परीक्षा का नाम (Exam Name): UPPSC/UPPCS 2019
विषय (Subject) : सामान्य हिंदी (General Hindi)
माध्यम (Medium): Hindi

नोटः

  • सभी प्रश्न अनिवार्य हैं।
  • प्रत्येक प्रश्न के अंक के अंत में अंकित हैं।
  • पत्र, प्रार्थना-पत्र या किसी अन्य प्रश्न के उत्तर के साथ अपना अथवा अन्य का नाम, पता एवं अनुक्रमांक न लिखें। आवश्यक होने पर क, ख, ग लिख सकते हैं।

1. निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िये और नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर दीजिए ।

जिस प्रकार साहित्य, धर्म और विज्ञान का लोक के व्यापक जीवन में प्रवेश आवश्यक है, उसी प्रकार जीवन के संस्कार और समाज की स्थिति के लिए कला की अनिवार्य आवश्यकता है । यदि कला कुछ सौन्दर्य-प्रेमियों के लिए विलास या कुतूहल वृत्ति का साधत मात्र रहेगी, तो लोक की बड़ी हानि होगी । वस्तुतः कला जीवन के सूक्ष्म और सुन्दर पट का वितान है, जिसके आश्रय में समग्र लोक अपनी उत्सवानुगामी और संस्कारक प्रवृत्तियों को तृप्त करता हुआ, उच्च मन की शान्ति और समन्वय का अनुभव कर सकता है। मनुष्य अपने अन्तिम कल्याण के लिए यह चाहता है। कि जितना स्थूल जड़ जगत् उसके चारों ओर घिरा हुआ है, उसको सुन्दर रूप में ढाल ले । स्थूल के ऊपर जो मानस और अध्यात्म जगत है उसको चरित्र और ज्ञान के द्वारा हय आकर्षक और सौन्दर्य I । युक्त बनाते हैं । इस द्विविध सौन्दर्य के बीच में ही जीवन पूरी तरह से रहने योग्य बनता है । जिस समय जीवन के चरित्र और मनोभाव हमारे चारों ओर विकसित होकर अपनी लहरियों से वातावरण को भर देते हैं और उनकी तरंगें हमारे अंतर्जगत को आह्लादित और प्रेरित करती हैं, उस समय यह अत्यंत आवश्यक हो जाता है कि स्थूल पार्थिव वस्तुओं के जो अनगढ़ रूप हमें घेरे हुए हैं, वे भी कला के प्रभाव से द्रवित हो जाएँ और उनमें से रूप-सौन्दर्य और श्री के सोते फूट निकलें । कला का प्रत्येक उदाहरण जगमगाते दीपक की तरह अपने चारों ओर प्रकाश की किरणें भेजता रहता है।

(क) प्रस्तुत गद्यांश का भावार्थ अपने शब्दों में लिखिए ।
(ख) जीवन किस स्थिति में रहने योग्य बनता है ? गद्यांश के आधार पर स्पष्ट कीजिए ।
(ग) उपर्युक्त गद्यांश की रेखांकित पंक्तियों की व्याख्या कीजिए ।

2. निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर निर्देशानुसार उत्तर लिखिए ।

जीवन को उसकी समग्रता में सोचना और जीवन को एक खास इरादे से सोचना दो अलग तरह की तैयारियाँ हैं और इस माने में साहित्य जब भी राजनीति की तरह भाषा का एक तरफा या इकहरा प्रयोग करता है, वह अपनी मूल शक्ति को सीमित या कुंठित करता है। राजनीति के मुहावरे में बोलते समय हम एक ऐसे वर्ग की भाषा बोल रहे होते हैं जिसके लिए भाषा प्रमुख चीज नहीं है, वह भाषा का दूसरे या तीसरे दर्जे का इस्तेमाल है । वह एक खास मकसद तक पहुँचने का साधनमात्र है । उसे भाषा की सामर्थ्य, प्रामाणिकता या सचाई में उस तरह दिलचस्पी नहीं रहती जिस तरह साहित्य को । उसकी भाषा प्रचार प्रमुख, रेटारिकल और नकली व्यक्तित्व की भाषा हो सकती है क्योंकि राजनीति के लिए भाषा एक व्यावहारिक और कामचलाऊ चीज़ है जब कि साहित्यकार के लिए भाषा उस ज़िन्दगी की सचाई का जीता जागता हिस्सा है जिसे वह राजनीतिक, व्यावसायिक, व्यावहारिक या स्वार्थों की हिंसा, तोड़-फोड़ और प्रदूषण से बचाकरके उसकी मूल गरिमा और शक्ति में स्थापित या पुनर्स्थापित करना चाहता है। साहित्य का काम अपनी पहचान को राजनीति का भाषा में खो देना नहीं, बल्कि उस भाषा के छद्म से अपने को लगभग बेगाना करके अकेला कर लेना है, एक सत्त की तरह अकेला, कि राजनीति के लिए जरूरी हो जाए कि वह बार बार अपनी प्रामाणिकता और सचाई के लिए साहित्य से भाषा माँगे न कि साहित्य ही राजनीति की भाषा बनकर अपनी पहचान खो दे ।

