UPSC Hindi Literature Optional Paper-1 2021: हिंदी साहित्य प्रथम प्रश्न पत्र
खण्ड ‘A’
1. निम्नलिखित प्रत्येक पर लगभग 150 शब्दों में टिप्पणियाँ लिखिए :
(a) अवहट्ठ की व्याकरणिक संरचना का स्वरूप
(b) देवनागरी लिपि के प्रमुख गुण
(c) रहीं की काव्य भाषा का महत्व
(d) दक्खिनी हिन्दी का स्वरूप
(e) स्वतंत्रयोत्तर भारत में हिन्दी की स्थिति
2. (a) पूर्वी हिन्दी की प्रमुख बोलियों का संक्षिप्त परिचय दीजिए।
(b) उन्नीसवीं शताब्दी में खड़ीबोली के विकास पर प्रकाश डालिए।
(c) हिन्दी में पारिभाषिक शब्दावली निर्माण में आने वाली कठिनाइयों का परिचय दीजिए।
3. (a) साहित्यिक भाषा के रूप में अवधी के महत्व का आकलन कीजिए।
(b) ब्रजभाषा की व्याकरणिक विशेषताओं का निरूपण कीजिए।
(c) हिन्दी और उसकी बोलियों के अंतरसंबंध का विवेचन कीजिए।
4. (a) नागरी लिपि के सुधार हेतु किए गए प्रयासों का विवेचन कीजिए।
(b) ” ‘हिन्दुस्तानी’ एक कृत्रिम भाषा थी” – इस कथन की तर्कपूर्ण व्याख्या कीजिए।
(c) मानक हिन्दी की व्याकरणिक संरचना को स्पष्ट कीजिए।
खण्ड ‘B’
5. निम्नलिखित प्रत्येक पर लगभग 150 शब्दों में टिप्पणियाँ लिखिए :
(a) रामचन्द्र शुक्ल के साहित्येतिहास लेखन की प्रमुख विशेषताएं
(b) कबीर की प्रासंगिकता
(c) बिहारी का काव्य-वैभव
(d) प्रेमचंद की कहानियों में चित्रित ‘आदर्शोन्मुख यथार्थवाद’
(e) ‘रेणु’ की कथा-भाषा
6. (a) रीतिबद्ध काव्यधारा में केशवदास के कवि-कर्म का मूल्यांकन कीजिए।
(b) मुक्तिबोध की काव्य-संवेदना की प्रमुख विशेषताएं स्पष्ट कीजिए।
(c) हिन्दी उपन्यास के विकास में यशपाल के योगदान पर विचार कीजिए।
7. (a) मोहन राकेश की नाट्य-कला और मंच-सज्जा पर प्रकाश डालिए।
(b) रामविलस शर्मा के आलोचना-कर्म के महत्व पर प्रकाश डालिए।
(c) संस्मरण साहित्य के विकास पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
8. (a) हिन्दी रंगमंच के विकास की संक्षिप्त रूपरेखा दीजिए।
(b) कृष्णा सोबती के कथा-संसार पर प्रकाश डालिए।
(c) महादेवी वर्मा के रेखाचित्रों के महत्व का आकलन कीजिए।
UPSC Hindi Literature Optional Paper-2 2021: हिंदी साहित्य द्वितीय प्रश्न पत्र
खण्ड ‘A’
1. निम्नलिखित की सप्रसंग व्याख्या लगभग 150 शब्दों में कीजिए :
(a) काहे को रोकत मारग सुधो?
सुनहु मधुप! निर्गुन- कंटक तें राजपंथ क्यों रुँधौ ?
कै तुम सिखै पठाए कुब्जा, कै कही स्यामघन जू धौं ?
बेद पुरान सूमृति सब ढूंढ़ौ जुवतिन जोग कहूँ धौ?
