही सत् है।
खण्ड ‘B‘
- पालना झुलाने वाले हाथों में ही संसार की बागडोर होती है।
- शोध क्या है, ज्ञान के साठ एक अजनबी मुलाकात !
- इतिहास स्वयं को दोहराता है, पहली बार एक त्रासदी के रूप में, दूसरी बार एक प्रहसन के रूप में।
- “सर्वोत्तम कार्यप्रणाली” से बेहतर कार्यप्रणालियाँ भी होती हैं।
Essay Questions for UPSC Mains (निबंध) 2020
खण्ड ‘A’
- मनुष्य होने और मानव बनने के बीच का लम्बा सफर ही जीवन है
- विचारपरक संकल्प स्वयं के शांतचित रहने का उत्प्रेरक है
- जहाज अपने चारों तरफ के पानी के वजह से नहीं डूबा करते, जहाज पानी के अन्दर समा जाने की वजह से डूबते हैं
- सरलता चरम परिष्करण है
खण्ड ‘B’
- जो हम हैं, वह संस्कार; जो हमारे पास है, वह सभ्यता
- बिना आर्थिक समृद्धि के सामाजिक न्याय नहीं हो सकता, किन्तु बिना सामाजिक न्याय के आर्थिक समृद्धि निरर्थक है
- पितृ-सत्ता की व्यवस्था नजर में बहुत कम आने के बावजूद सामाजिक विषमता की सबसे प्रभावी संरचना है
- अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्धों में मौन कारक के रूप में प्रौद्योगिकी
Essay Questions for UPSC Mains (निबंध) 2019
खण्ड ‘A’
- विवेक सत्य को खोज निकलता है
- मूल्य वे नहीं जो मानवता है, बल्कि वे हैं जैसा मानवता को होना चाहिए
- व्यक्ति के लिए जो सर्वश्रेष्ठ है, वह आवश्यक नहीं कि समाज के लिए भी हो
- स्वीकारोक्त का साहस एवं सुधार करने की निष्ठा सफलता के डॉ मंत्र हैं
खण्ड ‘B’
- दक्षिण एशियाई समाज सत्ता के आस-पास नहीं, बल्कि अपनी अनेक संस्कृतियों और विभिन्न फचनों के ताने-बाने से बने हैं
- प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा की उपेक्षा भारत के पिछड़ेपन के कारण हैं
- पक्षतापूर्ण मीडिया भारत के लोकतंत्र के समक्ष एक वास्तविक खतरा है
- कृत्रिम बुद्धि का उत्थान : भविष्य में बेरोजगारी का खतरा अथवा पुनर्कौशल और उच्चकौशल के माध्यम से बेहतर रोजगार के सृजन का अवसर
Essay Questions for UPSC Mains (निबंध) 2018
खण्ड ‘A’
- जलवायु परिवर्तन के प्रति सुनम्य भारत हेतु वैकल्पित तकनीकें
- एक अच्छा जीवन प्रेम से प्रेरित तथा ज्ञान से संचालित होता है
- कहीं पर भी गरीबी, हर जगह की समृद्धि के लिए खतरा है
- भारत के सीमा विवादों का प्रबन्धन – एक जटिल कार्य
खण्ड ‘B’
- रूढ़िगत नैतिकता आधुनिक जीवन का मार्गदर्शक नहीं हो सकती है
- ‘अतीत’ मानवीय चेतना तथा मूल्यों का एक स्थायी आयाम है
- जो समाज अपने सिद्धांतों के ऊपर अपने विशेषाधिकारों को महत्व देता है, वह दोनों से हाथ धो बैठता है
- यथार्थ आदर्श के अनुरूप नहीं होता है, बल्कि उसकी पुष्टि करता है
Essay Questions for UPSC Mains (निबंध) 2017
खण्ड ‘A’
- भारत में अधिकतर कृषकों के लिए कृषि जीवन-निर्वाह का एक सक्षम स्रोत नहीं रही है।
- भारत में संघ और राज्यों के बीच राजकोषीय सम्बन्धों पर नये आर्थिक उपायों का प्रभाव।
- राष्ट्र के भाग्य का स्वरूप-निर्माण उसकी कक्षाओं में होता है।
- क्या गुटनिरपेक्ष आन्दोलन (नाम) एक बहुध्रुवी विश्व में अपनी प्रासंगिकता को खो बैठा है?
