1. 1858 के बाद रियासतों के प्रति ब्रिटिश दृष्टिकोण में क्या परिवर्तन आये? क्या 1858 के भारत सरकार अधिनियम का उद्देश्य राजकुमारों और ताज के बीच सीधा संबंध स्थापित करना था?(1985)
  1. “द्वैध शासन को उच्च आशाओं के साथ लागू किया गया था और यह कहा जाना चाहिए कि, सैद्धांतिक विश्लेषण पर और यदि आदर्श परिस्थितियों में काम किया जाए, तो यह गुणों से रहित नहीं है।” लगभग 200 शब्दों में टिप्पणी करें।(1988)
  1. ‘देशी राज्यों के संबंध, चाहे जो भी हों, मूलतः ब्रिटिश क्राउन के साथ हैं, न कि भारतीय सरकार के साथ।’ टिप्पणी करें।(1991)
  1. ‘भारत में किसी भी ऐसे देशी राज्य का अस्तित्व नहीं छोड़ा जाना चाहिए जो ब्रिटिश सत्ता द्वारा समर्थित न हो या जिसका राजनीतिक आचरण पूर्ण नियंत्रण में न हो।’ टिप्पणी करें।(1992)
  1. ‘कृपया याद रखें, अलग निर्वाचन क्षेत्र देकर हम ड्रैगन के दांत बो रहे हैं, फसल कड़वी होगी।’ टिप्पणी करें।(1992)
  1. कैनिंग से कर्ज़न तक भारत सरकार को ”रचनात्मक प्रयास या नए युग की तैयारी के आह्वान के बजाय एक श्वेत व्यक्ति का बोझ” माना जाता था। टिप्पणी।(1995)
  1. मोंटफोर्ड सुधारों द्वारा प्रदान की गई द्वैध शासन प्रणाली ने “निश्चित रूप से बाहर संदेह और भीतर मतभेद पैदा किए।” टिप्पणी।(1995)
  1. मोंटेग घोषणा (20 अगस्त 1917) को किसी भी अन्य चीज़ की तुलना में “शाही संबंधों के दायरे” में अधिक बारीकी से देखा गया। टिप्पणी।(1998)
  1. 1909, 1919 और 1935 के संवैधानिक परिवर्तनों के प्रति भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के दृष्टिकोण की व्याख्या करें।(1998)
  1. “कृपया याद रखें, अलग निर्वाचन क्षेत्र देकर हम ड्रैगन के दांत बो रहे हैं और फसल कड़वी होगी।” (मॉर्ले). टिप्पणी करें। (2009)
  1.  “यद्यपि 1919 का अधिनियम 1935 के अधिनियम द्वारा विस्थापित हो गया, पहले की प्रस्तावना नहीं बदली गई-चेशायरी बिल्ली के लुप्त होने के बाद भी उसकी मुस्कराहट बनी रही, और दूसरे में औपनिवेशिक पद का कोई जिक्र नहीं था।” स्पष्ट कीजिए। (2013)
  1. “मोंटेग्यू-चेम्सफोर्ड सुधार प्रस्तावों ने ‘द्विशासन’ प्रणाली लागू की, किन्तु इसने जिम्मेदारियों की रेखाओं को धुंधला कर दिया।” (2014)
  1. ”यद्यपि 1935 के भारत सरकार अधिनियम ने द्वैधशासन के स्थान पर प्रांतीय स्वायत्तता को स्थापित किया, तथापि गवर्नर को प्रदत्त अधिभावी शक्तियों ने स्वायत्तता की आत्मा को कमजोर कर दिया।” अविस्तार स्पष्ट कीजिए। (2015)
  1. “पैतृकवादी हितैषिता की एक विचारधारा साथ में न्यासिता की बात और स्व-शासन के लिए प्रशिक्षण के राज के वास्तविक स्वरूप को, जो कि निहायती श्वेत और निरंकुश था, कुछ-कुछ ढके रखा था।” (2018)
  1. क्या द्वैध शासन (1919) भारतीयों की राष्ट्रीय भावनाओं को संतुष्ट कर पाया था? (2018)
  1.  क्या यह कहना न्यायोचित है कि 1935 के गवर्नमेंट ऑफ इण्डिया ऐक्ट में सभी ब्रेक्स थे, परन्तु कोई इंजन नहीं था? (2019)
  1. भारत में 1858 के बाद हुए प्रमुख संवैधानिक सुधारों तथा समाज एवं राजनीति पर उनके प्रभाव की विवेचना कीजिए। (2021)

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