भारतीय भाषा सिन्धी वैकल्पिक विषय पेपर- I पाठ्यक्रम (Sindhi Literature Syllabus)

खण्ड-क

  1. (क) सिन्धी भाषा का उद्भव और विकास विभिन्न विद्वानों के मत ।
    (ख) स्वर विज्ञान, आकृति विज्ञान एवं वाक्य विन्यास के साथ सिन्धी भाषा के संबंध सहित सिन्धी की महत्वपूर्ण भाषा वैज्ञानिक विशेषताएं।
    (ग) सिन्धी भाषा की प्रमुख बालियां ।
    (घ) विभाजन के पहले और विभाजन के बाद की अवधियों में सिन्धी शब्दावली और उनके विकास के चरण ।
    (ड) सिन्धी की विभिन्न लेखन प्रणालियों (लिपियों) का ऐतिहासिक अध्ययन ।
    (च) विभाजन के बाद अन्य भाषाओं और सामाजिक स्थितियों के प्रभाव के चलते भारत में सिन्धी भाषा की संरचना में परिवर्तन ।

खण्ड -ख

  1. विभिन्न युगों के सामाजिक-सांस्कृतिक संदर्भ में सिन्धी-साहित्य:

(क) लोक साहित्य समेत सन् 1350 ई. तक का प्रारम्भिक मध्यकालीन साहित्य ।
(ख) सन् 1350 ई. से 1850 ई. तक का परवर्ती मध्यकालीन साहित्य ।
(ग) सन् 1850 ई. से 1947 ई. तक का पुनर्जागरण काल ।
(घ) आधुनिक काल सन् 1947 ई. से आगे । | (आधुनिक सिन्धी साहित्य की साहित्यिक विधाएं और कविता, नाटक, उपन्यास, कहानी, निबन्ध, साहित्यिक आलोचना, जीवनी, आत्मकथा, संस्मरण और यात्रा विवरणों में प्रयोग)।


भारतीय भाषा सिन्धी वैकल्पिक विषय पेपर- II पाठ्यक्रम (Sindhi Literature Syllabus)

(उत्तर सिंधी, अरबी अथवा देवनागरी लिपि में लिखना  होगा)

इस प्रश्न-पत्र में निर्धारित मूल पाठ्य पुस्तकों को पढ़ना अपेक्षित होगा और इसका प्रारूप इस प्रकार तैयार किया जाएगा जिस अभ्यर्थी की आलोचनात्मक योग्यता की परीक्षा हो सके ।

खण्ड-क

इस खंड में पाठ्य पुस्तकों की सप्रसंग व्याख्याएं और आलोचनात्मक विश्लेषण होंगे।

  1. काव्य

(क) “शाह जो चूण्डा शायर’, संपादक : एच. आई. सदरानगणी; साहित्य अकादमी द्वारा प्रकाशित (प्रथम सौ पृष्ठ) ।
(ख) “साचल जो चूण्ड कलाम” संपादक : कल्याण बी. अडवाणी: साहित्य अकादमी द्वारा प्रकाशित (सिर्फ कापिस)।
(ग) ”सामी-ए-जा चंद श्लोक”; संपादक: बी.एच. नागराणी; साहित्य अकादमी द्वारा प्रकाशित (प्रथम सौ पृष्ठ) ।
(घ) ”शायर-ए-बेवास”; किशिनचंद बेवास (सिर्फ सामुन्डी सिपुन भाग) ।
(ड.) ‘रौशन छंवरो”; नारायण श्याम ।
(च) “विरहंगे खानपोई जी सिन्धी शायर जी चूण्ड”; संपादकः एच.आई. सदरानगणी; साहित्य अकादमी द्वारा प्रकाशित ।

  1. नाटक (क) “बेहतरीन सिन्धी नाटक’ (एकांकी) एम. ख्याल द्वारा संपादित; गुजरात सिन्धी अकादमी द्वारा प्रकाशित । “काको कालूमल” (पूर्णावधि नाटक) : मदन जुमाणी ।

खण्ड-ख

इस खंड में पाठ्य पुस्तकों की सप्रसंग व्याख्याएं और आलोचनात्मक विश्लेषण होंगे।

(क) पाखीअरा बालार खान विछडूया उपन्यास) गोविन्द माल्ही।
(ख) सत् दीन्हण (उपन्यास) : कृशिन सतवाणी ।
(ग) चूण्ड सिन्धी कहानियां (कहानियां) भाग-III; संप्रादक : प्रेम प्रकाश; साहित्य अकादमी द्वारा प्रकाशित ।
(घ) ‘बंधन” (कहानियां) सुन्दरी उत्तमचंदानी ।
(ङ) ”बेहतरीन सिन्धी मजमून” (निबंध); संप्रादक : हीरो ठाकुर; गुजरात सिन्धी अकादमी द्वारा प्रकाशित ।
(च) “सिन्धी तनकीद” (आलोचना); संप्रादक : वासवानी; साहित्य अकादमी द्वारा प्रकाशित ।
(छ) ” मुमहीनजी हयाती-ए-जा-सोना रूपा वकां’। (आत्मकथा); पोपाटी हीरानंदानी ।
(ज) “हा. चोइश्चम गिडवानी’ (जीवनी); विष्णु शर्मा।


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