ताको कहा परेखौ कीजै जानत छाछ न दूधौ ।
सूर मूर अक्रूर गए लै ब्याज निबेरत ऊधौ।।
(b) धूत कहौ, अवधूत कहौ, रजपूतू कहौ, जोलहा कहौ काऊ ।
काहू की बेटी सों, बेटा न ब्याहब, काहू की जाति बिगार न सोऊ ।।
तुलसी सरनाम गुलामु है राम को, जाको, रूचै सो कहै कछु ओऊ ।
माँगि कै खैबो मसीत को सोइबो, लैबो को, एकु न दैबे को दोऊ ।।
(c) दुःख की पिछली रजनी बीच, विकसता सुख का नवल प्रभात ।
एक परदा यह झीना नील, छिपाए है जिसमें सुख गात ।
जिसे तुम समझे हो अभिशाप, जगत की ज्वालाओं का मूल-
ईश का वह रहस्य वरदान, कभी मत इसको जाओ भूल ।।
(d) कांपते हुए किसलय, – झरते पराग समुदाय,-
गाते खग नव-जीवन-परिचय, तरु मलय-वलय,
ज्योतिः प्रपात स्वर्गीय,-ज्ञात छवि प्रथम स्वीय-
जानकी-नयन-कमनीय प्रथम कम्पन तुरीय ।
(e) दाने आये घर के अंदर कई दिनों के बाद
धुआँ उठा आंगन से ऊपर कई दिनों के बाद
कौए ने खुजली पांखेकई दिनों के बाद ।
2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
(a) कबीर वाणी के डिक्टेटर हैं। ” इस कथन के आलोक में कबीर की अभिव्यंजना शैली पर विचार कीजिए।
(b) “जायसी ने इतिहास और कल्पना के सुंदर समन्वय से यह अत्यंत उत्कर्ष का महाकाव्य दिया है।”इस कथन के आधार पर ‘पद्मावत’ की समीक्षा कीजिए।
(c) “बिहारी ने अन्योक्तियों व सूक्तियों के माध्यम से जीवन के सत्य का सजीव वर्णन किया है।” इस कथन की विवेचना कीजिए।
3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
(a) ” अज्ञेय द्वारा रचित कविता ‘असाध्य वीणा’ की मूल संवेदना स्पष्ट कीजिए।
(b) “गुप्त जी ने ‘भारत-भारती’ के माध्यम से न सिर्फ अतीत के गौरव का गान किया है, बल्कि वर्तमान को भी झकझोरा है। ” इस कथन की विवेचना कीजिए।
(c) “दिनकर युगचेता कवि हैं।” कुरुक्षेत्र से उदाहरण देते हुए इस कथन की सत्यता प्रमाणित कीजिए।
4. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
(a) “‘कामायनी’ का गौरव उसके युगबोध, परिपुष्ट चिंतन, महत उद्देश्य और प्रौढ़ शिल्प में निहित है।” इस कथन की विवेचना कीजिए।
(b) मुक्तिबोध की कविता ‘ब्रह्मराक्षस’ में अन्तःस्यूत फैंटेसी को व्याख्यायित कीजिए।
(c) ‘हरिजन गाथा’ कविता की मूल संवेदना पर प्रकाश डालिए।
खण्ड ‘B’
5. निम्नलिखित अवतरणों की सप्रसंग व्याख्या लगभग 150 शब्दों में कीजिए :
(a) अंधकार का आलोक से, असत का सत से, जड़ का चेतन से और ब्रह्म जगत का अन्तर्जात से संबंध कौन कराती है? कविता ही न!
(b) प्रेम में कुछ मान भी होता है, कुछ महत्व भी। श्रद्धा तो अपने को मिटा डालती है और अपने मीट जाने को ही अपना इष्ट बना लेती है। प्रेम अधिकार करना चाहता है, जो कुछ देता है, उसके बदले में कुछ चाहता भी है ।
(c) विधाता की सृष्टि में मानव ही सबसे बड़ा शक्तिशाली है। उसको पराजित करना असंभव है, प्रचण्ड शक्तिशाली बमों से भी नहीं। पागलों! आदमी-आदमी है, गिनीपिग नहीं।….. सबारि ऊपर मानुष सत्य!
(d) साहित्यकार का लक्ष्य केवल महफ़िल सजाना और मनोरंजन का सामान जुटाना नहीं है- उसका दरजा इतना न गियाइए। वह देश-भक्ति और राजनीति के पीछे चलने वाली सच्चाई भी नही, बल्कि उनके आगे मशाल दिखती हुई चलने वाली सचाई है।
(e) जिसे तुम नाश कहती हो, वह केवल परिवर्तन है। अमरता का अर्थ अपरिवर्तन। कल्पना करो, संसार में कोई भी परिवर्तन न हो? उस संसार में क्या सुख और आकर्षण होगा?
6. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
(a) “‘गोदान’ के पात्र व्यष्टिपरक न होकर वर्ग के प्रतिनिधि के रूप में आते हैं।” सिद्ध कीजिए।
(b) “रामचन्द्र शुक्ल के निबंधों में बुद्धितत्व और हृदय की अनुभूति का सुंदर समन्वय हुआ है।” इस कथन की विवेचना कीजिए।
(c) ‘महाभोज’ उपन्यास के नामकरण की सार्थकता पर विचार कीजिए।
7. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
(a) “‘भारत दुर्दशा’ अतीत गौरव की चमकदार स्मृति है, आँसू भरा वर्तमान है और भविष्य-निर्माण की भव्य प्रेरणा है।” इस कथन की विवेचना कीजिए।
(b) “प्रसाद जी के नाटक न सुखांत हैं न दुखांत, बल्कि वे प्रसादान्त हैं।” इस कथन पर अपनी सहमति-असहमति व्यक्त कीजिए।
(c) गाँधीवादी विचारधारा के आलोक में बवानदास के चरित्र का विश्लेषण कीजिए।
8. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
(a) “मल्लिका की अनन्यता एवं सात्विक प्रेम ‘आषाढ़ का एक दिन’ की महती उपलब्धि है। उसके चरित्र में भारतीय आदर्श ललना साकार हो उठी है।” इस कथन की तर्कसंगत मीमांसा कीजिए ।
(b) ‘साहित्य जनसमूह के हृदय का विकास है’ निबंध की तात्विक समीक्षा कीजिए।
(c ) “‘चीफ की दावत’ मध्यवर्गीय अवसरवादिता और मानवीय मूल्यों के विघटन का जीवंत द्रतवेज है।” इस कथन की विवेचना कीजिए।