परीक्षा का नाम (Exam Name): UPPSC/UPPCS – 2020
विषय (Subject) : सामान्य हिंदी (General Hindi)
माध्यम (Medium): Hindi

नोटः

  • सभी प्रश्न अनिवार्य हैं।
  • प्रत्येक प्रश्न के अंक के अंत में अंकित हैं।
  • पत्र, प्रार्थना-पत्र या किसी अन्य प्रश्न के उत्तर के साथ अपना अथवा अन्य का नाम, पता एवं अनुक्रमांक न लिखें। आवश्यक होने पर क, ख, ग लिख सकते हैं।

1. निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए और नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर दीजिए ।

भारत, प्रकृति की संसार में सबसे बडी लीला भूमि है । यहाँ सभी ऋतुएँ-किसी न किसी भाग में एक साथ मौजूद रहती हैं । नदी, पर्वत, वन और अन्नपूर्णा धरती से, भारतीय साहित्य का सदा से गहरा संबंध रहा है। क्योंकि उसने प्रकृति से अपनी सहधर्मिता और सहअस्तित्व को पहचाना है। भारत की पहली कविता ही पशु-पक्षी की हिंसा के विरुद्ध जन्मी थी। कवियों ने प्रकृति की हल्की से हल्की धड़कन और कंपन को महसूस किया है । आदिकवि वाल्मीकि जानते हैं कि कड़कड़ाती ठंड में जलचर हंस कैसे संभल कर, डरकर ठंडे पानी में पैर डालते हैं ? कालिदास को पता है कि अनुकूल मंद-मंद पवन यात्रा का शुभ शकुन है। प्रेमचंद के बैल अपनी व्यथा-कथा हमारे कान में कह जाते हैं। प्रसाद की प्रकृति हमें अतिवाद के प्रति सावधान करती है । रचनाकार तो मनुष्य की संवेदना का प्रतीक भी है और प्रहरी भी। प्रकृति से उसका साहचर्य और संवाद मनुष्य से प्रकृति के संवाद और साहचर्य का प्रतीक है। इस तरह अंतः प्रकृति और वाह्यप्रकृति के सहारे निरंतर परिष्कृत, सरल और प्रांजल बनती है । आज प्रकृति के प्रति हिंस्र और विसंवादी होकर हमने क्या पाया है – तरह तरह के शारीरिक, मानसिक रोग, एक संकीर्ण और विकृत अंतःकरण, एक संवेदनहीन आत्मकेंद्रित जगत और चारों तरफ प्रदूषण का तांडव जो अंततः हमारा विनाश ही करेगा । मनोवैज्ञानिक कहते हैं कि पहाड़ और समुद्र को देखने भर से मनुष्य का हृदय विशाल होता है – तो यदि वे हमारे मन में ही बस जाएँ, तो हम कितने विराट और उदात्त हो सकेंगे ? यह जान लेना जरूरी है कि प्रकृति मनुष्य का प्रतिपक्ष नहीं है, वह उसकी सहचरी है। जो रहस्य खोजे गए हैं वे खोजने के लिए ही उसने बचाए हैं, ताकि मनुष्य का कृतित्व अकारथ न हो, उसका पौरुष हीनताबोध में ना बदल जाए।

(क) प्रस्तुत गद्यांश का भावार्थ अपने शब्दों में लिखिए ।
(ख) मनुष्य और प्रकृति के आपसी रिश्ते को गद्यांश के आधार पर स्पष्ट कीजिए ।
(ग) उपर्युक्त गद्यांश की रेखांकित पंक्तियों की व्याख्या कीजिये ।

2. निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर निर्देशानुसार उत्तर लिखिए ।