(क) प्रस्तुत गद्यांश के लिए उचित शीर्षक दीजिए ।
(ख) साहित्य की और राजनीति की भाषा में प्रमुख अन्तर क्या है ? स्पष्ट कीजिए ।
(ग) उपर्युक्त गद्यांश का संक्षेपण कीजिए ।

3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए ।

(क) परिपत्र किसे कहते हैं ? स्वास्थ्य विभाग, उ. प्र. के प्रमुख सचिव की ओर से प्रदेश के पूर्वी जिलों के बच्चों को मस्तिष्क-ज्वर से बचाने के लिए उचित व्यवस्था हेतु परिपत्र तैयार कीजिए ।
(ख) कार्यालय आदेश का परिचय दीजिए । गृह विभाग, उ. प्र. सरकार की ओर से जारी किसी कर्मचारी के स्थानान्तरण सम्बन्धी कार्यालयी आदेश का प्रारूप तैयार कीजिए ।

4. निम्नलिखित शब्दों के विलोम लिखिए ।

परिचित, आपत्ति, पूर्ण, धरती, प्रिय, जय, विहित, स्निग्ध, भय, शत्रु

5.

(क) निम्नलिखित शब्दों में प्रयुक्त उपसर्गों का निर्देश कीजिए । संगोष्ठी, प्रत्यक्ष, पराक्रम, निर्वसन, निस्सन्देह
(ख) निम्नलिखित शब्दों में प्रयुक्त प्रत्ययों को विलग कीजिए । शैव, नीलिमा, दाक्षिणात्य, खुर्दबीन, वर्तमान

6. निम्नलिखित वाक्यों या पदबंधों के लिए एक-एक शब्द लिखिए ।

(i) जो कृतज्ञ न हो ।
(ii) जो सूर्य न देखे ऐसी स्त्री ।
(iii) जो रूढ़ियों में विश्वास करता हो ।
(iv) जो पूजा के योग्य हो ।
(v) जो देश से प्रेम करता हो ।

7. (क) निम्नलिखित वाक्यों को शुद्ध कीजिए ।

(i) राम घर जाती है ।
(ii) मैंने जाना है ।
(iii) मैंने आपके घर में रखी पुस्तक को देख ली ।
(iv) विद्यालय में सभी कक्षा के विद्यार्थी बुलाए गए हैं ।
(v) मनोज रोती है ।

(ख) निम्नलिखित शब्दों की वर्तनी का संशोधन कीजिए ।
निष्पापी, पूर्ती, मुनी, लिपी, नीती

8. निम्नलिखित मुहावरों/लोकोक्तियों के अर्थ लिखिए और उनका वाक्यों में प्रयोग कीजिए ।

(i) यथा राजा तथा प्रजा
(ii) अरहर की टट्टी गुजराती ताला
(iii) आ बैल मुझे मार
(iv) नौ दो ग्यारह हो जाना
(v) जैसा देश वैसा भेष
(vi) दाल भात में मूसरचंद
(vii) ऊँची दूकान फीके पकवान
(viii) मान न मान मैं तेरा मेहमान


(ix) अन्धेर नगरी चौपट राजा

(x) आसमान से गिरा खजूर में अटका ।