खण्ड ‘B’
- हर्ष कृतज्ञता का सरलतम रूप है।
- भारत में ‘नये युग की नारी’ की परिपूर्णता एक मिथक है।
- हम मानवीय नियमों का तो साहसपूर्वक सामना कर सकते हैं, परंतु प्राकृतिक नियमों का प्रतिरोध नहीं कर सकते।
- ‘सोशल मीडिया’ अंतर्निहित रूप से एक स्वार्थपरायण माध्यम है।
Essay Questions for UPSC Mains (निबंध) 2016
खण्ड ‘A’
- स्त्री-पुरुष के समान सरोकारों को शामिल किए बिना विकास संकटग्रस्त है
- आवश्यकता लोभ की जननी है तथा लोभ का आधिक्य नस्लें बर्बाद करता है
- संघीय भारत में राज्यों के बीच जल-विवाद
- नवप्रवर्तन आर्थिक संवृद्धि और सामाजिक कल्याण का अपरिहार्य निर्धारक है
खण्ड ‘B’
- सहकारी संघवाद : मिथक अथवा यथार्थ
- साइबरस्पेस और इंटरनेट : दीर्घ अवधि में मानव सभ्यता के लिए वरदान अथवा अभिशाप
- भारत में लगभग रोजगारविहीन संवृद्धि : आर्थिक सुधार की विसंगति या परिणाम
- डिजिटल अर्थव्यवस्था : एक समताकारी या आर्थिक असमता का स्रोत
Essay Questions for UPSC Mains (निबंध) 2015
खण्ड ‘A’
- किसी को अनुदान देने से, उसके काम में हाथ बँटाना बेहतर है।
- फुर्तीला किन्तु संतुलित व्यक्ति ही दौड़ में विजयी होता है।
- किसी संस्था का चरित्र-चित्रण, उसके नेतृत्व में प्रतिबिम्बित होता है।
- मूल्यों से वंचित शिक्षा, जैसी अभी उपयोगी है, व्यक्ति को अधिक चतुर शैतान बनाने जैसी लगती है।
खण्ड ‘B’
- प्रौद्योगिकी, मानवशक्ति को विस्थापित नहीं कर सकती।
- भारत के सम्मुख संकट – नैतिक या आर्थिक ।
- वे सपने जो भारत को सोने न दें।
- क्या पूंजीवाद द्वारा समावेशित विकास हो पाना संभव है?
Essay Questions for UPSC Mains (निबंध) 2014
खण्ड ‘A’
- अधिकार (सत्ता) बढ़ने के साथ उत्तरदायित्व भी बढ़ जाता है।
- क्या प्रतिस्पर्धा का बढ़ता स्तर युवाओं के हित में है?
- क्या मानकीकृत परीक्षण शैक्षिक योग्यता या प्रगति का बढ़िया माप है?
- शब्द दो-धारी तलवार से अधिक तीक्ष्ण होते हैं।
खण्ड ‘B’
- क्या यह नीति-गतिहीनता थी या कि क्रियान्वयन-गतिहीनता थी, जिसने हमारे देश की संवृद्धि को मंथर बना दिया था?
- क्या स्टिंग ऑपरेशन निजता पर एक प्रहार है?
- ओलम्पिक में पचास स्वर्ण पदक : क्या भारत के लिए यह वास्तविकता हो सकती है?
- पर्यटन : क्या भारत के लिए यह अगला बड़ा प्रेरक हो सकता है?
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