विद्वानों का मानना है कि राजनीति ने भाषा को भ्रष्ट कर दिया है; शब्दों से उनके सही अर्थ छीनकर उन्हें छद्म अर्थ पहना दिए हैं । संसद, संविधान, कानून, जनहित, न्याय, अधिकार, साक्ष्य, जाँच जैसे ढेरों शब्द अपना असली अर्थ खोकर बदशक्ल हो चुके हैं। शब्द भले ही अच्छा या बुरा कोई भी अर्थ प्रकट करता हो, जब अपना असली अर्थ खो देता है, तो वह बदशक्ल हो जाता है। भाषा का भ्रंश, अंततः सामाजिक मानवीय मूल्यों का भ्रंश है। कल्पना कीजिए कि एक मनुष्य दूसरे मनुष्य से जो कहे उसका वही अर्थ ना हो, जो भाषा प्रकट करती है या ऐसे अनुभवों की पुनरावृत्ति के कारण दूसरा व्यक्ति उसे सही अर्थ में ना लेकर उसमें अनर्थ या अन्य अर्थ खोजने लगे तो क्या होगा ? यह मनुष्य का मनुष्य पर से विश्वास उठने का मामला है, जो सामाजिक विश्रृंखलता का पहला और अंतिम चरण है। पहला इसलिए कि भाषा को मनुष्य ने परस्पर संवाद और सही संप्रेषण के लिए गढ़ा है और अंतिम इसलिए कि आगे चलकर मनुष्य का कर्म भी भाषा के मूल अर्थ का नहीं उसके भ्रंश का रूप ले लेता है । यह इस तरह होता है कि छद्म अर्थ का वाहन करते-करते भाषा अंततः हमारे कर्म को ही छद्म में बदल देती है। क्या हम भाषा को भ्रष्ट करने की परिणति राजनीतिक और सामाजिक जीवन के चरम पतन में नहीं देख रहे ?

(क) प्रस्तुत गद्यांश के लिए उचित शीर्षक दीजिए ।
(ख) उपर्युक्त गद्यांश के आधार पर भाषा की भूमिका पर प्रकाश डालिये।
(ग) उपर्युक्त गद्यांश का संक्षेपण कीजिए ।

3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए

(क) कार्यालय आदेश किसे कहते हैं ? शिक्षा विभाग, उत्तर प्रदेश की ओर से जारी विशेष छात्रवृत्ति योजना संबंधी कार्यालय आदेश का प्रारूप तैयार कीजिए।
(ख) मुखिया की ओर से पंचायत में कोविड-19 से हो रही मृत्यु संबंधी एक सरकारी पत्र जिलाधिकारी को लिखिए ।

4. निम्नलिखित शब्दों के विलोम लिखिए।

सुषुप्ति, पूर्व, प्रसन्न, परकीय, महान, ज्ञानी, लघु, नीति, शोक, विघ्न

5. (क) निम्नलिखित शब्दों में प्रयुक्त उपसर्गों को निर्देश कीजिए ।

अपव्यय, निष्काम, उन्नयन, संशय, स्वच्छ

(ख) निम्नलिखित शब्दों में प्रयुक्त प्रत्ययों को अलग कीजिए ।

क्रीड़ा, मिठाई, मरियल, भिक्षुक, धमकी

6. निम्नलिखित वाक्यांशों या पदबंधों के लिए एक-एक शब्द लिखिए ।

(1) जिसका आदि न हो
(2) व्यर्थ खर्च करने वाला
(3) बिना पलक झपकाए
(4) मरने की इच्छा
(5) जिसे दूर करना कठिन हो ।

7. (क) निम्नलिखित वाक्यों को शुद्ध कीजिए ।

(1) निरपराधी को दंड नहीं मिलनी चाहिए।
(2) आप खाए कि नहीं ?
(3) लड़की ने दही गिरा दी।
(4) आपके दवा से वह आरोग्य हुआ।
(5) कमरा लोगों से लबालब भरा है।

(ख) निम्नलिखित शब्दों की वर्तनी का संशोधन कीजिए।

सिंहिनी, छुद्र, चर्मोत्कर्ष, चिन्ह, बरबर्ता

8. निम्नलिखित मुहावरों/लोकोक्तियों के अर्थ लिखिए और उनका वाक्य में प्रयोग कीजिए।

(1) आठ-आठ आँसू बहाना
(2) कागज की नाव
(3) चादर से बाहर पैर फैलाना
(4) टोपी छा
(5) मिट्टी खराब करना
(6) रँगा सियार होना
(7) का बरखा जब कृषि सुखाने
(8) कंगाली में आटा गीला
(9) नेकी कर कुएँ में डाल
(10) पर उपदेश कुशल बहुतेरे ।